नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में 18 अक्टूबर को हुए गैंगरेप के मामले (Gangrape Case In Ghaziabad) में एक नया ट्विस्ट आ गया है. पुलिस का कहना है कि बलात्कार की खबर को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है. इसके लिए बकायदा षड्यंत्र रचा गया. पुलिस ने बताया है कि महिला अपने संपत्ति विवाद का समाधान चाहती थी, इसलिए उसने अपने ही बलात्कार की खबर को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की साजिश रची. इस काम में उसके पुरुष मित्र ने सहायता की. पुरुष मित्र पर पहले भी कई अपराधिक मामले दर्ज है.
पुलिस का कहना है कि पीड़ित महिला (Gangrape victim woman) जीटीबी अस्पताल के अलावा किसी अन्य अस्पताल में अपना इलाज नहीं करवाना चाहती थी. इस मामले में पुलिस ने उसके पुरुष मित्र समेत तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है.
मामला गाजियाबाद के नंद ग्राम इलाके का है. यहां 18 अक्टूबर की सुबह एक महिला बेसुध अवस्था में मिली थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला कॉस्टेबल ने पीड़िता को कहा कि वह उसे डॉक्टर के पास ले जाती हैं, लेकिन पीड़िता ने कहा कि उसके साथ बलात्कार हुआ है और घिनौनी हरकत हुई है. पीड़िता ने कहा कि वह सिर्फ जीटीबी अस्पताल जाना चाहती है. जबकि महिला को मेरठ के मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था. इसके बाद पीड़िता को जीटीबी अस्पताल में ही एडमिट कराया गया.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला के एक पुरुष मित्र का नाम भी इस मामले में सामने आया है. उसका नाम आजाद है और वह दिल्ली के वेलकम इलाके का रहने वाला है. आजाद पर कई मुकदमे दर्ज है. वह जेल भी जा चुका है. लेकिन इस घटना में उसकी भूमिका काफी संदिग्ध है.
पुलिस ने बताया कि जिस समय पीड़िता के गायब होने की जानकारी बताई गई है, उस समय आजाद का मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ था. इसके अलावा जहां पर पीड़िता बेसुध अवस्था में कथित बलात्कार के बाद मिली थी. आजाद की लोकेशन भी उसी मार्ग के आसपास पाई गई है. इसके अलावा आजाद के फोन से इस तरह के एविडेंस पुलिस को मिले हैं, जिसमें बलात्कार की खबर को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की योजना तैयार की गई थी.
बलात्कार की खबर को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने के लिए एक व्यक्ति विशेष को पेटीएम के माध्यम से भुगतान करने का सबूत भी मिला है. यही नहीं पता चला है कि आजाद ने साजिश करके कई आधार कार्ड बनवाए थे. उसी आधार कार्ड से मोबाइल फोन को डिजिटल एप पर जोड़ा गया. पुलिस का कहना है कि यह जो भी साक्ष्य पाए गए हैं, इसके तहत एक अलग मुकदमा भी दर्ज किया जा रहा है. जिस पर बलात्कार के मामले के अलावा अलग से जांच भी की जा रही है.
पुलिस ने अपनी जांच में बताया है कि आजाद का एक आरोपी के साथ जमीनी विवाद भी चल रहा है. पुलिस को शक है कि उस जमीन के विवाद का समाधान निकालने के लिए एक षड्यंत्र रचा गया है, जिसके तहत बलात्कार का आरोप कुछ व्यक्तियों के विरुद्ध लगाया गया है.
पुलिस ने यह भी बताया है कि जमीन से जुड़ा हुआ वह मुकदमा न्यायालय में पूर्व से चल रहा है. लेकिन जब इसमें समाधान नहीं निकला तो संपत्ति पर कब्जा करने की नियत से योजना बनाई गई है. पुलिस का कहना है कि आजाद और उसके दो दोस्तों गौरव और अफजाल को मामले में हिरासत में ले लिया गया है. पूरे प्रकरण की अलग से मुकदमा दर्ज करके आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.
इस पूरे मामले पर मेरठ जोन के आईजी प्रवीण कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि मामले में पीड़ित महिला की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. इसलिए उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि उनसे जब पूछा गया कि क्या यह गैंगरेप का पूरा मामला फर्जी है. उन्होंने कहा कि इसमें अभी साइंटिफिक एविडेंस की जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद ही पुलिस किसी नतीजे पर पहुंचेगी. आईजी प्रवीण कुमार का कहना है कि महिला के सभी मेडिकल एग्जामिनेशन को पुलिस गहनता से देख रही है. उन्होंने बताया कि अभी तक इस नए मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह पूरा षड्यंत्र रचा गया है.
महिला पूर्व में दिल्ली के अस्पताल में ही नर्स के तौर पर काम कर चुकी है. पुलिस यह मान कर चल रही है कि महिला यूपी में अपना मेडिकल परीक्षण इसलिए नहीं करवाना चाहती थी क्योंकि, वह दिल्ली में मेडिकल करवाकर मेडिकल रिपोर्ट को दिल्ली में प्रभावित करके गलत तथ्यों को पेश करने का प्लान बना रही थी.
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