गाजीपुर: जिले में निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना से बेसहारा गोवंशों के भी अच्छे दिन लौटने लगे हैं. किसानों की लहलहाती फसलों की बर्बादी के लिए जिम्मेदार निराश्रित पशुओं को पालने के लिए सरकार इसका खर्च वहन कर रही है. जो किसान गोवंश का पालन करेंगे उन्हें डीबीटी (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) के माध्यम से 900 रुपये प्रति माह प्रति पशुओं के हिसाब से दिया जाएगा.
नहीं होगा अब फसलों का नुकसान
जिले में अब तक अलग-अलग तहसीलों से कुल 269 आवेदन आ चुके हैं. एक किसान अधिकतम चार गोवंश ले सकता है जिससे 1076 गोवंश को नया असरा मिला है. सरकार की इस योजना से गोवंश से परेशान किसान ही गोवंश का पालन करेगें. जिले में कुल 27 गोवंश आश्रय स्थल संचालित हैं. इसमें 18 ग्रामीण और आठ नगरीय क्षेत्रों में हैं, वहीं एक कांजी हाउस भी है. 1378 संरक्षित और 1926 निराश्रित पशु चिन्हित किए गए हैं. इस योजना के क्रियान्वयन के पीछे कई कारण थे क्योंकि निराश्रित पशुओं की बढ़ती संख्या के कारण किसानों की फसलें काफी नुकसान होता था. पशु आश्रय स्थल में जगह कम होने और बदहाली के कारण मवेशियों को सड़कों पर घूमना पड़ता था.
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किसानों की आर्थिक स्थिति होगी और भी मजबूत
वहीं आए दिन सड़क हादसे में गोवंश के घायल होने की खबरें आती थी, लेकिन मुख्यमंत्री के इस योजना द्वारा निराश्रित, बेसहारा गोवंश की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है. इससे मिलने वाले लाभ को देखते हुए पशुओं के पालने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इससे बेसहारा गोवंश की संख्या में कमी तो आएगी ही साथ ही पशुपालक आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बनेगे.
जानिए क्या कहा जिलाधिकारी ने..
जिलाधिकारी द्वारा इच्छुक किसानों व पशुपालकों को चिह्नित करने के बाद डीबीटी के जरिए उनके खाते में 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. इस मामले में उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र प्रसाद ने बताया कि अब तक गाजीपुर को अलग-अलग तहसीलों से 269 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनके हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है. वहीं जिलाधिकारी के. बालाजी ने बताया कि लगातार आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, जल्द ही हमलोग निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लेगें.