नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिला गाजियाबाद (Ghaziabad) में कोरोना संक्रमण (Corona infection) के मद्देनजर दूधेश्वर नाथ मंदिर (Dudheshwarnath temple) के महंत ने एक अहम फैसला (New rule of temple) लिया है. जिसके अनुसार मंदिर के अंदर अब सिर्फ उन्हीं श्रद्धालुओं को एंट्री (Entry of devotees) मिलेगी जिसने कोरोना वैक्सीन लगवाई (corona vaccine) है.
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प्रवेश द्वार पर सरकारी सर्टिफिकेट चेक होगा
मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही वैक्सीनेशन (Vaccination) का सरकारी सर्टिफिकेट (Government certificate) चेक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 8 जून से यूपी के मंदिर दोबारा भक्तों के लिए खोले जा सकते हैं, लेकिन मंदिर के द्वार खुलने के बाद नया नियम (New rule of temple) तुरंत लागू हो जाएगा. यही नहीं देश के अन्य मंदिर और मठों में भी इस नियम को लागू (New rule of temple) करने पर चर्चा की जा रही है.
इन विषयों पर जूना अखाड़ा कर रहा चर्चा
महन्त श्री नारायण गिरी (Mahant Shri Narayan Giri) ने बताया कि पूरे देश में जूना अखाड़ा (juna akhara) इस बात पर चर्चा कर रहा है कि सभी बड़े मंदिरों और मठों में यह व्यवस्था की जाए. जिन लोगों के पास त्वरित रूप से फिलहाल वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र नहीं होगा. उनके लिए 24 घंटे पहले का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट मान्य किया जा सकता है.
श्रद्धालुओं की एंट्री से पहले सख्त नियम
मंदिर पर इससे संबंधित नोटिस (notice) भी चस्पा किया गया है. मंदिर (Dudheshwarnath temple) द्वारा लिया गया यह फैसला देश के बाकी मंदिरों के लिए भी इसी तरह की प्रेरणा का काम करेगा. मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री से पहले सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं.
इस मंदिर में रावण ने भी की थी पूजा अर्चना
प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर (Dudheshwarnath temple) की देश में अपनी मान्यता है. प्राचीन काल (ancient time temple) में यहां रावण ने भी पूजा अर्चना की थी. बताया जाता है कि रावण ने अपने 10 सिरों में से एक सिर भगवान दूधेश्वर नाथ (Dudheshwarnath) के चरणों में अर्पित कर दिया था. हर साल शिवरात्रि (Shivratri) पर मंदिर में लाखों भक्तों की कतार लगती है. वहीं सोमवार को भी दिल्ली (Delhi) और आसपास से हजारों की संख्या में भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.