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गाजीपुर में आयुष्मान भारत योजना पर लगा ग्रहण, कार्ड बनाने में धांधली का आरोप

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Published : Nov 28, 2019, 9:18 AM IST

प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत पर इन दिनों ग्रहण सा लग गया है. गाजीपुर जिले में आयुष्मान कार्ड बनाने में धांधली का मामला सामने आया है. इसकी जानकारी होते ही विभाग के अधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों में खलबली मच गई.

आयुष्मान कार्ड में धांधली
आयुष्मान कार्ड में धांधली

गाजीपुरः भ्रष्टाचार का खेल ऐसा कि गोल्डन कार्ड बनाने वालों ने ही गोल्डन कार्ड बेच दिया. जनपद में फर्जी कार्ड बनाकर न जाने कितने मरीजों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी उठा लिया. आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जाने को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का दावा था कि इसमें फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता. लेकिन गाजीपुर की आईडी से अन्य जिलों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं.

आयुष्मान कार्ड बनाने में धांधली का आरोप

नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र दुबे ने कहा

  • मुख्य सचिव ने 21 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस किया था.
  • जानकारी दी गई कि झांसी में 196 परिवारों का गोल्डन कार्ड गाजीपुर की आईडी से एक्टिव किए गए हैं.
  • आईडी एक्टिव करने के लिए गाजीपर के आयुष्मान मित्र ओम प्रकाश यादव का आईडी पासवर्ड का इस्तेमाल किया गया.
  • ओमप्रकाश यादव से पूछताछ के दौरान उनके मोबाइल में कई संदिग्ध नंबर मिले.
  • मोबाइल में व्हाट्सएप पर गोल्डन कार्ड बनाने के संबंध में बातचीत के कुछ स्क्रीनशॉट भी मिले हैं.

मामले से जुड़ी समस्त जानकारी सीएमओ डॉ. आर के सिन्हा को दी गई है. आयुष्मान कार्ड बनाने में आईडी के अवैध प्रयोग की जानकारी होने पर आईबी की टीम ने आयुष्मान ऑफिस पर पहुंच गोल्डन कार्ड और आयुष्मान संबंधित सभी फाइलों को जप्त कर लिया है.
- जितेंद्र दुबे, नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत योजना

गाजीपुरः भ्रष्टाचार का खेल ऐसा कि गोल्डन कार्ड बनाने वालों ने ही गोल्डन कार्ड बेच दिया. जनपद में फर्जी कार्ड बनाकर न जाने कितने मरीजों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी उठा लिया. आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जाने को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का दावा था कि इसमें फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता. लेकिन गाजीपुर की आईडी से अन्य जिलों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं.

आयुष्मान कार्ड बनाने में धांधली का आरोप

नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र दुबे ने कहा

  • मुख्य सचिव ने 21 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस किया था.
  • जानकारी दी गई कि झांसी में 196 परिवारों का गोल्डन कार्ड गाजीपुर की आईडी से एक्टिव किए गए हैं.
  • आईडी एक्टिव करने के लिए गाजीपर के आयुष्मान मित्र ओम प्रकाश यादव का आईडी पासवर्ड का इस्तेमाल किया गया.
  • ओमप्रकाश यादव से पूछताछ के दौरान उनके मोबाइल में कई संदिग्ध नंबर मिले.
  • मोबाइल में व्हाट्सएप पर गोल्डन कार्ड बनाने के संबंध में बातचीत के कुछ स्क्रीनशॉट भी मिले हैं.

मामले से जुड़ी समस्त जानकारी सीएमओ डॉ. आर के सिन्हा को दी गई है. आयुष्मान कार्ड बनाने में आईडी के अवैध प्रयोग की जानकारी होने पर आईबी की टीम ने आयुष्मान ऑफिस पर पहुंच गोल्डन कार्ड और आयुष्मान संबंधित सभी फाइलों को जप्त कर लिया है.
- जितेंद्र दुबे, नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत योजना

Intro:आईडी पासवर्ड बेचकर धड़ल्ले से बनाए जा रहे हैं आयुष्मान भारत कार्ड

गाजीपुर। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत। जिसपर इन दिनों ग्रहण सा लग गया है। भ्रष्टाचार का खेल ऐसा कि गोल्डन कार्ड बनाने वालों ने ही गोल्डन कार्ड बेच दिया। गाजीपुर में फर्जी कार्ड बनाकर न जाने कितनों मरीजों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी उठा लिया। वही आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जाने को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का दावा था कि इसमें फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता। लेकिन गाजीपुर की आईडी से अन्य जिलों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। 






Body:आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र दुबे ने बताया कि मुख्य सचिव द्वारा 21 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस किया गया था। उसमें यह जानकारी दी गई कि झांसी में 196 परिवारों का गोल्डन कार्ड गाजीपुर की आईडी से एक्टिव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आईडी एक्टिव करने के लिए गाजीपर के आयुष्मान मित्र ओम प्रकाश यादव का आईडी पासवर्ड इस्तेमाल किया गया। नोडल अधिकारी ने बताया कि ओमप्रकाश यादव से पूछताछ के दौरान उनके मोबाइल में कई संदिग्ध नंबर मिले। जिसमे व्हाट्सएप पर गोल्डन कार्ड बनाने के संबंध में बातचीत हुई थी। संबंधित व्यक्ति उत्तराखंड और झांसी के बताए जा रहे थे।




Conclusion:उन्होंने बताया कि मामले से जुड़ी समस्त जानकारी सीएमओ को दी गई। वहीं पूरे प्रकरण की जांच एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा को दी गई है। आयुष्मान कार्ड बनाने में आईडी के अवैध प्रयोग की जानकारी होने पर आईबी की टीम ने आयुष्मान ऑफिस पर पहुंच गोल्डन कार्ड और आयुष्मान संबंधित सभी फाइलों को जप्त कर लिया। आपको बता दें कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा था कि फर्जी गोल्डन कार्ड नहीं बनाए जा सकते। लेकिन कई ऐसे परिवार हैं जो फर्जी कार्ड बनवा कर लाखों का इलाज भी करा चुके।

बाइट - जितेंद्र दुबे ( आयुष्मान भारत नोडल अधिकारी ), विजुअल

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590960
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