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'किसानों की मिट्टी' पर पुलिस तैनात, खेत की सुरक्षा करेगा जवान: राकेश टिकैत - खेत की सुरक्षा यही जवान करेगा

गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात है. हमारे खेत में अब जवान आ गया है. अब हमारे खेत की सुरक्षा जवान करेगा.

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'किसानों की मिट्टी' पर पुलिस तैनात.
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Published : Feb 7, 2021, 12:56 AM IST

गाजियाबाद: नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलित हैं. यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर शनिवार को 72वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी रहा. किसानों का कहना है कि जब तक बिल वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं. आंदोलन को धार देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार देशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया था. हालांकि दिल्ली के अलावा यूपी और उत्तराखंड को इससे बाहर रखा गया था. शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात है. हमारे खेत में अब जवान आ गया है, हमारे खेत की सुरक्षा यही जवान करेगा. उन्होंने यह बात तब कही जब गाजीपुर बॉर्डर के फुटपाथ पर डालने के लिए लाई मिट्टी पर जवान खड़े रहे. यह मिट्टी फूलों के पौधे लगाने के लिए लाई गई थी.

राकेश टिकैत ने बयान जारी किया
गाजीपुर बार्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार देर रात एक बयान जारी कर कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व चक्का जाम की आड़ में हिंसा फैलाने की फिराक में थे, उनके ब्लू प्रिंट की जानकारी मिलने के बाद आंदोलन को हिंसक होने से बचाने के लिए यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम स्थगित कर दिया. दिल्ली को पहले ही इससे बाहर रखा गया था.

दिल्ली NCR में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
किसानों की ओर से चक्का जाम की कॉल वापस लिए जाने के बाद भी शनिवार को पूरे दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही. गाजीपुर बार्डर पर भी सुरक्षा बल अन्य दिनों के मुकाबले मुस्तैद नजर आए. इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है. अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा. राकेश टिकैत ने बड़े ही सकारात्मक अंदाज में कहा है कि वे प्रधानमंत्री के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं और पीएम से वह नंबर भी मांग रहे हैं, जिस पर कॉल करने की बात प्रधानमंत्री ने कही थी. बता दें कि प्रधानमंत्री ने किसानों के मुद्दे पर कहा था कि सरकार वार्ता करने के लिए किसानों से बस एक फोन कॉल की दूरी पर है.

कांटों के बदले फूल लगाने की मुहिम
शुक्रवार शाम को बैरिकेडिंग के पास किसानों की ओर से कांटों के बदले फूल लगाने की मुहिम जहां शुरू की गई थी, सुरक्षा बलों ने उस जगह पर डाली गई मिट्टी तक भी किसानों को नहीं जाने दिया. हालांकि किसानों की ओर से इस बात का प्रतिरोध नहीं किया गया. किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि यूपी गेट पर फुटपाथ के बाहर कच्ची जगह पर डालने के लिए शुक्रवार को मिट्टी लाई गई थी. मिट्टी शनिवार को फुटपाथ पर डाली जानी थी, लेकिन सुरक्षा बल दिन भर उसी मिट्टी पर खड़े रहे. कोई टकराव की स्थिति न बने इसलिए किसानों ने फुटपाथ के बाहर ऊबड़-खाबड़ पड़ी जगह को ठीक करके वहीं फूलों और पाम के पौधे लगा दिए.

सरकार को एक पॉजिटिव मैसेज देना चाहते हैं
किसान इस जगह को साफ सुथरा बनाने में लगे हैं. इसके साथ ही पुलिस की ओर से लगाए गए कांटों के जबाब में फूल लगाकर एक पॉजीटिव मैसेज देना चाहते हैं. राकेश टिकैत ने पुलिसवालों से मुलाकात करने के बाद कहा कि "जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात है. हमारे खेत में अब जवान आ गया है, हमारे खेत की सुरक्षा यही जवान करेगा."

गाजियाबाद: नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलित हैं. यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर शनिवार को 72वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी रहा. किसानों का कहना है कि जब तक बिल वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं. आंदोलन को धार देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार देशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया था. हालांकि दिल्ली के अलावा यूपी और उत्तराखंड को इससे बाहर रखा गया था. शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात है. हमारे खेत में अब जवान आ गया है, हमारे खेत की सुरक्षा यही जवान करेगा. उन्होंने यह बात तब कही जब गाजीपुर बॉर्डर के फुटपाथ पर डालने के लिए लाई मिट्टी पर जवान खड़े रहे. यह मिट्टी फूलों के पौधे लगाने के लिए लाई गई थी.

राकेश टिकैत ने बयान जारी किया
गाजीपुर बार्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार देर रात एक बयान जारी कर कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व चक्का जाम की आड़ में हिंसा फैलाने की फिराक में थे, उनके ब्लू प्रिंट की जानकारी मिलने के बाद आंदोलन को हिंसक होने से बचाने के लिए यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम स्थगित कर दिया. दिल्ली को पहले ही इससे बाहर रखा गया था.

दिल्ली NCR में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
किसानों की ओर से चक्का जाम की कॉल वापस लिए जाने के बाद भी शनिवार को पूरे दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही. गाजीपुर बार्डर पर भी सुरक्षा बल अन्य दिनों के मुकाबले मुस्तैद नजर आए. इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है. अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा. राकेश टिकैत ने बड़े ही सकारात्मक अंदाज में कहा है कि वे प्रधानमंत्री के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं और पीएम से वह नंबर भी मांग रहे हैं, जिस पर कॉल करने की बात प्रधानमंत्री ने कही थी. बता दें कि प्रधानमंत्री ने किसानों के मुद्दे पर कहा था कि सरकार वार्ता करने के लिए किसानों से बस एक फोन कॉल की दूरी पर है.

कांटों के बदले फूल लगाने की मुहिम
शुक्रवार शाम को बैरिकेडिंग के पास किसानों की ओर से कांटों के बदले फूल लगाने की मुहिम जहां शुरू की गई थी, सुरक्षा बलों ने उस जगह पर डाली गई मिट्टी तक भी किसानों को नहीं जाने दिया. हालांकि किसानों की ओर से इस बात का प्रतिरोध नहीं किया गया. किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि यूपी गेट पर फुटपाथ के बाहर कच्ची जगह पर डालने के लिए शुक्रवार को मिट्टी लाई गई थी. मिट्टी शनिवार को फुटपाथ पर डाली जानी थी, लेकिन सुरक्षा बल दिन भर उसी मिट्टी पर खड़े रहे. कोई टकराव की स्थिति न बने इसलिए किसानों ने फुटपाथ के बाहर ऊबड़-खाबड़ पड़ी जगह को ठीक करके वहीं फूलों और पाम के पौधे लगा दिए.

सरकार को एक पॉजिटिव मैसेज देना चाहते हैं
किसान इस जगह को साफ सुथरा बनाने में लगे हैं. इसके साथ ही पुलिस की ओर से लगाए गए कांटों के जबाब में फूल लगाकर एक पॉजीटिव मैसेज देना चाहते हैं. राकेश टिकैत ने पुलिसवालों से मुलाकात करने के बाद कहा कि "जहां कल मिट्टी गिरी, आज वहां पुलिस तैनात है. हमारे खेत में अब जवान आ गया है, हमारे खेत की सुरक्षा यही जवान करेगा."

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