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ओम प्रकाश राजभर ने अपने ऊपर हमले का लगाया आरोप - Ghazipur case

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने खुद पर हमले का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि गाजीपुर में कई लोगों ने अचानक उनपर हमला बोल दिया.

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर
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Published : May 10, 2022, 10:33 PM IST

गाजीपुरः सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश जारी कर अपने ऊपर हमला किए जाने का आरोप लगाया है. राजभर के अनुसार वह अपने विधानसभा क्षेत्र के गोसलपुर पहदरिया गांव में एक परिवार के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने गए थे. वह उस परिवार के लोगों के बीच बैठे ही थे, तभी 10-12 लोग लाठी-डंडे लेकर गालियां देते देते हुए लड़ाई करने पर आमादा हो गए. राजभर के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों की मदद से वह सुरक्षित स्थान पर पहुंच पाए.

राजभर ने आरोप लगाया है कि बीजेपी जिस बेहतर कानून व्यवस्था की दुहाई दे रही है, उसकी बानगी प्रत्यक्ष देखने को मिल रही है. एक विधायक सुरक्षित तक नहीं है. राजभर ने कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि अगर विधायक अपने क्षेत्र के लोगों के बीच नहीं जाएगा, तो आखिर वह कहां जाएगा? राजभर ने यह भी कहा कि अगर उनके समर्थकों ने हालात को सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर सामान्य नहीं किया होता तो माहौल बिगड़ सकता था.

ये भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को दी जमानत

राजभर के अनुसार उन्होंने इस घटना की जानकारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथी पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी दी है. वही, ओमप्रकाश राजभर के बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने ट्वीट के माध्यम से ओमप्रकाश राजभर के वीडियो को पोस्ट किया है.

करीमुद्दीनपुर पुलिस का इस बाबत कहना है कि ओपी राजभर के तरफ से सुरेंद्र राजभर ने तहरीर देते हुए 15 लोगों को नामजद किया है. शाम करीब 6:00 बजे आरोपियों की गिरफ्तारी की जिद में अड़े हुए ओमप्रकाश राजभर उस वक्त मौका छोड़ने को तैयार हो गए. जब एसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया ने उन्हें कानून सम्मत कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया.

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गाजीपुरः सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश जारी कर अपने ऊपर हमला किए जाने का आरोप लगाया है. राजभर के अनुसार वह अपने विधानसभा क्षेत्र के गोसलपुर पहदरिया गांव में एक परिवार के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने गए थे. वह उस परिवार के लोगों के बीच बैठे ही थे, तभी 10-12 लोग लाठी-डंडे लेकर गालियां देते देते हुए लड़ाई करने पर आमादा हो गए. राजभर के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों की मदद से वह सुरक्षित स्थान पर पहुंच पाए.

राजभर ने आरोप लगाया है कि बीजेपी जिस बेहतर कानून व्यवस्था की दुहाई दे रही है, उसकी बानगी प्रत्यक्ष देखने को मिल रही है. एक विधायक सुरक्षित तक नहीं है. राजभर ने कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि अगर विधायक अपने क्षेत्र के लोगों के बीच नहीं जाएगा, तो आखिर वह कहां जाएगा? राजभर ने यह भी कहा कि अगर उनके समर्थकों ने हालात को सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर सामान्य नहीं किया होता तो माहौल बिगड़ सकता था.

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राजभर के अनुसार उन्होंने इस घटना की जानकारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथी पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी दी है. वही, ओमप्रकाश राजभर के बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने ट्वीट के माध्यम से ओमप्रकाश राजभर के वीडियो को पोस्ट किया है.

करीमुद्दीनपुर पुलिस का इस बाबत कहना है कि ओपी राजभर के तरफ से सुरेंद्र राजभर ने तहरीर देते हुए 15 लोगों को नामजद किया है. शाम करीब 6:00 बजे आरोपियों की गिरफ्तारी की जिद में अड़े हुए ओमप्रकाश राजभर उस वक्त मौका छोड़ने को तैयार हो गए. जब एसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया ने उन्हें कानून सम्मत कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया.

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