गाजीपुर: हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन स्कूल और काॅलेजों से साथ सरकारी कार्यालय में हिंदी विषय पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जिले के गोराबाज स्थित पीजी काॅलेज के प्रो. राम नारायण तिवारी उर्फ भैया भदवरिया हिंदी भाषा और भोजपुरी को लोगों तक पहुंचाने का वर्षों से काम कर रहे हैं. वह बिहार राज्य के बक्सर जिले के भदवरिया गांव के रहने वाले हैं और वर्षों से इसी काॅलेज में पढ़ा रहे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखे के लिए हिंदी और भोजपुरी भाषा से जुड़ा हूं, ताकि नई पीढ़ी को नए नया रास्ता मिले. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोक गीत और लोक कथा, परंपराओं के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं, जिससे कि हमारी भाषा और संस्कृत को आगे बढ़ाया जा सके. वह हिंदी और भोजपुरी की कविताएं भी लिखते हैं, ताकि हिंदी और भोजपुरी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके.
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि हिंदी और भोजपुरी भाषा आधुनिक रूप में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे. बीएचयू में पढ़ाई के दौरान एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इंग्लिश ऑनर्स की क्लास में उन्होंने एक शब्द हिंदी में बोल दिया था. इसके लिए उन्हें 45 मिनट के लिए क्लास रूम से बाहर कर दिया गया था. उन्होंने बीएचयू से अंग्रेजी में पीएचडी किया है.
प्रो. तिवारी ने कहा, "मुझे इस यह बात हमेशा खटकती रही है कि जब मैं हिंदी और भोजपुरी रूपी अपनी माता की इज्जत नहीं कर पाऊंगा, तो देश की इज्जत क्या करूंगा. उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए लोग अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल के बजाए हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ाएं".