गाजियाबाद : यूपी के गाजियाबाद की हवा का मिजाज बदलना शुरू हो गया है. दिल्ली-NCR से सटे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिसकी वजह से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. गाजियाबाद भी वायु प्रदूषण की चपेट में है. जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अत्यंत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही.
गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता आज गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की माने तो गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एकयूआई) 443 रहा, जो 'गंभीर श्रेणी' आता है.
एक नजर एनसीआर के प्रदूषण स्तर पर:
क्षेत्र | एयर क्वालिटी इंडेक्य (AQI) |
गाजियाबाद | 443 |
दिल्ली | 441 |
ग्रेटर नोएडा | 450 |
नोएडा | 408 |
गुरूग्राम | 395 |
फरीदाबाद | 396 |
गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें, तो यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स जनपद में सबसे अधिक दर्ज किया गया है. लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 451 दर्ज किया गया है.
एक नजर गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर:
क्षेत्र | एयर क्वालिटी इंडेक्य (AQI) |
इंदिरापुरम | 443 |
वसुंधरा | 435 |
संजय नगर | N/A |
लोनी | 451 |
विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली एनसीआर में आने वाले समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है. कई सालों से देखने को मिला है कि अक्टूबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पहरा जमाना शुरू कर देता है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.