गाजियाबाद: संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) ने आज भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. भारत बंद को सफल बनाने में किसान नेता जुटे हुए हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को पूरी तरह से जाम कर दिया है. किसान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (Delhi-Meerut Expressway) पर बैठे हुए हैं. इसके चलते दिल्ली से गाजियाबाद आने वाले दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के सभी रास्तों को पुलिस ने बंद कर दिया है और ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है.
दरअसल, नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान मोर्चा की ओर से आज बंद का आह्वान किया गया है. साथ ही बताया गया कि यह बंद आज सुबह 6 बजे से शाम चार बजे तक चलेगा. वहीं, भारत बंद के दौरान मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए राष्ट्रीय किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत कहा कि इस बंद का सियासत से कोई लेनादेना नहीं है.
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Ambulances, doctors or those going for an emergency can pass through. We've not sealed down anything, we just want to send a message. We appeal to the shopkeepers to keep their shops closed for now and open only after 4pm. No farmer is coming here from outside: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/HaBDbFFKLT
— ANI UP (@ANINewsUP) September 27, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Ambulances, doctors or those going for an emergency can pass through. We've not sealed down anything, we just want to send a message. We appeal to the shopkeepers to keep their shops closed for now and open only after 4pm. No farmer is coming here from outside: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/HaBDbFFKLT
— ANI UP (@ANINewsUP) September 27, 2021Ambulances, doctors or those going for an emergency can pass through. We've not sealed down anything, we just want to send a message. We appeal to the shopkeepers to keep their shops closed for now and open only after 4pm. No farmer is coming here from outside: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/HaBDbFFKLT
— ANI UP (@ANINewsUP) September 27, 2021
वहीं, केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि क्या यह देश में पहली बार बंद हुआ है. उन्होंने कहा कि आज जो सरकार में हैं, जब वे लोग बंद करते थे तो उन्हें क्या हासिल होता था. हमने तो उनसे ही सीखा है?
आगे उन्होंने कहा कि हो सकता है कि भारत बंद से ही कुछ रास्ता निकल जाए. यह भी आंदोलन का ही एक हिस्सा है. हालांकि, टिकैत ने आगे केंद्र की मोदी सरकार को बेइमान और धोखेबाज तक करार दे दिया.
"50 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान और ब्याज दे दो"
इधर, गन्ना की कीमतों से संबंधित एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि आज जो सरकार में उन्होंने अपने घोषणापत्र में कहा था कि सरकार बनेगी तो 375 रुपए प्रति क्विंटल का रेट देंगे. जब 2017 में सरकार आई तो 375 रुपए देना चाहिए था.
ऐसे में 50 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो किसान ने अब तक पिछले चार साल में गन्ना डाला है. उसके 50 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान और उसका ब्याज हमें दे दें. खैर, इस सरकार ने धोखे से वोट लिया है.
गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी पर भड़के टिकैत
वहीं, गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी पर सरकार को श्रेय देने के सवाल पर टिकैत अचानक भड़क गए और उन्होंने कहा कि हमें जो घाटा हुआ है उसकी भरपाई भला कौन करेगा. इस सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है तो उसे श्रेय कहां से दें.
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पांच सालों में आधे पैसे बढ़ाए हैं और कह रहे हैं कि आप धन्यवाद दो. उन्होंने कहा कि ये तो वही बात हो गई कि अस्पताल में डॉक्टर ने कह दिया कि भाई आपको गोली तो दे दी है अब कम से कम जिंदा तो रहोगे.
बंद के कारण लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान आपात प्रतिष्ठानों, अस्पतालों और दवाओं के साथ ही राहत व बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ सभी सेवाएं बाधित रही.
वहीं, आंदोलनकारी किसानों को साफ हिदायत दी गई है कि एंबुलेंस के सायरन की आवाज को सुनते ही उसके लिए तुरंत रास्ता देना अनिवार्य होगा. आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में कई प्राइवेट ट्रांसपोर्ट असोसिएशन फिर से जुड़ गए हैं.
इस कारण बंद के दौरान देश की सड़कों पर हैवी मोटर वीइकल जैसे ट्रक आदि की संख्या नहीं के बराबर दिखी.
इन सब के इतर कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया है. साथ ही पार्टी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से वार्ता बहाल करने की भी मांग की है. इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ कहा कि कांग्रेस और उसके सभी कार्यकर्ता किसान संगठनों व किसानों के शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी इसं बंद का समर्थन किया है.
ट्रेनों के रूकने से यात्री परेशान
भले ही संयुक्त किसान मोर्चा के "भारत बंद" का आगरा में कुछ खास असर न दिखा हो, लेकिन रेलवे ने एहतियात बरतते हुए दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया है. साथ ही आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर जीटी एक्सप्रेस ट्रेन को रोका गया है. हालांकि, इस दौरान यात्रियों का परेशानी जरूर हो रही है. लेकिन रेलवे ने स्पष्ट कर दिया है कि एहतियाती तौर पर दिल्ली जाने वाली ट्रेनों को कुछ समय के लिए रोका गया है.
सुरक्षा को लेकर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के जवानों की भारी संख्या में तैनाती की गई है. वहीं, किसान संयुक्त मोर्चा ने आगरा में मानव श्रृंखला बना अपना विरोध जताया. इसके बाद शहीद स्मारक के समक्ष प्रदर्शन किया.
आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि किसान बिल के विरोध में किसान संयुक्त मोर्चा के भारत बंद का आह्वान किया है. रेलवे ने एहतियातन दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों को रोकना शुरू किया है. आगरा रेल मंडल में तीन ट्रेनें एक घंटे से अधिक समय से स्टेशन पर खड़ी हैं.
ट्रेन संख्या 02715 हजूर साहेब नांदेड़ एक्सप्रेस अमृतसर जाती है. यह ट्रेन सुबह सवा आठ बजे से ही आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां से उसे आधे घंटे के बाद रवाना किया गया. लेकिन आगे ट्रेन फिर खड़ी हो गई है. इसी तरह से ट्रेन संख्या 02439 हजूर साहेब नांदेड़-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस को भी मथुरा के पास रूंधी स्टेशन पर खड़ा किया गया है. इसके अलावा ट्रेन संख्या 02925 पश्चिम एक्सप्रेस को भी मथुरा के पास रोक दिया गया है. एक घंटे से ज्यादा समय से ट्रेनें खड़ी हैं.
बसों पर भी पड़ा बंद का असर
भारत बंद का सड़क यातायात पर भी प्रभाव दिखाई दे रहा है. तमाम लोगों ने अपनी यात्रा निरस्त कर दी है. दिल्ली की ओर जाने वाली बसों की संख्या कम है. ऐसे में बसों के लिए यात्री परेशान हैं. मगर आगरा में भारत बंद का असर दिखाई नहीं दे रहा है.