ETV Bharat / state

शहादत दिवस पर याद किए गए परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद

1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अपनी वीरता और अदम्य साहस से दुश्मनों को धूल चटाने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद का गुरुवार को 55वां शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर जनपद वासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

Ghazipur news
शहीद वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि देते डीएम
author img

By

Published : Sep 11, 2020, 5:42 AM IST

गाजीपुर: 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अपनी वीरता और अदम्य शौर्य दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का गुरुवार को 55वां शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर लहुरी काशी वासियों ने अपने मिट्टी के लाल को गर्व से सलाम किया.

etv bharat
शहीद वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि देते डीएम

शहीद वीर अब्दुल हमीद को दी गई श्रद्धांजलि

इसके साथ ही शहीद वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस के मौके पर सेना के अधिकारी और जिले के डीएम ओम प्रकाश आर्य भी उनके पैृतक गांव धामूपुर में पहुंचे और शहीद वीर अब्दुल हमीद और उनकी पत्नी रसूलन बीवी की प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रंद्धाजलि दी. बता दें कि वीर अब्दुल हमीद की पत्नी का पिछले वर्ष इंतकाल हो गया था. जिसके बाद उनकी प्रतिमा वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा के ठीक बगल में लगाई गई है.

etv bharat
शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी की मूर्ति पर माला पहनाते डीएम

1 जुलाई सन 1933 को हुआ था वीर अब्दुल हमीद का जन्म

कोरोना महामारी के चलते इस बार सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का शहादत दिवस बेहद सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया. इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि शहीदों का सम्मान करना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है. आपको बता दें कि, गाजीपुर के लाल परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद का जन्म धामूपुर में मो.उस्मान के घर 1 जुलाई सन 1933 को हुआ था. उनको बचपन से ही निशानेबाजी का बेहद शौक था और बड़े होने के बाद वे सेना में भर्ती हो गए.

1965 में पाकिस्तानी सेना को चटाई थी धूल

सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने 10 सितबंर 1965 को खेमकरन सेक्टर में अपनी आरसी गन से पाकिस्तानी सेना के तीन पैटर्न टैंको को एक के बाद एक ध्वस्त कर दिया. जिससे पाकिस्तानी सेना के पांव उखड़ गए. इसके बाद चौथे टैंक पर निशाना लगाते समय वे पाकिस्तानी टैंक के गोले का शिकार हो गए और मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहीद हो गए.

युद्धभूमि में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने के लिए भारत सरकार ने वीर अब्दुल हमीद को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया. साथ ही सरकार ने उनके पैतृक गांव धामूपुर में शहीद के स्मारक के रूप मे एक पार्क का निर्माण कराया. जहां हर साल धूम-धाम के साथ उनका शहादत दिवस मनाया जाता है.

गाजीपुर: 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अपनी वीरता और अदम्य शौर्य दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का गुरुवार को 55वां शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर लहुरी काशी वासियों ने अपने मिट्टी के लाल को गर्व से सलाम किया.

etv bharat
शहीद वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि देते डीएम

शहीद वीर अब्दुल हमीद को दी गई श्रद्धांजलि

इसके साथ ही शहीद वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस के मौके पर सेना के अधिकारी और जिले के डीएम ओम प्रकाश आर्य भी उनके पैृतक गांव धामूपुर में पहुंचे और शहीद वीर अब्दुल हमीद और उनकी पत्नी रसूलन बीवी की प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रंद्धाजलि दी. बता दें कि वीर अब्दुल हमीद की पत्नी का पिछले वर्ष इंतकाल हो गया था. जिसके बाद उनकी प्रतिमा वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा के ठीक बगल में लगाई गई है.

etv bharat
शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी की मूर्ति पर माला पहनाते डीएम

1 जुलाई सन 1933 को हुआ था वीर अब्दुल हमीद का जन्म

कोरोना महामारी के चलते इस बार सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का शहादत दिवस बेहद सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया. इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि शहीदों का सम्मान करना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है. आपको बता दें कि, गाजीपुर के लाल परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद का जन्म धामूपुर में मो.उस्मान के घर 1 जुलाई सन 1933 को हुआ था. उनको बचपन से ही निशानेबाजी का बेहद शौक था और बड़े होने के बाद वे सेना में भर्ती हो गए.

1965 में पाकिस्तानी सेना को चटाई थी धूल

सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने 10 सितबंर 1965 को खेमकरन सेक्टर में अपनी आरसी गन से पाकिस्तानी सेना के तीन पैटर्न टैंको को एक के बाद एक ध्वस्त कर दिया. जिससे पाकिस्तानी सेना के पांव उखड़ गए. इसके बाद चौथे टैंक पर निशाना लगाते समय वे पाकिस्तानी टैंक के गोले का शिकार हो गए और मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहीद हो गए.

युद्धभूमि में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने के लिए भारत सरकार ने वीर अब्दुल हमीद को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया. साथ ही सरकार ने उनके पैतृक गांव धामूपुर में शहीद के स्मारक के रूप मे एक पार्क का निर्माण कराया. जहां हर साल धूम-धाम के साथ उनका शहादत दिवस मनाया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.