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गाजीपुर: CAB के विरोध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने राष्ट्रपति के नाम डीएम को सौंपा ज्ञापन

पूर्वोत्तर के राज्यों के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जगह-जगह नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है. वहीं गाजीपुर में जमीयत उलेमा-ए-हिंद और सद्भावना मंच के कार्यकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन बिल का खिलाफत की.

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने CAB का किया विरोध.
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Published : Dec 14, 2019, 5:43 AM IST

गाजीपुर: केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में नागरिकता संशोधन बिल पारित किया. इसको लेकर पूरे देश में विरोध किया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को गाजीपुर में जमीयत उलेमा-ए-हिंद और सद्भावना मंच के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.उन्होंने कहा कि हमने ट्रिपल तलाक, धारा 370 और राम मंदिर के 400 साल पुराने विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुले दिल से इस्तकबाल किया. कहीं कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन यह बिल हमारे स्वीकार करने योग्य नहीं है.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने CAB का किया विरोध.

जमीयत उलेमा ए हिंद के सेक्रेटरी मोहम्मद अनस हबीब कासमी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है, ताकि राष्ट्रपति महोदय इस बिल को मंसूख करें. वहीं, मौलाना शाहिद फरीद अकबर कादरी ने कहा कि हम इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. यह बिल हिंदुस्तान को खंडित करने वाला है. हम इसे कभी भी मंजूर नहीं करेंगे. हम आजाद हिंदुस्तान में आजादी से रहना चाहते हैं. संविधान ने हमें जो हक दिया है, उस हक के तहत जिंदगी गुजार रहे हैं और गुजारते रहेंगे.

गाजीपुर: केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में नागरिकता संशोधन बिल पारित किया. इसको लेकर पूरे देश में विरोध किया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को गाजीपुर में जमीयत उलेमा-ए-हिंद और सद्भावना मंच के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.उन्होंने कहा कि हमने ट्रिपल तलाक, धारा 370 और राम मंदिर के 400 साल पुराने विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुले दिल से इस्तकबाल किया. कहीं कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन यह बिल हमारे स्वीकार करने योग्य नहीं है.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने CAB का किया विरोध.

जमीयत उलेमा ए हिंद के सेक्रेटरी मोहम्मद अनस हबीब कासमी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है, ताकि राष्ट्रपति महोदय इस बिल को मंसूख करें. वहीं, मौलाना शाहिद फरीद अकबर कादरी ने कहा कि हम इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. यह बिल हिंदुस्तान को खंडित करने वाला है. हम इसे कभी भी मंजूर नहीं करेंगे. हम आजाद हिंदुस्तान में आजादी से रहना चाहते हैं. संविधान ने हमें जो हक दिया है, उस हक के तहत जिंदगी गुजार रहे हैं और गुजारते रहेंगे.

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नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में जमीयत उलमा हिंद ने राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन सौंपा

केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में नागरिकता संशोधन बिल पारित किया। बिल में अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। लेकिन इस नागरिकता बिल का विरोध मुस्लिम समुदाय द्वारा पूरे देश में किया जा रहा है।आज गाजीपुर में जमीयत उलमा हिंद और सद्भावना मंच के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

Body:इस दौरान अतीक राईनी ने कहा कि हमको हमारे ही भारत देश में तीसरे दोयम शहरी नागरिक बनाने की कोशिश की जा रही है जबकि हमने ट्रिपल तलाक धारा 370 और राम मंदिर के 400 साल पुराने विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुले दिल से इस्तकबाल किया। कहीं कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया।

Conclusion:वही मौलाना शाहिद फरीद अकबर कादरी ने कहा कि हम इस बिल का पुरजोर विरोध और मज़ज़्मत कर रहे हैं। यह बिल हिंदुस्तान को खंडित करने वाला है। हम इसे कभी भी मंजूर नहीं करेंगे। हमने भी देश की आजादी में कुर्बानी दी है। बड़ी मुसीबत से हमने हिंदुस्तान को मिलकर आजाद कराया है। हम आजाद हिंदुस्तान में आजादी से रहना चाहते। संविधान ने हमें जो हक दिया है, उस हक के तहत हम जिंदगी गुजार रहे हैं और गुजारते रहेंगे। वही मोहम्मद अनस हबीब कासमी सेक्रेटरी जमीयत उलेमा ए हिंद ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है। ताकि राष्ट्रपति महोदय इस बिल को मनसुख करें या इस बिल में मुसलमानों को भी शामिल किया जाए।

बाइट - अतीक राईनी ( स्थानीय )
बाइट - मोहम्मद अनस हबीब कासमी ( सेक्रेटरी जमीयत उलेमा ए हिंद )
बाइट - शाहिद फरीद अकबर कादरी ( मौलाना )

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590960

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