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गाजीपुर : दूर होगी सिंचाई की समस्या, करोड़ों रुपये की लागत से लगेंगे आठ पंप

जनपद गाजीपुर के जमानियां में सिंचाई की समस्या जल्द दूर होगी. सिंचाई विभाग द्वारा चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल के जर्जर हो चुके 8 पंपो को बदलवाने की कवायद शुरू हो चुकी है.

सिंचाई विभाग द्वारा मंगवाए गए नए पंप
सिंचाई विभाग द्वारा मंगवाए गए नए पंप
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Published : Jul 16, 2020, 9:56 PM IST

गाजीपुर: जमानियां में चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल के जर्जर हो चुके आठ पंपो को सिंचाई विभाग द्वारा बदलवाया जा रहा है. पंप कैनाल के बाहर नए आठ पंप भी पहुंच चुके हैं. इन पंपो के लगने से नहरों व रजवाहों में पानी की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी. साथ ही पंप लगने से किसानों को धान की सिंचाई के लिए पानी की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा.

जानकारों की मानें तो तीन दशक पूर्व पंप कैनाल में लगे पंप और मोटर जर्जर हो चुके थे, साथ ही कई पंप खराब हो चुके थे. विभाग द्वारा जैसे तैसे मरम्मत कर सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की जा रही थी. फिलहाल आठ पंपो में महज पांच पंपो के सहारे ही मुख्य नहर और रजवाहों में टर्न बनाकर पानी की आपूर्ति की जा रही है.

खरीफ फसलों की खेती में भरपूर पानी की आवश्यकता
रबी और खरीफ की खेती के लिए किसानों को खेतों में पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन जर्जर पंप होने के कारण पंप गृह से पूरी क्षमता से पानी नहीं मिलने से किसान डीजल इंजन के सहारे खेती करते हैं. जिससे उनकी खेती की लागत भी बढ़ गई है. चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल से जमानियां, गहमर और चंदौली की मुख्य नहर इसके अलावा देवैथा रजबहा में 14.60 किमी, दिलदारनगर रजबहा 24 किमी है.

वहीं ताड़ीघाट रजबहा 27 किमी, नौली रजबहा 14 किमी है. पंप कैनाल में कुल 92 टेल हैं, जहां तक पानी पहुंचाया जाता हैं. 1050 क्यूसेक क्षमता वाले पंप गृह का सात पंप 650 क्यूसेक पानी छोड़ता है. वर्तमान समय में पांच पंप से केवल 465 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए किसानों को मिल रहा है. वहीं इस क्षेत्र में 27 हजार 895 हेक्टेयर में धान की खेती होती है.

गाजीपुर: जमानियां में चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल के जर्जर हो चुके आठ पंपो को सिंचाई विभाग द्वारा बदलवाया जा रहा है. पंप कैनाल के बाहर नए आठ पंप भी पहुंच चुके हैं. इन पंपो के लगने से नहरों व रजवाहों में पानी की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी. साथ ही पंप लगने से किसानों को धान की सिंचाई के लिए पानी की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा.

जानकारों की मानें तो तीन दशक पूर्व पंप कैनाल में लगे पंप और मोटर जर्जर हो चुके थे, साथ ही कई पंप खराब हो चुके थे. विभाग द्वारा जैसे तैसे मरम्मत कर सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की जा रही थी. फिलहाल आठ पंपो में महज पांच पंपो के सहारे ही मुख्य नहर और रजवाहों में टर्न बनाकर पानी की आपूर्ति की जा रही है.

खरीफ फसलों की खेती में भरपूर पानी की आवश्यकता
रबी और खरीफ की खेती के लिए किसानों को खेतों में पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन जर्जर पंप होने के कारण पंप गृह से पूरी क्षमता से पानी नहीं मिलने से किसान डीजल इंजन के सहारे खेती करते हैं. जिससे उनकी खेती की लागत भी बढ़ गई है. चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल से जमानियां, गहमर और चंदौली की मुख्य नहर इसके अलावा देवैथा रजबहा में 14.60 किमी, दिलदारनगर रजबहा 24 किमी है.

वहीं ताड़ीघाट रजबहा 27 किमी, नौली रजबहा 14 किमी है. पंप कैनाल में कुल 92 टेल हैं, जहां तक पानी पहुंचाया जाता हैं. 1050 क्यूसेक क्षमता वाले पंप गृह का सात पंप 650 क्यूसेक पानी छोड़ता है. वर्तमान समय में पांच पंप से केवल 465 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए किसानों को मिल रहा है. वहीं इस क्षेत्र में 27 हजार 895 हेक्टेयर में धान की खेती होती है.

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