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मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में मिली जमानत - mukhtar ansari bail gangster act

मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के अपर सत्र न्यायालय प्रथम एमपी एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को 2009 के गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत दे दी. वो अभी जेल में ही रहेंगे. इस बात की जानकारी मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने दी.

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मुख्तार अंसारी को जमानत
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Published : Feb 1, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 6:55 PM IST

गाजीपुर: लंबे समय के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट से मुख्‍तार अंसारी को जमानत मिल गयी. मुख्‍तार अंसारी को जमानत मिलने की जानकारी मिलने के बाद उनके समर्थक काफी खुश हैं. अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रामसुध सिंह की अदालत ने मंगलवार को मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी.

जानकारी देते मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली

एडवोकेट लियाकत अली ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के साथ धारा 436-ए के तहत गाजीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय की एडीजे फर्स्ट कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था. जेल में बंद विधायक ने अदालत को प्रार्थना पत्र लिखकर कहा था कि कि गैंगेस्टर एक्ट में अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है, जबकि मुख्‍तार अंसारी 25 अक्टूबर 2005 से जेल में है और जेल में रहते हुए 12 साल 8 महीने पूरे हो चुके हैं. वकील ने बताया कि इस प्रार्थना पत्र के आधार पर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के मामले में जमानत दी है. मुख्तार अंसारी इस मामले में हाईकोर्ट भी गए थे. उत्‍तर प्रदेश में मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 15 मामले ट्रायल स्टेज पर हैं.

मुख्‍तार अंसारी के मामले की सुनवाई के दौरान उनके नजदीकी लोग भी मौजूद थे. मुख्तार अंसारी ने हाइकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल कर बताया था कि गैंगस्टर एक्ट के तहत वह 27 मई 2009 से न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान समय में बांदा जिला जेल में बंद हैं. इस पर हाइकोर्ट ने 11 जनवरी को आदेश दिया था कि आरोपी ने दो सप्ताह के अंदर ट्रायल कोर्ट में इस आदेश को प्रस्तुत किया जाता है, तो संबंधित न्यायालय से आदेश पारित किया जाए. इस पर मुख्तार के अधिवक्ता ने 20 जनवरी को दरख्वास्त दाखिल की थी.

ये भी पढ़ें- नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगे 5 लाख रुपए

इस पर सुनवाई के लिए 28 जनवरी की तारीख नियत थी, लेकिन कोरोना की वजह से पीठासीन अधिकारी का रोस्टर इस तारीख पर न होने के कारण सुनवाई नहीं हुई. अगली तारीख 1 फरवरी तय की गई थी. मंगलवार को एडीजे प्रथम रामसुध सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी. मुख्‍तार अंसारी को जमानत मिलने की सूचना मिलने के बाद समर्थकों में उत्‍साह दिखा. मऊ में भी मुख्‍तार के मामले की सुनवाई चल रही है. ऐसे में मुख्‍तार अंसारी के कई मामलों को देखते हुए बांदा जेल से अभी छूटना मुश्किल ही है.

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गाजीपुर: लंबे समय के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट से मुख्‍तार अंसारी को जमानत मिल गयी. मुख्‍तार अंसारी को जमानत मिलने की जानकारी मिलने के बाद उनके समर्थक काफी खुश हैं. अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रामसुध सिंह की अदालत ने मंगलवार को मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी.

जानकारी देते मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली

एडवोकेट लियाकत अली ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के साथ धारा 436-ए के तहत गाजीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय की एडीजे फर्स्ट कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था. जेल में बंद विधायक ने अदालत को प्रार्थना पत्र लिखकर कहा था कि कि गैंगेस्टर एक्ट में अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है, जबकि मुख्‍तार अंसारी 25 अक्टूबर 2005 से जेल में है और जेल में रहते हुए 12 साल 8 महीने पूरे हो चुके हैं. वकील ने बताया कि इस प्रार्थना पत्र के आधार पर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के मामले में जमानत दी है. मुख्तार अंसारी इस मामले में हाईकोर्ट भी गए थे. उत्‍तर प्रदेश में मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 15 मामले ट्रायल स्टेज पर हैं.

मुख्‍तार अंसारी के मामले की सुनवाई के दौरान उनके नजदीकी लोग भी मौजूद थे. मुख्तार अंसारी ने हाइकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल कर बताया था कि गैंगस्टर एक्ट के तहत वह 27 मई 2009 से न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान समय में बांदा जिला जेल में बंद हैं. इस पर हाइकोर्ट ने 11 जनवरी को आदेश दिया था कि आरोपी ने दो सप्ताह के अंदर ट्रायल कोर्ट में इस आदेश को प्रस्तुत किया जाता है, तो संबंधित न्यायालय से आदेश पारित किया जाए. इस पर मुख्तार के अधिवक्ता ने 20 जनवरी को दरख्वास्त दाखिल की थी.

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इस पर सुनवाई के लिए 28 जनवरी की तारीख नियत थी, लेकिन कोरोना की वजह से पीठासीन अधिकारी का रोस्टर इस तारीख पर न होने के कारण सुनवाई नहीं हुई. अगली तारीख 1 फरवरी तय की गई थी. मंगलवार को एडीजे प्रथम रामसुध सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी. मुख्‍तार अंसारी को जमानत मिलने की सूचना मिलने के बाद समर्थकों में उत्‍साह दिखा. मऊ में भी मुख्‍तार के मामले की सुनवाई चल रही है. ऐसे में मुख्‍तार अंसारी के कई मामलों को देखते हुए बांदा जेल से अभी छूटना मुश्किल ही है.

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Last Updated : Feb 1, 2022, 6:55 PM IST
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