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गाजियाबाद: लेबर चौक पर इकट्ठा हुए मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

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Published : May 12, 2020, 9:51 AM IST

दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के लेबर चौक पर इकट्ठा हुए मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. लेबर चौक पर मौजूद श्री कृष्ण ने ईटीवी भारत को बताया कि वह राजमिस्त्री का काम करते हैं. लाॅकडाउन की वजह से वह बेरोजगार बैठे हुए हैं. लाॅकडाउन के तीसरे चरण में भी कोई काम शुरू नहीं हो पाया है.

muradnagar laborers are not getting work
गाजियाबाद के लेबर चौक पर इकट्ठा हुए मजदूरों को नहीं मिल रहा काम.

गाजियाबाद: लॉकडाउन के तीसरे चरण में काम मिलने की आस में मजदूर रोज मुरादनगर के लेबर चौक पर सुबह आकर इकट्ठा हो जाते हैं, लेकिन काम न मिलने के बाद हताश होकर अपने घर वापस लौट जाते हैं.

रोजाना हताश होकर वापस घर जाते हैं मजदूर.

लाॅकडाउन के पहले और दूसरे चरण के बाद लाॅकडाउन का तीसरा चरण तमाम राहतें लेकर आया, जिसमें शराब बिक्री, औद्योगिक, निर्माण और महत्वपूर्ण वस्तुओं से संबंधित काम शुरू करने के लिए कुछ शर्तों के साथ छूट दी गई है. इसीलिए रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे मजदूर काम मिलने की आस में मुरादनगर के लेबर चौक पर इकट्ठा हो जाते हैं. वहां मौजूद मजदूरों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

'रोजाना हताश होकर वापस जाते हैं घर'
ईटीवी भारत को लेबर चौक पर मौजूद अख्तर ने बताया कि वो मजदूरी करने का काम करते हैं. काम मिलने की उम्मीद लेकर वह यहां आते हैं, लेकिन काफी दिन से काम न मिलने की वजह से वे रोजाना हताश होकर अपने घर वापस लौट जाते हैं. उनको अब लाॅकडाउन के तीसरे चरण में भी काम मिलने की उम्मीद नहीं है.

ईटीवी भारत को मजदूर वीरपाल ने बताया कि काम न मिलने की वजह से उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वह रोजाना सुबह 8 बजे लेबर चौक पर आकर खड़े हो जाते हैं, लेकिन 15 से 20 दिन हो जाने के बावजूद भी उनको काम नहीं मिल रहा है.

लेबर चौक पर मौजूद श्री कृष्ण ने ईटीवी भारत को बताया कि वह राजमिस्त्री का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से वह बेरोजगार बैठे हुए हैं. लाॅकडाउन के तीसरे चरण में भी कोई काम शुरू नहीं हो पाया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर, रिक्शा चालक राजू को सरकार ने मुहैया कराया राशन

मजदूरों का कहना है कि लाॅकडाउन में काम न मिलने की वजह से घर परिवार का गुजारा नहीं चल रहा है. लोगों ने जो राशन बांटा था, उससे ही वह अपने परिवार का पेट भर रहे हैं.

गाजियाबाद: लॉकडाउन के तीसरे चरण में काम मिलने की आस में मजदूर रोज मुरादनगर के लेबर चौक पर सुबह आकर इकट्ठा हो जाते हैं, लेकिन काम न मिलने के बाद हताश होकर अपने घर वापस लौट जाते हैं.

रोजाना हताश होकर वापस घर जाते हैं मजदूर.

लाॅकडाउन के पहले और दूसरे चरण के बाद लाॅकडाउन का तीसरा चरण तमाम राहतें लेकर आया, जिसमें शराब बिक्री, औद्योगिक, निर्माण और महत्वपूर्ण वस्तुओं से संबंधित काम शुरू करने के लिए कुछ शर्तों के साथ छूट दी गई है. इसीलिए रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे मजदूर काम मिलने की आस में मुरादनगर के लेबर चौक पर इकट्ठा हो जाते हैं. वहां मौजूद मजदूरों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

'रोजाना हताश होकर वापस जाते हैं घर'
ईटीवी भारत को लेबर चौक पर मौजूद अख्तर ने बताया कि वो मजदूरी करने का काम करते हैं. काम मिलने की उम्मीद लेकर वह यहां आते हैं, लेकिन काफी दिन से काम न मिलने की वजह से वे रोजाना हताश होकर अपने घर वापस लौट जाते हैं. उनको अब लाॅकडाउन के तीसरे चरण में भी काम मिलने की उम्मीद नहीं है.

ईटीवी भारत को मजदूर वीरपाल ने बताया कि काम न मिलने की वजह से उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वह रोजाना सुबह 8 बजे लेबर चौक पर आकर खड़े हो जाते हैं, लेकिन 15 से 20 दिन हो जाने के बावजूद भी उनको काम नहीं मिल रहा है.

लेबर चौक पर मौजूद श्री कृष्ण ने ईटीवी भारत को बताया कि वह राजमिस्त्री का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से वह बेरोजगार बैठे हुए हैं. लाॅकडाउन के तीसरे चरण में भी कोई काम शुरू नहीं हो पाया है.

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मजदूरों का कहना है कि लाॅकडाउन में काम न मिलने की वजह से घर परिवार का गुजारा नहीं चल रहा है. लोगों ने जो राशन बांटा था, उससे ही वह अपने परिवार का पेट भर रहे हैं.

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