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ये कैसा विवाह : बिना कलश और सिंदूर के पूरी हुईं रस्में - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर में प्रदेश सरकार की ओर से गरीब और असहाय परिवार की कन्याओं का हाथ पीला कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Mass Marriage Scheme) चलाया जा रहा है. हालांकि इस दौरान तमाम अव्यवस्थाएं देखनें को मिलीं.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
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Published : Dec 11, 2021, 6:06 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 6:17 PM IST

गाजीपुर : सरकारी योजनाओं को अधिकारी और कर्मचारी किस तरह पलीता लगाते हैं, इसकी एक बानगी जनपद गाजीपुर में सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान देखने को मिली. यहां बिना सिंदूर और कलश के ही कई जोड़ों की शादी का कोरम पूरा करा दिया गया. यही नहीं, इस अव्यवस्था से कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि गाजीपुर के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल भी काफी नाराज दिखे.

दरअसल, प्रदेश सरकार की ओर से गरीब और असहाय परिवार की कन्याओं के विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Mass Marriage Scheme) के तहत यहां नवीन स्टेडियम में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें एक शादी पर कुल 51000 बतौर अनुदान दिया गया. इसे लेकर गाजीपुर के नवीन स्टेडियम में सारी व्यवस्थाएं की गईं.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना

मुख्य अतिथि गाजीपुर के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला (Anand Swaroop Shukla) रहे जो सामूहिक विवाह की व्यवस्था को देखकर कार्यक्रम को बीच में ही छोड़ कर चलते बने. वहीं इस सामूहिक विवाह में 1500 जोड़ों की जगह 500 के आसपास ही जोड़े आ सके. जो आए भी उनमें इस विवाह को लेकर कोई रुझान नहीं दिख रहा था. ऐसा लगा मानों केवल कागजी कोरम पूरा किया जा रहा हो. मौके पर सभी जोड़ों के लिए न तो सिंदूर दान की व्यवस्था की गई थी और न ही फेरे के लिए कलश की.

वहीं जहां हिंदू धर्म में बिना मंडप और शहनाई के विवाह संपन्न नहीं माना जाता, वहीं इस सामूहिक विवाह में न तो कोई विवाह मंडप था और न ही कोई शहनाई की व्यवस्था की गई थी. इसे देखकर प्रभारी मंत्री भड़क गए और उन्होंने अपना सम्मान भी नहीं कराया. कार्यक्रम स्थल से चले गए.

इसे भी पढ़े: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अपनी बेटी से पहले मामा ने भांजी की कराई शादी

इसके पूर्व मंत्री ने खुद जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की. वर-वधु और उनके परिजनों से मिलकर बात की. उन्हें लगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के योजना से परे कार्यक्रम किया जा रहा है तो वहां से चलते बने. इस शादी में अजीब सी देखने के लिए विभाग की ओर से एक कलश पर 4 से 5 जोड़ों की शादी कराई गई. इतना ही नहीं शादी में लगने वाले सामान बहुत सारे जोड़ों को उपलब्ध नहीं कराए गए.

बड़ी बात यह है कि सिंदूर जिसकी कीमत 10 से 15 रुपये होती है, उसे भी विभाग उपलब्ध कराने के बजाय कुछ जोड़ों को एंगुर उपलब्ध कराया गया. बता दें कि शादी के वक्त सिंदूरदान में एंगुर का प्रयोग नहीं किया जा सकता. उसे सिंदूरदान कराया गया. बहुत सारे जोड़ों को भी उपलब्ध नहीं हो पाया तो उन्होंने पत्तल में रखी रोली से वधू का कन्यादान कर शादी की रस्म निभाई.

वहीं, इस बारे में कार्यक्रम में अतिथि सैदपुर के विधायक सुभाष पासी (Saidpur MLA Subhash Pasi) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि छोटी-मोटी गलतियां होती रहतीं हैं. वहीं, विभागीय अधिकारी भी इस गलती को मानने की बजाय अपनी दलील देते नजर आए.


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गाजीपुर : सरकारी योजनाओं को अधिकारी और कर्मचारी किस तरह पलीता लगाते हैं, इसकी एक बानगी जनपद गाजीपुर में सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान देखने को मिली. यहां बिना सिंदूर और कलश के ही कई जोड़ों की शादी का कोरम पूरा करा दिया गया. यही नहीं, इस अव्यवस्था से कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि गाजीपुर के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल भी काफी नाराज दिखे.

दरअसल, प्रदेश सरकार की ओर से गरीब और असहाय परिवार की कन्याओं के विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Mass Marriage Scheme) के तहत यहां नवीन स्टेडियम में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें एक शादी पर कुल 51000 बतौर अनुदान दिया गया. इसे लेकर गाजीपुर के नवीन स्टेडियम में सारी व्यवस्थाएं की गईं.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना

मुख्य अतिथि गाजीपुर के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला (Anand Swaroop Shukla) रहे जो सामूहिक विवाह की व्यवस्था को देखकर कार्यक्रम को बीच में ही छोड़ कर चलते बने. वहीं इस सामूहिक विवाह में 1500 जोड़ों की जगह 500 के आसपास ही जोड़े आ सके. जो आए भी उनमें इस विवाह को लेकर कोई रुझान नहीं दिख रहा था. ऐसा लगा मानों केवल कागजी कोरम पूरा किया जा रहा हो. मौके पर सभी जोड़ों के लिए न तो सिंदूर दान की व्यवस्था की गई थी और न ही फेरे के लिए कलश की.

वहीं जहां हिंदू धर्म में बिना मंडप और शहनाई के विवाह संपन्न नहीं माना जाता, वहीं इस सामूहिक विवाह में न तो कोई विवाह मंडप था और न ही कोई शहनाई की व्यवस्था की गई थी. इसे देखकर प्रभारी मंत्री भड़क गए और उन्होंने अपना सम्मान भी नहीं कराया. कार्यक्रम स्थल से चले गए.

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इसके पूर्व मंत्री ने खुद जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की. वर-वधु और उनके परिजनों से मिलकर बात की. उन्हें लगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के योजना से परे कार्यक्रम किया जा रहा है तो वहां से चलते बने. इस शादी में अजीब सी देखने के लिए विभाग की ओर से एक कलश पर 4 से 5 जोड़ों की शादी कराई गई. इतना ही नहीं शादी में लगने वाले सामान बहुत सारे जोड़ों को उपलब्ध नहीं कराए गए.

बड़ी बात यह है कि सिंदूर जिसकी कीमत 10 से 15 रुपये होती है, उसे भी विभाग उपलब्ध कराने के बजाय कुछ जोड़ों को एंगुर उपलब्ध कराया गया. बता दें कि शादी के वक्त सिंदूरदान में एंगुर का प्रयोग नहीं किया जा सकता. उसे सिंदूरदान कराया गया. बहुत सारे जोड़ों को भी उपलब्ध नहीं हो पाया तो उन्होंने पत्तल में रखी रोली से वधू का कन्यादान कर शादी की रस्म निभाई.

वहीं, इस बारे में कार्यक्रम में अतिथि सैदपुर के विधायक सुभाष पासी (Saidpur MLA Subhash Pasi) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि छोटी-मोटी गलतियां होती रहतीं हैं. वहीं, विभागीय अधिकारी भी इस गलती को मानने की बजाय अपनी दलील देते नजर आए.


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Last Updated : Dec 11, 2021, 6:17 PM IST
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