गाजीपुर: गैंगस्टर एक्ट में चार साल कैद की सजा पाने के बाद बसपा नेता अफजाल अंसारी अपनी लोकसभा सदस्यता गंवा चुके हैं. इसी मामले को लेकर गाजीपुर प्रशासन ने अफजाल के आम के बाग को कुर्क किया था. प्रशासन ने आम के बाग की नीलामी की तारीख भी तय कर दी थी. लेकिन, अफजाल के आम नहीं बिक पाए. खरीदारों का कहना है कि रेट काफी ज्यादा लगाया गया है. इसके चलते खरीदार नीलामी में बिना बोली लगाए ही लौट गए.
पूर्व सांसद अफजाल अंसारी का आम का बाग मोहम्मदाबाद के धनेठा गांव में है, जिसमें 70 पेड़ आम के लगे हैं. जिला प्रशासन ने बाग में 179 कुंतल आम होने का अनुमान लगाया था. इसी के अनुसार नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी. प्रशासन की ओर से नीलामी की बोली 3 लाख 58 हजार रुपये तय की गई थी. इसके ऊपर खरीदारों को बोली लगानी थी.
नायब तहसीलदार विश्राम यादव के नेतृत्व में मोहम्मदाबाद तहसील में नीलामी के लिए लोगों को आमंत्रित किया गया था. नीलामी में बोली लगाने मोहम्मदाबाद तहसील पर पहुंचे खरीदार आम की अधिक कीमत बताकर लौट गए. जिसके चलते आम की नीलामी नहीं हो सकी.
क्यों हो रही थी नीलामीः दरअसल, जिलाधिकारी के निर्देश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी के मोहम्मदाबाद तहसील के धनेठा गांव स्थित बागीचे को कुर्क कर लिया गया था. अब धनेठा गांव के बगीचे में लगे आम के 70 पेड़ों में कुल 179 कुंतल फल मानकर राजस्व विभाग की ओर से नीलामी की राशि 3.58 लाख रुपये निश्चित की गई थी. अफजाल अंसारी के बगीचे में लगे आम के फल की नीलामी के मौके पर काफी लोग शामिल हुए. लेकिन, नीलामी की राशि अधिक बताते हुए वह बिना बोली लगाए ही लौट गए. नीलामी प्रक्रिया पूरी करने में लगे नायब तहसीलदार विश्राम यादव ने बताया कि नीलामी नहीं हो सकी. आगे इसके लिए तिथि निर्धारित की जाएगी.
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