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नमक मिर्च के साथ धड़ल्ले से बिक रहा चटपटा जानलेवा 'जहर', हो सकता है कैंसर

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में विभिन्न क्षेत्रों में मेले का माहौल है. इस मौके पर हरे रंग में रंगे हुए मटरों को बेचा जा रहा है. यह हरे रंग के मटर को युवा और बच्चों खरीद कर खा रहे हैं.

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गाजीपुर मेले में बिक रहा हरे रंग में रंग हुआ सोयाबीन
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Published : Nov 29, 2019, 10:51 AM IST

गाजीपुर: इस समय मेले का सीजन चल रहा है. चाहे वह बलिया का ददरी मेला हो, या बिहार के सोनपुर का मेला, गाजीपुर जिले के भी विभिन्न क्षेत्रों में मेले का माहौल है. इसमें हरे रंग में रंगे मटर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं. रंग में रंगे मटर को युवा और बच्चे बड़े ही चाव से खरीद कर खा रहे हैं, जो बड़ी बीमारियों को दावत देगा.

गाजीपुर मेले में बिक रहा हरे रंग में रंग हुआ सोयाबीन

यह मटर उनकी जान के लिए कितना खतरनाक है यह उन्हें पता तक नहीं है. डॉक्टरों की मानें तो हरे रंग से रंगे मटर से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं और लीवर भी खराब हो सकता है. सोयाबीन में फंजीसाइड मिलाया जाता है. बुवाई के बाद पौधा बनने से पहले सोयाबीन के दाने पर नमी के चलते फंगस न लग जाए इसका ध्यान दिया जाता है.

सोयाबीन को हरे रंग बदल कर मटर कर रहे तैयार

  • फंगीसाइड मिलाने के बाद सोयाबीन का रंग बदल जाता है. इस कारण सोयाबीन हरा या नीला रंग का हो जाता है.
  • रंग से पता चलता है कि फंगीसाइड सभी दाने पर लग गया है जिस पर फंगीसाइड नहीं लगा होगा वह सोयाबीन हरे रंग का नहीं बनेगा.
  • फंगीसाइड जहरीला होता है इसलिए किसान रंगे हुए सोयाबीन को जानवरों से दूर रखते हैं, लेकिन मेले में इसे बड़े ही धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.
  • चाइना से आने वाली मटर भी सेहत के लिए काफी हानिकारक है.
  • जान लेने का मिक्स कोंबो बड़े ही प्यार से नमक मिर्च के साथ बेचा जा रहा है.

गाजीपुर: इस समय मेले का सीजन चल रहा है. चाहे वह बलिया का ददरी मेला हो, या बिहार के सोनपुर का मेला, गाजीपुर जिले के भी विभिन्न क्षेत्रों में मेले का माहौल है. इसमें हरे रंग में रंगे मटर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं. रंग में रंगे मटर को युवा और बच्चे बड़े ही चाव से खरीद कर खा रहे हैं, जो बड़ी बीमारियों को दावत देगा.

गाजीपुर मेले में बिक रहा हरे रंग में रंग हुआ सोयाबीन

यह मटर उनकी जान के लिए कितना खतरनाक है यह उन्हें पता तक नहीं है. डॉक्टरों की मानें तो हरे रंग से रंगे मटर से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं और लीवर भी खराब हो सकता है. सोयाबीन में फंजीसाइड मिलाया जाता है. बुवाई के बाद पौधा बनने से पहले सोयाबीन के दाने पर नमी के चलते फंगस न लग जाए इसका ध्यान दिया जाता है.

सोयाबीन को हरे रंग बदल कर मटर कर रहे तैयार

  • फंगीसाइड मिलाने के बाद सोयाबीन का रंग बदल जाता है. इस कारण सोयाबीन हरा या नीला रंग का हो जाता है.
  • रंग से पता चलता है कि फंगीसाइड सभी दाने पर लग गया है जिस पर फंगीसाइड नहीं लगा होगा वह सोयाबीन हरे रंग का नहीं बनेगा.
  • फंगीसाइड जहरीला होता है इसलिए किसान रंगे हुए सोयाबीन को जानवरों से दूर रखते हैं, लेकिन मेले में इसे बड़े ही धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.
  • चाइना से आने वाली मटर भी सेहत के लिए काफी हानिकारक है.
  • जान लेने का मिक्स कोंबो बड़े ही प्यार से नमक मिर्च के साथ बेचा जा रहा है.
Intro:नमक मिर्च के साथ धड़ल्ले से बिक रहा चटपटा जानलेवा जहर
, हो सकता है कैंसर

गाजीपुर। इस समय मेले का सीजन चल रहा है। चाहे वह बलिया का ददरी मेला हो, या बिहार के सोनपुर का मेला, वही गाजीपुर जिले के भी विभिन्न क्षेत्रों में मेलों का माहौल है l जिसमें हरे रंग में रंगे मटर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं जिसमें खासकर युवा और  बच्चे इस मटर से बनी चीजों को बड़े ही चाव से खरीद कर खा रहे हैं। जो बड़ी बीमारियों को दावत देगा। जो उनकी कीमती जान के लिए कितना खतरनाक है यह उन्हें पता तक नहीं है। डॉक्टरों की मानें तो हरे रंग से रंगे मटर से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं और लीवर भी खराब हो सकता है।




Body:खाने पीने की चीजों में मिलावट इतना आम हो चुका है। यह समझ पाना बड़ा मुश्किल है कि कौन मिलावटी है और कौन शुद्ध। देखने से यकीन होगा कि इससे बेहतर कुछ नहीं है, लेकिन हकीकत डराने वाली है। आंखों को प्यारा लगने वाली हरी हरी मटर अच्छी खासी जिंदगी को बदतर करने के लिए काफी है। इसके खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। लेकिन मेलों, ठेलो और कोम्चो पर इसे बेचना बड़ा ही आसान व्यवसाय बन चुका है। जो बड़ी ही आसानी से जिंदगी को धीरे धीरे खोखला कर रहा है। क्या बच्चे क्या बूढ़े सब धड़ल्ले से इसका सेवन कर रहे हैं।




Conclusion:सोयाबीन में फंजीसाइड मिलाया जाता है। बुवाई के बाद पौधा बनने से पहले सोयाबीन के दाने पर नमी के चलते फंगस न लग जाए इसका ध्यान दिया जाता है। फंगीसाइड मिलाने के बाद सोयाबीन का रंग बदल जाता है। जिससे सोयाबीन हरा या नीला रंग का हो जाता है। रंग से पता चलता है कि फंगीसाइड सभी दाने पर लग गया है। जिस पर फंगीसाइड नहीं लगा होगा वह सोयाबीन हरे रंग का नहीं बनेगा। बतादें की फंगीसाइड जहरीला होता है। जो किसान इस रंगे हुए सोयाबीन को लेकर सतर्क रहते हैं उसे जानवरो को भी इससे दूर रखते हैं। लेकिन नासमझी में मेलों में यह बड़े धड़ल्ले से बिक रहा है। वही चाइना से आने वाली मटर भी है जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है। जान लेने का मिक्स कोंबो बड़े ही प्यार से नमक मिर्च के साथ बेचा जा रहा है।

बाइट - अंशु ( खरीदार )
बाइट - हरेश ( मटर विक्रेता )
बाइट - रामदुलारी ( मटर विक्रेता )
बाइट - के के वर्मा ( एसीएमओ, गाजीपुर ), विजुअल

उज्जवल कुमार राय, 7905590960
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