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साइना नेहवाल के पैतृक गांव के लोग चाहते हैं पढ़ा-लिखा प्रधान

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Published : Apr 15, 2021, 3:39 AM IST

अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के पैतृक गांव ढिंडार के लोग इस बार तमाम वादों में न आकर शिक्षित प्रधान चाहते हैं. गाजियाबाद में आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग होनी है.

Saina Nehwal ancestral village
साइना नेहवाल का पैतृक गांव.

गाजियाबाद: जिले में आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग होनी है. ऐसे में चुनावों में उतरे प्रत्याशी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए खुद को अच्छा बता रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण किस तरह का प्रधान चाहते हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने मुरादनगर ब्लॉक के ढिंडार गांव में ग्रामीणों की राय जानने की कोशिश की. यह अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का पैतृक गांव भी है.

देखें रिपोर्ट...


बुजुर्ग नरेंद्र सिंह ने बताया कि गांव में अक्सर झगड़े हो जाते हैं. ऐसे में प्रधान को पार्टी नहीं बनना चाहिए. उसको निष्पक्ष फैसला करना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः गाजियाबाद: गांव की बदहाली देख पंचायत चुनाव में उतरा शिक्षक

गांव में बनना चाहिए इंटर कॉलेज
छात्र दिंपाशु ने बताया कि गांव के अधिकतर बच्चे पढ़ने के लिए बाहर जाते हैं. वह चाहते हैं कि उनके गांव में जो भी प्रधान बने, वह गांव में ही इंटर कॉलेज बनवाए. ग्रामीण कुलदीप का कहना है कि गांव का प्रधान ऐसा होना चाहिए, जो बिजली, पानी, सड़क सहित विकास कार्यों पर काम करे. बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर जाना होता है. इसलिए गांव में ही मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करे.

गाजियाबाद: जिले में आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग होनी है. ऐसे में चुनावों में उतरे प्रत्याशी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए खुद को अच्छा बता रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण किस तरह का प्रधान चाहते हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने मुरादनगर ब्लॉक के ढिंडार गांव में ग्रामीणों की राय जानने की कोशिश की. यह अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का पैतृक गांव भी है.

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बुजुर्ग नरेंद्र सिंह ने बताया कि गांव में अक्सर झगड़े हो जाते हैं. ऐसे में प्रधान को पार्टी नहीं बनना चाहिए. उसको निष्पक्ष फैसला करना चाहिए.

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गांव में बनना चाहिए इंटर कॉलेज
छात्र दिंपाशु ने बताया कि गांव के अधिकतर बच्चे पढ़ने के लिए बाहर जाते हैं. वह चाहते हैं कि उनके गांव में जो भी प्रधान बने, वह गांव में ही इंटर कॉलेज बनवाए. ग्रामीण कुलदीप का कहना है कि गांव का प्रधान ऐसा होना चाहिए, जो बिजली, पानी, सड़क सहित विकास कार्यों पर काम करे. बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर जाना होता है. इसलिए गांव में ही मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करे.

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