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संसद हमले में शहीद देशराज के स्मारक को सड़क का इंतजार

संसद हमले में गाजियाबाद के टीला गांव के देशराज मावी भी आतंकियों की गोलियों से शहीद हो गए थे. रविवार को उनके लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, गांव में बनाए गए उनके स्मारक को आज भी पक्की सड़क का इंतजार है.

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Published : Dec 13, 2020, 10:48 PM IST

शहीद देशराज का स्मारक
शहीद देशराज का स्मारक

गाजियाबादः संसद पर हमले की रविवार को 19वीं बरसी मनाई गई. संसद हमले में गाजियाबाद स्थित टीला गांव के रहने वाले देशराज मावी भी आतंकियों की गोलियों से शहीद हो गए थे. रविवार को गांव में देशराज मावी को श्रद्धांजलि देने के लिए पूजा-हवन का आयोजन किया गया. टीला गांव में देशराज मावी का स्मारक भी बनाया गया है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए अभी भी पक्की सड़क नहीं है.

संसद हमले में शहीद देशराज के स्मारक को सड़क का इंतजार.

पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के कर्मचारी थे देशराज

वर्ष 2001 में संसद भवन पर हुए हमले के दौरान देशराज मावी भी परिसर में मौजूद थे. उनकी ड्यूटी संसद भवन में पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारी के तौर पर थी, लेकिन आतंकियों की गोली ने उन्हें भी नहीं छोड़ा. वहीं परिवार को गुस्सा इस बात का है कि कोई अधिकारी और नेता श्रद्धांजलि में शामिल तक नहीं हुए.

शहीद के परिवार वाले पिछले कई सालों से गांव में स्मारक तक पहुंचने के लिए पक्के रास्ते की मांग कर रहे हैं. शहीद देशराज मावी के बेटे देवेंद्र मावी का कहना है कि अब तक स्मारक तक पहुंचने के लिए सरकार ने गांव में कोई पक्का रास्ता भी नहीं बनाया है. संसद भवन हमले में परिवार को छोड़कर जाने वाले शहीद देशराज की अनदेखी हो रही है.

गाजियाबादः संसद पर हमले की रविवार को 19वीं बरसी मनाई गई. संसद हमले में गाजियाबाद स्थित टीला गांव के रहने वाले देशराज मावी भी आतंकियों की गोलियों से शहीद हो गए थे. रविवार को गांव में देशराज मावी को श्रद्धांजलि देने के लिए पूजा-हवन का आयोजन किया गया. टीला गांव में देशराज मावी का स्मारक भी बनाया गया है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए अभी भी पक्की सड़क नहीं है.

संसद हमले में शहीद देशराज के स्मारक को सड़क का इंतजार.

पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के कर्मचारी थे देशराज

वर्ष 2001 में संसद भवन पर हुए हमले के दौरान देशराज मावी भी परिसर में मौजूद थे. उनकी ड्यूटी संसद भवन में पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारी के तौर पर थी, लेकिन आतंकियों की गोली ने उन्हें भी नहीं छोड़ा. वहीं परिवार को गुस्सा इस बात का है कि कोई अधिकारी और नेता श्रद्धांजलि में शामिल तक नहीं हुए.

शहीद के परिवार वाले पिछले कई सालों से गांव में स्मारक तक पहुंचने के लिए पक्के रास्ते की मांग कर रहे हैं. शहीद देशराज मावी के बेटे देवेंद्र मावी का कहना है कि अब तक स्मारक तक पहुंचने के लिए सरकार ने गांव में कोई पक्का रास्ता भी नहीं बनाया है. संसद भवन हमले में परिवार को छोड़कर जाने वाले शहीद देशराज की अनदेखी हो रही है.

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