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गाजीपुर में 73 फुट के रावण ने पहना 3 मीटर का जूता

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में रामलीला में प्रत्येक वर्ष रावण की ऊंचाई में इजाफा हो रहा है. इस बार 73 फुट का रावण बनाया जा रहा है. पिछले साल की तुलना में यह 3 फुट ज्यादा है.

गाजीपुर में 73 फुट रावण का किया जा रहा निर्माण
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Published : Oct 6, 2019, 10:47 AM IST

गाजीपुर: गाजीपुर की अति प्राचीन रामलीला 400 साल पुरानी है. रामनगर, चित्रकूट और गाजीपुर की रामलीला का मंचन एक साथ ही शुरू हुआ था. रामलीला में प्रत्येक वर्ष रावण की ऊंचाई में इजाफा किया जाता है. इस बार 73 फुट का रावण बनाया जा रहा है जो पिछली बार की तुलना में 3 फुट ज्यादा है. लंकमैदान के हॉल में विकराल रावण बनाया जा रहा है. विजयादशमी के दिन रावण शहर के ज्यादातर इलाकों से नजर आयेगा. इस बार रावण का 10 फुट लंबा जूता बनाया गया है. वहीं रावण के सिर पर लगी छतरी में एलईडी बल्ब लगाए जाएंगे.

गाजीपुर में 73 फुट रावण का किया जा रहा निर्माण


रावण से जुड़ी बातों को जानने के कारीगर छोटू लाल प्रजापति से बात की. उन्होंने बताया कि पहली बार रावण का छत्र बनाया जा रहा है. जूता जो पहले 8 फुट का बनता था उसकी लंबाई बढ़ाकर 10 फुट कर दी गई है. रावण के पुतले के निर्माण के साथ साथ उसके मुंह में दो लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे ताकि रावण का पुतला बोल सके. मैं त्रिलोक विजेता लंकापति रावण.

लंकापति रावण तीन लाख से ज्यादा की लागत से होते हैं तैयार
ढाई महीने से रावण के निर्माण का काम चल रहा है. काम में 5 कारीगर लगातार लगे हुए हैं. रावण के निर्माण में 70 बांस, 90 किलो पेपर, चार जिस्ता रिम पेपर का प्रयोग किया गया है. वहीं मैदे से लोई भी बनाई गई है. रावण को सजाने के लिए कोलकाता के कुम्हार टोली से सजावट का सामान लाया गया है. वहीं रावण, खर दूषण सर भंग मुनि कौवा जटायु समेत अन्य पुतलों के निर्माण में तीन लाख रुपये से ज्यादा खर्चा आता है.


पुतला बनाने के शौक में रावण बनाना सीख लिया
अभी रावण निर्माण कार्य चल रहा है. इसमें रामनगर के कारीगरों द्वारा बम फिट किया जाएगा. छोटू लाल प्रजापति बताते हैं कि 40 साल पहले पुतले के निर्माण का काम सादिक मियां किया करते थे. मुझे भी शौक था पुतला बनाने के लिए. मैं भी आता था कहता था आज चाचा जी हमें भी सिखा दें. उनके साथ काम करते-करते ही मैंने रावण बनाना शुरू किया.

रावण के निर्माण में हर धर्म की भागीदारी

गाजीपुर में गंगा जमुनी तहजीब है. गाजीपुर की रामलीला हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब मिलकर रावण और मेले से जुड़े सभी छोटा बड़ा काम करते हैं. जो गंगा जमुनी तहजीब का जीता जागता उदाहरण है. विजय गाजीपुर वासियों को छतरी वाला विकराल रावण विजयदशमी के दिन देखने को मिलेगा.

गाजीपुर: गाजीपुर की अति प्राचीन रामलीला 400 साल पुरानी है. रामनगर, चित्रकूट और गाजीपुर की रामलीला का मंचन एक साथ ही शुरू हुआ था. रामलीला में प्रत्येक वर्ष रावण की ऊंचाई में इजाफा किया जाता है. इस बार 73 फुट का रावण बनाया जा रहा है जो पिछली बार की तुलना में 3 फुट ज्यादा है. लंकमैदान के हॉल में विकराल रावण बनाया जा रहा है. विजयादशमी के दिन रावण शहर के ज्यादातर इलाकों से नजर आयेगा. इस बार रावण का 10 फुट लंबा जूता बनाया गया है. वहीं रावण के सिर पर लगी छतरी में एलईडी बल्ब लगाए जाएंगे.

गाजीपुर में 73 फुट रावण का किया जा रहा निर्माण


रावण से जुड़ी बातों को जानने के कारीगर छोटू लाल प्रजापति से बात की. उन्होंने बताया कि पहली बार रावण का छत्र बनाया जा रहा है. जूता जो पहले 8 फुट का बनता था उसकी लंबाई बढ़ाकर 10 फुट कर दी गई है. रावण के पुतले के निर्माण के साथ साथ उसके मुंह में दो लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे ताकि रावण का पुतला बोल सके. मैं त्रिलोक विजेता लंकापति रावण.

लंकापति रावण तीन लाख से ज्यादा की लागत से होते हैं तैयार
ढाई महीने से रावण के निर्माण का काम चल रहा है. काम में 5 कारीगर लगातार लगे हुए हैं. रावण के निर्माण में 70 बांस, 90 किलो पेपर, चार जिस्ता रिम पेपर का प्रयोग किया गया है. वहीं मैदे से लोई भी बनाई गई है. रावण को सजाने के लिए कोलकाता के कुम्हार टोली से सजावट का सामान लाया गया है. वहीं रावण, खर दूषण सर भंग मुनि कौवा जटायु समेत अन्य पुतलों के निर्माण में तीन लाख रुपये से ज्यादा खर्चा आता है.


पुतला बनाने के शौक में रावण बनाना सीख लिया
अभी रावण निर्माण कार्य चल रहा है. इसमें रामनगर के कारीगरों द्वारा बम फिट किया जाएगा. छोटू लाल प्रजापति बताते हैं कि 40 साल पहले पुतले के निर्माण का काम सादिक मियां किया करते थे. मुझे भी शौक था पुतला बनाने के लिए. मैं भी आता था कहता था आज चाचा जी हमें भी सिखा दें. उनके साथ काम करते-करते ही मैंने रावण बनाना शुरू किया.

रावण के निर्माण में हर धर्म की भागीदारी

गाजीपुर में गंगा जमुनी तहजीब है. गाजीपुर की रामलीला हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब मिलकर रावण और मेले से जुड़े सभी छोटा बड़ा काम करते हैं. जो गंगा जमुनी तहजीब का जीता जागता उदाहरण है. विजय गाजीपुर वासियों को छतरी वाला विकराल रावण विजयदशमी के दिन देखने को मिलेगा.

Intro:गाजीपुर : बारिश के मौसम में बनाया जा रहा 73 फुट ऊंचाहार छतरी वाला रावण, 10 फुट के जूते

गाजीपुर। गाजीपुर की अति प्राचीन रामलीला 400 साल पुरानी है। रामनगर चित्रकूट और  गाजीपुर की रामलीला का मंचन एक साथ ही शुरू हुआ था। रामलीला में प्रत्येक वर्ष रावण  की ऊंचाई में इजाफा किया जाता है। इस बार 73 फुट का रावण बनाया जा रहा है। जो पिछली बार की तुलना में 3 फुट ज्यादा है। लंकमैदान के हॉल में विकराल रावण बनाया जा रहा है। खास बात यह है की विजयादशमी के दिन की रावण शहर के ज्यादातर इलाको से नज़र आयेगा। इस बार रावण का 10 फुट लंबा जूता बनाया गया है। वहीं रावण के सर पर छतरी भी होगी। इस बार रावण के सर पर छतरी लगाई गई है। जिसमें एलईडी बल्ब लगाए जाएंगे।
रावण से जुड़ी बातों को जानने के लिए हमने रावण निर्माता छोटू लाल प्रजापति से बात की। उन्होंने बताया कि पहली बार रावण का छत्र बनाया जा रहा है।  छत्र बनाए जाने से साथ ही उसमें बड़ी एलईडी लाइट भी लगाई जाएंगी। जूता जो पहले 8 फिट का बनता था उसकी लंबाई बढ़ाकर 10 फिट कर दी गई है रावण का निर्माण साथ बाद में किया गया है उसे मुंह में दो लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे ताकि रावण का पुतला बोल सके। मैं त्रिलोक विजेता लंकापति रावण.....



Body:वही जब हमें रावण के निर्माण को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि ढाई महीने से रावण के निर्माण का काम चल रहा है। काम में 5 कारीगर लगातार लगे हुए हैं। रावण के निर्माण मे 70 बांस, 90 किलो पेपर, चार जिस्ता रिम पेपर का प्रयोग किया गया है। वही मैदे से लेई भी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि रावण को सजाने के लिए कोलकाता के कुम्हार टोली से सजावट का सामान लाया गया है। वहीं रावण, खर दूषण सर भंग मुनि कौवा जटायु समेत अन्य पुतलों के निर्माण में तीन लाख से ज्यादा खर्चा आता है।





Conclusion:उन्होंने बताया कि अभी रावण निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें रामनगर के कारीगरों द्वारा बम फिट किया जाएगा। वहीं उन्होंने अपने रावण निर्माता बनने की कहानी भी हमें बताई। छोटू लाल प्रजापति बताते हैं की 40 साल पहले पुतले के निर्माण का काम सादिक मियां किया करते थे। मुझे भी शौक था पुतला बनाने के लिए। मैं भी आता था कहता था आज चाचा जी हमें भी सिखा दें। उनके साथ काम करते-करते ही उन्होंने रावण बनाना शुरू किया।
उन्होंने कहा कि गाजीपुर में गंगा जमुनी तहजीब है। गाजीपुर की रामलीला हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब मिलकर रावण और मेले का जुड़े सभी छोटा बड़ा काम करते हैं। जो गंगा जमुनी तहजीब का जीता जागता उदाहरण है। विजय गाजीपुर वासियों को छतरी वाला विकराल रावण विजयदशमी के दिन देखने को मिलेगा।

बाइट - छोटे लाल प्रजापति ( रावण पुतला निर्माता ), पीटीसी
विजुअल- रावण के निर्माण का विजुअल
उज्ज्वल कुमार राय,7905590960


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