ETV Bharat / state

एक्सीडेंट होने पर अपने आप पुलिस को मैसेज भेज देगा हेलमेट, स्कूली बच्चों का कारनामा

गाजियाबाद के स्कूली बच्चों ने एक कारनामा कर दिखाया है. बच्चों ने एक ऐसे हेलमेट का आविष्कार किया है, जो एक्सीडेंट होने पर अपनों को मैसेज भेज देगा.

author img

By

Published : Aug 30, 2019, 3:10 PM IST

हेलमेट के साथ स्कूली बच्चे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: टू-व्हीलर पर चलने वाले सैकड़ों लोग रोजाना हादसे का शिकार होते हैं, जिसमें से कई लोगों की मौत भी हो जाती है. गाजियाबाद के एक प्राइवेट स्कूल के बच्चों ने एक खास तरह के हेलमेट का आविष्कार किया है. ये हेलमेट बाइक और स्कूटी से कनेक्ट हो सकेगा और अगर आप हेलमेट नहीं पहनेंगे तो आपकी बाइक और स्कूटी स्टार्ट ही नहीं होगी.

एक्सीडेंट होने पर अपने आप पुलिस को मैसेज भेज देगा हेलमेट

ड्रिंक कर नहीं चला सकेंगे बाइक
हैरान करने वाली बात ये कि इन बच्चों के बनाए हेलमेट को पहनने वाले ने अगर ड्रिंक कर रखी है तो बाइक/स्कूटी स्टार्ट नहीं होगी. वहीं अगर सेफ्टी के नजरिए से देखें तो अगर कभी चालक का एक्सीडेंट हो जाता है तो ये हेलमेट अपने आप ही सिलेक्टेड नंबर पर एक मैसेज डिलिवर कर देगा, जिसमें आपके घर, पुलिस और एंबुलेंस के नंबर शामिल होंगे.

1 महीने में 4 हजार के खर्च से किया आविष्कार
बातचीत के दौरान बच्चों ने हेलमेट की खासियत के बारे बताया कि किस तरह से ये हेलमेट काम करता है. इस हेलमेट में इन्होंने तरह-तरह की डिवाइस लगाई है. अगर आप हेलमेट पहनते हैं और उसके बाद हेलमेट की सेफ्टी बेल्ट आप नहीं लगाते हैं, तब भी आपका टू व्हीलर स्टार्ट नहीं होगा. बच्चों से जब पूछा गया कि उनको कितना वक्त लगा इस हेलमेट के तैयार करने में तो उन्होंने कहा कि एक महीने में उन्होंने ये हेलमेट तैयार किया है और उसको बनाने में लगभग चार हजार रुपये का खर्च आया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: टू-व्हीलर पर चलने वाले सैकड़ों लोग रोजाना हादसे का शिकार होते हैं, जिसमें से कई लोगों की मौत भी हो जाती है. गाजियाबाद के एक प्राइवेट स्कूल के बच्चों ने एक खास तरह के हेलमेट का आविष्कार किया है. ये हेलमेट बाइक और स्कूटी से कनेक्ट हो सकेगा और अगर आप हेलमेट नहीं पहनेंगे तो आपकी बाइक और स्कूटी स्टार्ट ही नहीं होगी.

एक्सीडेंट होने पर अपने आप पुलिस को मैसेज भेज देगा हेलमेट

ड्रिंक कर नहीं चला सकेंगे बाइक
हैरान करने वाली बात ये कि इन बच्चों के बनाए हेलमेट को पहनने वाले ने अगर ड्रिंक कर रखी है तो बाइक/स्कूटी स्टार्ट नहीं होगी. वहीं अगर सेफ्टी के नजरिए से देखें तो अगर कभी चालक का एक्सीडेंट हो जाता है तो ये हेलमेट अपने आप ही सिलेक्टेड नंबर पर एक मैसेज डिलिवर कर देगा, जिसमें आपके घर, पुलिस और एंबुलेंस के नंबर शामिल होंगे.

1 महीने में 4 हजार के खर्च से किया आविष्कार
बातचीत के दौरान बच्चों ने हेलमेट की खासियत के बारे बताया कि किस तरह से ये हेलमेट काम करता है. इस हेलमेट में इन्होंने तरह-तरह की डिवाइस लगाई है. अगर आप हेलमेट पहनते हैं और उसके बाद हेलमेट की सेफ्टी बेल्ट आप नहीं लगाते हैं, तब भी आपका टू व्हीलर स्टार्ट नहीं होगा. बच्चों से जब पूछा गया कि उनको कितना वक्त लगा इस हेलमेट के तैयार करने में तो उन्होंने कहा कि एक महीने में उन्होंने ये हेलमेट तैयार किया है और उसको बनाने में लगभग चार हजार रुपये का खर्च आया है.

Intro:गाज़ियाबाद :टू व्हीलर पर चलने वाले सैकड़ों लोग रोजाना हादसे का शिकार होते हैं और कई लोग तो मौत की आगोश में समा जाते हैं. उसकी एक बड़ी वजह होती है ज्यादातर लोगों ने हेलमेट नहीं लगाया होता, जिसकी वजह से हादसे के दौरान उनकी मौत तक हो जाती है. लेकिन अगर कुछ ऐसा हो जाए कि अगर आप हेलमेट नहीं लगाएंगे तो आपकी बाइक या स्कूटी स्टार्ट ही ना हो.
...जी हां ऐसा ही एक हेलमेट का इंवेंशन किया है गाजियाबाद के स्कूली बच्चों ने...





Body:गाजियाबाद के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले इन स्कूली बच्चों ने एक ऐसे हेलमेट का अविष्कार किया है जो कि आप की बाइक और स्कूटी से कनेक्ट होगा. अगर आप हेलमेट नहीं पहनेंगे तो आपकी बाइक और स्कूटी स्टार्ट ही नहीं होगी. यहां तक तो ठीक था लेकिन अगर आपने ड्रिंक कर रखी है तो भी आप की बाइक और स्कूटी स्टार्ट नहीं होगी. जी हां वेदर सेफ्टी के पर्पस से देखें तो अगर कभी भी आप का एक्सीडेंट हो जाता है तो अपने आप ही सिलेक्टेड नंबर पर एक मैसेज डिलीवर हो जाएगा जिसमें आपके घर के पुलिस और एंबुलेंस के नंबर शामिल होंगे.Conclusion:बातचीत के दौरान बच्चो ने हेलमेट की खासियत के बारे बताया कि किस तरह से यह हेलमेट वर्क करता है. इस हेलमेट में इन्होंने तरह-तरह की डिवाइस लगाई है. अगर आप हेलमेट पहनते हैं और उसके बाद हेलमेट की सेफ्टी बेल्ट आप नहीं लगाते हैं तब भी आप की टू व्हीलर स्टार्ट नहीं होगी. अगर आपने ड्रिंक कर रखी है तब भी आपकी बाइक या स्कूटी स्टार्ट नहीं होगी. बच्चों ने यह भी बताया कि एक्सीडेंट के दौरान अपने आप एक ऑटो मैसेज जनरेट होता है जो कि आपके परिजन पुलिस और लोकल हॉस्पिटल तक डिलीवर हो जाता है. बच्चों से जब पूछा गया कि उनको कितना वक्त लगा इस हेलमेट के तैयार करने में तो बच्चों का कहना था कि पूरे 1 महीने में उन्होंने यह हेलमेट तैयार किया है और उसको बनाने में लगभग 4 हज़ार रुपय का खर्च आया है.

बाइट :- तनिष गुप्ता (छात्र)



ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.