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मूर्तिकारों की मेहनत हुई बर्बाद, बाढ़ के पानी में डूबीं दुर्गा प्रतिमाएं - बाढ़ ने डाला मूर्तिकारों के जीवन पर प्रभाव

उत्तर प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बारिश ने गाजीपुर में मूर्ति बना रहे कारीगरों की महीनों की मेहनत पर भी प्रभाव डाला है. बारिश और बाढ़ के चलते ज्यादातर मूर्तियां पानी में डूब कर खराब हो गईं.

बाढ़ में डूबी मूर्ति
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Published : Oct 5, 2019, 11:50 AM IST

गाजीपुर: जनपद में मूर्तिकारों की जिंदगी बदरंग हो गई है. मूर्तियों की तकदीर गढ़ने वालों की तकदीर ने उनका साथ नहीं दिया. लगातार हो रही बारिश ने इनके कई दिनों की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है. कोलकाता से आकर 3 माह पहले ही कारीगरों ने मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू कर दिया था. लगातार बारिश और बाढ़ के चलते ज्यादातर मूर्तियां पानी में डूब कर खराब हो गईं.

बाढ़ के पानी में डूबीं दुर्गा प्रतिमाएं.
मूर्ति निर्माण केंद्रों का यह मंजर बता रहा कि किस तरह उनके मेहनत पर बारिश ने सब पानी-पानी कर दिया. चारों तरफ बस क्षत-विक्षत मूर्तियां और बांस-पुआल के ढांचे सब पानी में डूबे नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इनका असर गाजीपुर के पंडालों पर भी देखने को मिल रहा है. रात-रात भर मेहनत कर भव्य पंडाल बनकर तैयार हैं, लेकिन अब तक इन पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं नहीं लग पाई हैं.

इसे भी पढ़ें - आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जयंती: एक किताब को मोहताज है 'हिन्दी के सिरमौर' के नाम का पुस्तकालय

ये बोले मूर्तिकार
पानी भरने की वजह से मूर्तियां खराब हो गई हैं. 40 मूर्तियां बनकर तैयार थीं लेकिन इस बारिश से सब बर्बाद हो गईं. आठ लाख रुपये का घाटा हो चुका है. जहां मूर्ति बनाई जा रही थीं वहां चारों तरफ दीवार थी. पानी के दबाव के चलते दीवार टूट गई. जिससे निर्माण स्थल में कमर भर पानी भर गया और सभी मूर्तियां बर्बाद हो गईं. वही स्थानीय सभासद ने बताया कि 4 दिन लगातार हुई बारिश से कुछ इलाकों का पानी खोला गया. इससे इस इलाके में पहले से पानी होने के बावजूद अतिरिक्त पानी के दबाव से जलभराव हो गया.

कोलकाता से आए हैं मूर्तिकार
जनपद में ज्यादातर दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण कोलकाता से आए कारीगर करते हैं, लेकिन कारीगरों की कारीगरी पर बाढ़ ने पानी फेर दिया है. मूर्तिकार दुर्गा पूजा समितियों से मूर्ति बनाने का ऑर्डर तो ले चुके थे, लेकिन अब उनको पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में दुर्गा पूजा समिति के लोग मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अन्य जनपदों से लाने को मजबूर हैं.

गाजीपुर: जनपद में मूर्तिकारों की जिंदगी बदरंग हो गई है. मूर्तियों की तकदीर गढ़ने वालों की तकदीर ने उनका साथ नहीं दिया. लगातार हो रही बारिश ने इनके कई दिनों की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है. कोलकाता से आकर 3 माह पहले ही कारीगरों ने मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू कर दिया था. लगातार बारिश और बाढ़ के चलते ज्यादातर मूर्तियां पानी में डूब कर खराब हो गईं.

बाढ़ के पानी में डूबीं दुर्गा प्रतिमाएं.
मूर्ति निर्माण केंद्रों का यह मंजर बता रहा कि किस तरह उनके मेहनत पर बारिश ने सब पानी-पानी कर दिया. चारों तरफ बस क्षत-विक्षत मूर्तियां और बांस-पुआल के ढांचे सब पानी में डूबे नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इनका असर गाजीपुर के पंडालों पर भी देखने को मिल रहा है. रात-रात भर मेहनत कर भव्य पंडाल बनकर तैयार हैं, लेकिन अब तक इन पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं नहीं लग पाई हैं.

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ये बोले मूर्तिकार
पानी भरने की वजह से मूर्तियां खराब हो गई हैं. 40 मूर्तियां बनकर तैयार थीं लेकिन इस बारिश से सब बर्बाद हो गईं. आठ लाख रुपये का घाटा हो चुका है. जहां मूर्ति बनाई जा रही थीं वहां चारों तरफ दीवार थी. पानी के दबाव के चलते दीवार टूट गई. जिससे निर्माण स्थल में कमर भर पानी भर गया और सभी मूर्तियां बर्बाद हो गईं. वही स्थानीय सभासद ने बताया कि 4 दिन लगातार हुई बारिश से कुछ इलाकों का पानी खोला गया. इससे इस इलाके में पहले से पानी होने के बावजूद अतिरिक्त पानी के दबाव से जलभराव हो गया.

कोलकाता से आए हैं मूर्तिकार
जनपद में ज्यादातर दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण कोलकाता से आए कारीगर करते हैं, लेकिन कारीगरों की कारीगरी पर बाढ़ ने पानी फेर दिया है. मूर्तिकार दुर्गा पूजा समितियों से मूर्ति बनाने का ऑर्डर तो ले चुके थे, लेकिन अब उनको पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में दुर्गा पूजा समिति के लोग मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अन्य जनपदों से लाने को मजबूर हैं.

Intro:मूर्ति कारों की मेहनत हुई बर्बाद, बाढ़ के पानी में डूबी दुर्गा प्रतिमाएं

गाजीपुर । गाजीपुर में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। इसका असर अब त्योहारों पर भी पड़ने लगा है। बाढ़ के कहर के चलते धूमधाम से मनाया जाने वाला दुर्गा पूजा पूजा दुर्गा पूजा पूजा भी फीका सा नजर आ रहा है। कोलकाता से आकर 3 माह पहले ही कारीगरों ने मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू कर दिया था। लेकिन लगातार बारिश और बाढ़ के चलते ज्यादातर मूर्तियां पानी में डूब कर खराब हो गई हो गई खराब हो गई हो गई गई। कारीगरों की महीनों की मेहनत चंद पलों में ही बर्बाद हो गई हो गई।




Body:अभी मूर्ति निर्माण केंद्रों का मंजर यह है कि क्षत-विक्षत मूर्तियां और बांस - पुआल के ढांचे इधर उधर पानी में डूबे नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इनका असर गाजीपुर गाजीपुर के पंडालों पर भी देखने को मिल रहा है। बड़े-बड़े पंडाल तो बना दिए गए हैं। रातों को मेहनत कर भव्य पांडाल बनकर तैयार हैं। लेकिन अब तक इन पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं नहीं लग पाई हैं।

बताते हैं कि पानी भरने की वजह से मूर्तियां खराब हो गई। 40 मूर्तियां बनकर तैयार थीं लेकिन सब बर्बाद हो गई। आठ लाख रुपए का घाटा हो चुका है। जहां मूर्ति बनाई जा रही थी वहां चारों तरफ दीवार थी। पानी के दबाव के चलते दीवार टूट गई। जिससे निर्माण स्थल में कमर भर पानी भर गया और सभी मूर्तियां बर्बाद हो गई। वही स्थानीय सभासद ने बताया कि 4 दिन लगातार हुई बारिश से कुछ इलाकों का पानी खोला गया। जिससे इस इलाके में पहले से पानी होने के बावजूद अतिरिक्त पानी का दबाव और बढ़ गया और जलभराव हो गया।




Conclusion:बता दें कि गाजीपुर में ज्यादातर दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण कोलकाता के कारीगर करते हैं। लेकिन कारीगरों की कारीगरी पर बाढ़ ने पानी फेर दिया है। मूर्तिकार दुर्गा पूजा समितियों से मूर्ति बनाने का ऑर्डर तो ले चुके थे। लेकिन अब उनको पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में दुर्गा पूजा समिति के लोग मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अन्य जनपदों से लाने को मजबूर हैं।


बाइट - ओमप्रकाश ( मूर्तिकार )

बाइट - कमलेश ( स्थानीय सभासद ) , विजुअल , पीटीसी

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590960



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