गाजीपुर: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने मंगलवार को अपनी विधानसभा जहूराबाद में समर्थकों के साथ कई गांवों का दौरा किया. इस दौरान लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को जाना. मीडिया से बात करते हुए बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े को लेकर कहा कि 36 फीसदी जो अति पिछड़ा वर्ग है. बिहार की सरकार चलाने वाले लोगों ने उसके साथ सामाजिक न्याय नहीं किया है. वहीं देवरिया में 6 लोगों की हत्या मामले में दुखद घटना बताया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. ऐसी घटना प्रदेश में कहीं नहीं होनी चाहिए.
जातीय जनगणना पर बोले- ओमप्रकाश राजभर
मीडिया द्वारा ओमप्रकाश राजभर से पूछा गया कि अल्पसंख्यक यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ हैं. इस सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े जो पेश किया जा रहे हैं. उसमें 36 फीसदी जो अति पिछड़ा वर्ग है. उसके साथ सामाजिक न्याय बिहार की सरकार चलाने वाले लोगों ने नहीं किया है. सामाजिक न्याय की बात करने वाले नेता लालू, नीतीश कुमार और कांग्रेस पार्टी ने लोगों के साथ न्याय नहीं की है. वहीं अखिलेश यादव को सबसे पहले अपने गिरेहबान में झांक कर देखना चाहिए कि सीएम रहते नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना करवा दी. 5 साल अखिलेश यादव भी मुख्यमंत्री थे. उन्होंने जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई. जब समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ थी तो रक्षा मंत्री समाजवादी पार्टी को मिला था, तब जातीय जनगणना नहीं समझ आई.
जनगणना में मुस्लिम और यादव का आंकड़ा ही सही है
ओमप्रकाश राजभर ने बिहार की जातीय जनगणना को लेकर कहा कि जो अति पिछड़ों के आंकड़े दर्शाए गए हैं. उससे अधिक ओमप्रकाश की रैलियों में अति पिछड़े लोग आते हैं. उन्होंने बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े को फर्जी बताया है. उन्होंने कहा कि बिहार में लोकसभा की 40 सीट है. प्रत्येक सीट पर राजभरों की संख्या डेढ़ से दो लाख के आस पास है. सरकार के आंकड़े में मुस्लिम और यादव का आंकड़ा सही आया है. जबकि ये लोग पटेल के आंगड़े को जोड़कर बिहार जीत जाने के बात कह रहे हैं.
अपने दल को लात मारकर लड़ा चुनाव
वहीं, पल्लवी पटेल द्वारा जातिगत जनगणना का स्वागत किया गया है. उनके द्वारा जनगणना पर उठाए गए सवाल पर उन्हें दलबदलू बताया है. इस सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कभी सपा से कभी बसपा से तो कभी सुभाषपा से गठबंधन कर 8 बार चुनाव लड़ा. क्या वह दलबदलू नहीं है ? हम गठबंधन करते हैं तो दल बदलू कहलाते हैं और जो आरोप लगा रहे हैं उनसे पूछिएगा कि आपने अपने दल के चुनाव चिन्ह को लात मार कर समाजवादी पार्टी के सिंबल से चुनाव लड़ा था.
विपक्ष ईडी और सीबीआई से डरता है
मीडिया ने ओमप्रकाश राजभर से पूछा कि News click वेबसाइट के मीडिया संस्थानों पर रेड पड़ी है. पत्रकार उर्मिलेश, गुहा, अभिसार शर्मा लोगों को हिरासत में लेकर जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं. अखिलेश यादव ने इस छापे को भाजपा के हार का डर बताया है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सबसे पहले ये लोग डर रहे हैं. जितने विपक्ष के लोग गठबंधन बनाए हैं, सबके बयान को उन्होंने सुना है. सभी लोग ईडी और सीबीआई की बात करते हैं और सभी लोग ईडी और सीबीआई से डरते हैं.
देवरिया में हत्या को बताया घटना
वहीं, देवरिया में 6 लोगों की हत्या मामले को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि यह दुखद घटना है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी. 8 साल पहले से विवादित मामला चल रहा था और वह मामला न्यायालय में चल रहा है. जो मामला न्यायालय में है. उस मामले में डीएम, एसपी और एसडीएम दखलअंदाजी नहीं कर सकते हैं. हालांकि इस घटना का खुलासा एकदम से खुल गया है.
बीजेपी के सहयोग से बने मुख्यमंत्री
मीडिया द्वारा पूछा गया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने वोटर्स और समर्थकों को एनडीए और इंडिया दोनों से दूरी बनाने की बात कही है. दोनों को एक ही थैली के चट्टे-बट्टे का बताया है. इस सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि देश के इन नेताओं के बयान पर उन्हें हंसी आती है कि 1989 में माननीय मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने और भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन दिया था. शायद लोग भूल गए होंगे लेकिन ओमप्रकाश राजभर नहीं भुला है. मायावती को तीन बार भारतीय जनता पार्टी ने समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाई है.
सभी नेता काट चुके हैं मलाई
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस पार्टी से रेल मंत्री बनी थी. यही नहीं नीतीश कुमार भी भारतीय जनता पार्टी से समझौता कर रेल मंत्री बने थे. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे भी भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से मिनिस्टर बने हैं. कहां कौन अछूता है सब लोगों मलाई काट चुके हैं. यह सभी नेता लोग झूठ बोलते हैं. बीजेपी का भय दिखाकर मुसलमान का वोट लेते हैं. यह लोग मुसलमान को केवल नफरत देते हैं.
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