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पूर्व मंत्री विजय मिश्र और उनके सहयोगी को एक-एक साल की सजा

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Published : Jul 28, 2023, 10:19 PM IST

गाजीपुर की सीजेएम कोर्ट ने एक आपराधिक मामले में पूर्व मंत्री विजय मिश्र और उनके सहयोगी को एक-एक साल की कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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गाजीपुर: अखिलेश सरकार में धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री "स्वतंत्र प्रभार" रहे विजय मिश्र को शुक्रवार को गाजीपुर की सीजेएम कोर्ट ने 6 साल पुराने आपराधिक मामले में एक साल की सजा और 500 रुपये का अर्थदंड लगाया है. कोर्ट ने यह सजा पूर्व मंत्री विजय मिश्र के सहयोगी दीपक वर्मा के खिलाफ सुनाई है.

गौरतलब है कि साल 2017 में सुनील सिंह कुशवाहा नाम के एक व्यक्ति ने तत्कालीन मंत्री विजय मिश्र और उनके सहयोगी दीपक वर्मा पर गाली और जान से मारने की धमकी देने आरोप लगाया था. सुनील ने गाजीपुर की शहर कोतवाली में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद यह मुकदमा अबतक सीजेएम कोर्ट में चल रहा था.

जिसमें शुक्रवार 28 जुलाई को लंबी सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने पूर्व मंत्री विजय मिश्र और उनके सहयोगी दीपक वर्मा को एक-एक साल कैद और 500 का अर्थदंड की सजा सुनाई है. फैसले के समय विजय मिश्र कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहे और मामला जमानत योग्य था. इसीलिए उन्हें थोड़ी देर न्यायालय में ही कस्टडी में रखा गया. फिर कुछ देर बाद जमानत मिल गई और वे तत्काल रिहा हो गए.

बता दें कि विजय मिश्र 2017 तक समाजवादी पार्टी के साथ थे. उसके बाद उन्होंने सपा का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा लिया था. लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. अब वह भाजपा के प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

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गौरतलब है कि साल 2017 में सुनील सिंह कुशवाहा नाम के एक व्यक्ति ने तत्कालीन मंत्री विजय मिश्र और उनके सहयोगी दीपक वर्मा पर गाली और जान से मारने की धमकी देने आरोप लगाया था. सुनील ने गाजीपुर की शहर कोतवाली में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद यह मुकदमा अबतक सीजेएम कोर्ट में चल रहा था.

जिसमें शुक्रवार 28 जुलाई को लंबी सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने पूर्व मंत्री विजय मिश्र और उनके सहयोगी दीपक वर्मा को एक-एक साल कैद और 500 का अर्थदंड की सजा सुनाई है. फैसले के समय विजय मिश्र कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहे और मामला जमानत योग्य था. इसीलिए उन्हें थोड़ी देर न्यायालय में ही कस्टडी में रखा गया. फिर कुछ देर बाद जमानत मिल गई और वे तत्काल रिहा हो गए.

बता दें कि विजय मिश्र 2017 तक समाजवादी पार्टी के साथ थे. उसके बाद उन्होंने सपा का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा लिया था. लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. अब वह भाजपा के प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

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