गाजीपुरः नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए करोड़ों के घोटाले की अब जांच शुरू हो गई है. सीडीओ ने मामले के जांच का आदेश दिए हैं. जिसके तहत जिला विद्यालय निरीक्षक ने करीब 32 कॉलेजों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. इस मामले में अब तक दर्जनों कॉलेजों विभाग में संपर्क कर अपनी बात रख चुके है.
दरअसल छात्र हित में केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजना नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल, जिसके जरिए जिले में पचास से अधिक कॉलेजों पर करोड़ों की छात्रवृति के गबन का आरोप है. अफसरों ने मामले के तह तक जाने की कवायद शुरू कर दी है. इससे शिक्षा माफियाओं में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है. सभी सहायता प्राप्त कॉलेजों को चिन्हित किया गया है.
स्कॉलरशिप घोटाले के तार जूनियर से प्राइमरी स्कूल तक फैले हुए हैं. बता दें की जूनियर से प्राइमरी और कॉलेजों में फर्जी खाता संख्या के आधार पर छात्रवृति आवेदन किया गया. जिसकी जांच में अधिकारी लगे हुए हैं. खास बात ये है कि जिला प्रशासन द्वारा जारी लिस्ट में जिले के चर्चित कॉलेजों के नाम भी शुमार हैं. जानकारी के मुताबिक जालसाजों द्वारा स्कॉलरशिप घोटाले में बैक कर्मियों से मदद भी ली गई है. बैंक कर्मियों की साठगांठ से अपने परिवार सदस्यों, रिश्तेदारों और संबंधियों के नाम खाता खोलकर छात्रों के हक के पैसे को हड़प लिया गया.
बता दें की वर्ष 2018-19 में नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए हुए छात्रवृति घोटाले की जांच सीडीओ ने शुरू कर दी है. जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक ओम प्रकाश राय ने 32 कॉलेजों को नोटिस भेजा था. सूत्रों की मानें तो अधिकतर दिव्यांग छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति का बंदरबाट किया गया है. फर्जीवाड़े में दो दर्जन से ज्यादा लोग शामिल हैं. फिलहाल पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है.
इस मामले में सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों से इस मामले की निष्पक्षता जांच करने का निर्देश दिए हैं. वह खुद पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में अधिकारियों के साथ बैठक की गई है. साथ संबंधित बैंक अधिकारियों से स्कॉलरशिप में संबंधित खातों के बारे में भी जानकारी ली जा रही है.