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बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के चलते नहीं लागू हो पा रही बहुप्रतिष्ठित योजना बीसी सखी - बहुप्रतिष्ठित योजना बीसी सखी

उत्तर प्रदेश सरकार की बहुप्रतिष्ठित योजना बीसी सखी चयन में बैंक रोड़ा बन रहा है. गाजीपुर के बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बीसी सखी चयन योजना धरातल पर अमली रूप नहीं ले पा रही है.

नहीं लागू हो पा रही बहुप्रतिष्ठित योजना बीसी सखी
नहीं लागू हो पा रही बहुप्रतिष्ठित योजना बीसी सखी
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Published : Jun 14, 2021, 5:26 AM IST

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए साल 2020 में ग्रामीण इलाकों की महिलाओं हेतु बीसी सखी की योजना लाई ताकि गांव की महिलाएं एक समूह बनाकर प्रदेश सरकार के चल रही लाभप्रद योजनाओं जैसे मनरेगा योजना का भुगतान मजदूरों को बैंक तक न जाकर उन्हें गांव में ही भुगतान किया जाए. लेकिन गाजीपुर के बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के चलते योजना धरातल पर अमली रूप नहीं ले पा रहा है. क्योंकि ग्रामीण इलाके बैंक अधिकारी बीसी सखी स्वयं सहायता समूह का खाता बैंक में नहीं खोल रहे हैं. जिसको लेकर महिलाएं आए दिन परेशान हो रही हैं.

महिलाओं को स्वरोजगार के लिए किया जा रहा प्रेरित

जनपद गाजीपुर के ग्रामीण इलाकों में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा बीसी सखी का नियुक्ति किया गया जिन्हें प्रतिमाह ₹4000 का मानदेय भी सरकार के द्वारा दिया जाएगा. इन बीसी सखी को गांव में ही एक स्वयं सहायता समूह बनाकर गांव के अंदर चलने वाले उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का मजदूरी व अन्य भुगतान गांव में ही करने का प्रबंध किया गया है, ताकि मजदूरों को गांव में ही भुगतान मिले और महिलाओं को रोजगार मिले जिसको लेकर ग्रामीण इलाकों की महिलाएं जिन्होंने अपना स्वयं सहायता समूह बना लिया है.


मार्च माह से ही बैंकों का लगा रही चक्कर
मार्च के महीने से ही बैंकों के दरवाजे पर लगातार दस्तक दे रही हैं. लेकिन बैंक के अधिकारी इन लोगों को सुविधा देने के बजाय रोज टरकाते आते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसा ही कुछ नजारा मीडिया के कैमरे में कैद हुआ जब राजापुर ग्राम सभा कि कुछ महिलाएं बड़ौदा यूपी बैंक मैं अपना खाता खुलवाने के लिए पहुंची लेकिन बैंक अधिकारी के द्वारा इनका खाता खोलने के बजाय इन्हें लगातार टरकाते हुए नजर आए जिसके बाद इन महिलाओं ने अपना दर्द मीडिया को बयां किया.

इस योजना का शुभारंभ खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था शुरू
बताते चले कि उत्तर प्रदेश बीसी सखी योजना 2020, की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा शुरू की गयी है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश की महिलाओं को लाभ पहुंचाना है. योजना के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार दिया जायेगा साथ ही साथ उत्तर प्रदेश की महिलाएं बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट गांव के हर घर तक बैंकिंग सुविधाएँ पहुचायेंगे. इसके लिए लाभार्थी महिलाओं को हर महीने 4 हजार रूपये हर महीने दिए जायेंगे. यूपी सरकार 58,000 महिलाओं को रोजगार प्रदान करेगी. जो भी महिला इस योजना में आवेदन करेगी उन्हें कमीशन व डिवाइस खरीदने के लिए 50 हजार रूपये भी दिए जायेंगे.

जिलाधिकारी ने मामले को लिया संज्ञान

वहीं जब इस पूरे मामले को जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने तत्काल बैंक के एलडीएम से बात कर ग्रामीणों को होने वाली दिक्कतों और बैंक मैनेजर के द्वारा की जाने वाली लापरवाही को लेकर चेताया, साथ ही आश्वासन दिया कि इस मामले की समीक्षा अपने बैठक में भी करेंगे ताकि आने वाले समय में किसी भी महिला को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए साल 2020 में ग्रामीण इलाकों की महिलाओं हेतु बीसी सखी की योजना लाई ताकि गांव की महिलाएं एक समूह बनाकर प्रदेश सरकार के चल रही लाभप्रद योजनाओं जैसे मनरेगा योजना का भुगतान मजदूरों को बैंक तक न जाकर उन्हें गांव में ही भुगतान किया जाए. लेकिन गाजीपुर के बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के चलते योजना धरातल पर अमली रूप नहीं ले पा रहा है. क्योंकि ग्रामीण इलाके बैंक अधिकारी बीसी सखी स्वयं सहायता समूह का खाता बैंक में नहीं खोल रहे हैं. जिसको लेकर महिलाएं आए दिन परेशान हो रही हैं.

महिलाओं को स्वरोजगार के लिए किया जा रहा प्रेरित

जनपद गाजीपुर के ग्रामीण इलाकों में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा बीसी सखी का नियुक्ति किया गया जिन्हें प्रतिमाह ₹4000 का मानदेय भी सरकार के द्वारा दिया जाएगा. इन बीसी सखी को गांव में ही एक स्वयं सहायता समूह बनाकर गांव के अंदर चलने वाले उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का मजदूरी व अन्य भुगतान गांव में ही करने का प्रबंध किया गया है, ताकि मजदूरों को गांव में ही भुगतान मिले और महिलाओं को रोजगार मिले जिसको लेकर ग्रामीण इलाकों की महिलाएं जिन्होंने अपना स्वयं सहायता समूह बना लिया है.


मार्च माह से ही बैंकों का लगा रही चक्कर
मार्च के महीने से ही बैंकों के दरवाजे पर लगातार दस्तक दे रही हैं. लेकिन बैंक के अधिकारी इन लोगों को सुविधा देने के बजाय रोज टरकाते आते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसा ही कुछ नजारा मीडिया के कैमरे में कैद हुआ जब राजापुर ग्राम सभा कि कुछ महिलाएं बड़ौदा यूपी बैंक मैं अपना खाता खुलवाने के लिए पहुंची लेकिन बैंक अधिकारी के द्वारा इनका खाता खोलने के बजाय इन्हें लगातार टरकाते हुए नजर आए जिसके बाद इन महिलाओं ने अपना दर्द मीडिया को बयां किया.

इस योजना का शुभारंभ खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था शुरू
बताते चले कि उत्तर प्रदेश बीसी सखी योजना 2020, की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा शुरू की गयी है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश की महिलाओं को लाभ पहुंचाना है. योजना के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार दिया जायेगा साथ ही साथ उत्तर प्रदेश की महिलाएं बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट गांव के हर घर तक बैंकिंग सुविधाएँ पहुचायेंगे. इसके लिए लाभार्थी महिलाओं को हर महीने 4 हजार रूपये हर महीने दिए जायेंगे. यूपी सरकार 58,000 महिलाओं को रोजगार प्रदान करेगी. जो भी महिला इस योजना में आवेदन करेगी उन्हें कमीशन व डिवाइस खरीदने के लिए 50 हजार रूपये भी दिए जायेंगे.

जिलाधिकारी ने मामले को लिया संज्ञान

वहीं जब इस पूरे मामले को जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने तत्काल बैंक के एलडीएम से बात कर ग्रामीणों को होने वाली दिक्कतों और बैंक मैनेजर के द्वारा की जाने वाली लापरवाही को लेकर चेताया, साथ ही आश्वासन दिया कि इस मामले की समीक्षा अपने बैठक में भी करेंगे ताकि आने वाले समय में किसी भी महिला को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

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