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रमजान....तो मिलती हैं बेसुमार नेकिंयां

रमजान के महीने में एक नेकी के बदले 70 नेकी तो मिलती ही है. वहीं दूसरी ओर अगर कोई शख्स रोजेदार का रोजा इफ्तार करा दे तो उसको बेसुमार नेकिंयां मिलती है. जोकि उसके गुनाहों की माफी का सबब बनती है.

रमजान....तो मिलती हैं बेसुमार नेकिंयां
रमजान....तो मिलती हैं बेसुमार नेकिंयां
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Published : Apr 19, 2021, 10:39 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मुस्लिम समुदाय में कहा जाता है कि जब भी रमजान का महीना आता है तो खुदा बेशुमार रहमतें और नेमतें लेकर आता है. ऐसे में इन दिनों मुस्लिम समुदाय का रमजान-उल मुबारक का पाक महीना चल रहा है. जिसको लेकर मुस्लिम लोग रोजा रखते हुए खुदा की इबादत में मशगूल हैं. आखिर इस रमजान के महीने की क्या-क्या खासियतें होती हैं. इसी को जानने के लिए ईटीवी भारत ने मुरादनगर के मुफ्ती आबिद कासमी से की खास बातचीत

रमजान....तो मिलती हैं बेसुमार नेकिंयां

ये भी पढ़ें : Ramadan 2021: रमजान में होते हैं 3 अशरे, हर अशरे का है अलग महत्व

मुफ्ती आबिद कासमी ने बताया कि खुदा का एहसान और शुक्र है कि उन्होंने हमें रमजान का महीना अता फरमाया है. यह महीना बहुत ही मुबारक महीना है. इस मुबारक महीने में अल्लाह ताला बंदों के रिज्क (रोजगार) को कई गुना बढ़ा देते हैं.

रातों को जाग कर पढ़ें तहज्जुद की नमाज

मुफ्ती ने बताया कि जो शख्स इस महीने में एक नफील नमाज को अदा करेगा. उसको अल्लाह एक फर्ज नमाज के बराबर सवाब अता फरमाते हैं. ठीक इसी तरह अगर कोई शख्स एक फर्ज नमाज को आता करता है तो खुदा उसको 70 फर्ज नमाजों के बराबर सवाब अता फरमाते हैं.

ये भी पढ़ें : रमजान में रोजे और तरावीह की क्या है अहमियत, जानें

रोजेदार को एक घूंट पानी पिलाना कई गुना सवाब

मुफ्ती ने बताया कि अगर कोई शख्स खुदा की राह में इस मुबारक महीने में 1 रुपये खर्च करता है, तो उसको अल्लाह ताला 70 गुना अता फरमाते हैं. इसीलिए रमजान के महीने में सवाब को कई गुना बढ़ा दिया जाता है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मुस्लिम समुदाय में कहा जाता है कि जब भी रमजान का महीना आता है तो खुदा बेशुमार रहमतें और नेमतें लेकर आता है. ऐसे में इन दिनों मुस्लिम समुदाय का रमजान-उल मुबारक का पाक महीना चल रहा है. जिसको लेकर मुस्लिम लोग रोजा रखते हुए खुदा की इबादत में मशगूल हैं. आखिर इस रमजान के महीने की क्या-क्या खासियतें होती हैं. इसी को जानने के लिए ईटीवी भारत ने मुरादनगर के मुफ्ती आबिद कासमी से की खास बातचीत

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मुफ्ती आबिद कासमी ने बताया कि खुदा का एहसान और शुक्र है कि उन्होंने हमें रमजान का महीना अता फरमाया है. यह महीना बहुत ही मुबारक महीना है. इस मुबारक महीने में अल्लाह ताला बंदों के रिज्क (रोजगार) को कई गुना बढ़ा देते हैं.

रातों को जाग कर पढ़ें तहज्जुद की नमाज

मुफ्ती ने बताया कि जो शख्स इस महीने में एक नफील नमाज को अदा करेगा. उसको अल्लाह एक फर्ज नमाज के बराबर सवाब अता फरमाते हैं. ठीक इसी तरह अगर कोई शख्स एक फर्ज नमाज को आता करता है तो खुदा उसको 70 फर्ज नमाजों के बराबर सवाब अता फरमाते हैं.

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मुफ्ती ने बताया कि अगर कोई शख्स खुदा की राह में इस मुबारक महीने में 1 रुपये खर्च करता है, तो उसको अल्लाह ताला 70 गुना अता फरमाते हैं. इसीलिए रमजान के महीने में सवाब को कई गुना बढ़ा दिया जाता है.

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