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गाजियाबादः लॉकडाउन का फूलों की खेती पर पड़ा व्यापक असर, किसान बर्बाद - गाजियाबाद में फूलों की खेती

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में गेंदों के फूलों से भरा खेत जिसकी खुशबू से आस पास के क्षेत्र महकते रहते थे, वह अब लाॅकडाउन की वजह से झाड़ियों में तब्दील हो गया है. फूलों के सड़ने की वजह से खुशबू की जगह यहां बदबू आनी शुरू हो गई है.

गाजियाबाद में फूलों की खेती हुई बर्बाद
गाजियाबाद में फूलों की खेती हुई बर्बाद
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Published : Apr 30, 2020, 8:42 PM IST

गाजियाबादः लाॅकडाउन के चलते सभी तरह की खेती करने वाला किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. लाॅकडाउन में सबसे ज्यादा फूलों की खेती करने वाले किसान बर्बाद हुए हैं. जिले में मुरादनगर के कस्बे के एक खेत में गेंदे के फूलों की खेती खड़े-खड़े सूख गई है, जिसकी वजह से किसान को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. खेत के मालिक से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत.

गाजियाबाद में फूलों की खेती हुई बर्बाद

सूख गई फूलों की खेती
ईटीवी भारत से गेंदे के फूलों की खेती करने वाले किसान प्रमोद ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनके फूल बाजार में नहीं बिक पाए हैं, इसलिए उनकी सारी फूलों की खेती सूख गई है और वह फूलों की खेती में बर्बाद हो गए हैं. उन्होंने बताया कि वह अब फूलों के खेत की जुताई करने के बाद नई फसल बोने की तैयारी करेंगे.

किसान का कहना है कि उन्होंने फूलों की खेती कर्जा लेकर की थी, लेकिन उनको इसकी लागत भी नहीं मिल पाई है. मार्च-अप्रैल में फूलों की खेती का सीजन होता है. जिसमें शादी समारोह और नवरात्र आते हैं, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से सब बंद हो गए, इसलिए खेतों में खड़ी खड़ी उनके फूलों की खेती सूखकर खराब हो गई है.

गाजियाबादः लाॅकडाउन के चलते सभी तरह की खेती करने वाला किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. लाॅकडाउन में सबसे ज्यादा फूलों की खेती करने वाले किसान बर्बाद हुए हैं. जिले में मुरादनगर के कस्बे के एक खेत में गेंदे के फूलों की खेती खड़े-खड़े सूख गई है, जिसकी वजह से किसान को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. खेत के मालिक से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत.

गाजियाबाद में फूलों की खेती हुई बर्बाद

सूख गई फूलों की खेती
ईटीवी भारत से गेंदे के फूलों की खेती करने वाले किसान प्रमोद ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनके फूल बाजार में नहीं बिक पाए हैं, इसलिए उनकी सारी फूलों की खेती सूख गई है और वह फूलों की खेती में बर्बाद हो गए हैं. उन्होंने बताया कि वह अब फूलों के खेत की जुताई करने के बाद नई फसल बोने की तैयारी करेंगे.

किसान का कहना है कि उन्होंने फूलों की खेती कर्जा लेकर की थी, लेकिन उनको इसकी लागत भी नहीं मिल पाई है. मार्च-अप्रैल में फूलों की खेती का सीजन होता है. जिसमें शादी समारोह और नवरात्र आते हैं, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से सब बंद हो गए, इसलिए खेतों में खड़ी खड़ी उनके फूलों की खेती सूखकर खराब हो गई है.

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