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महाशिवरात्रि स्पेशल: गाजियाबाद के इस मंदिर में रावण के पिता ने की थी पूजा-अर्चना - रावण के पिता

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर जहां देश के अलग-अलग हिस्सों में शिवालयों को सजाया गया है. हम आपको गाजियाबाद के एक ऐसे मंदिर की कहानी बताएंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि वहां पर रावण के पिता ने पूजा-अर्चना की थी.

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यहां रावण के पिता ने की थी पूजा.
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Published : Feb 21, 2020, 7:38 AM IST

गाजियाबाद: महाशिवरात्रि के त्यौहार पर देश के अलग-अलग हिस्सों में शिवालयों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. एक ऐसा ही शिवालय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में है. जहां की मान्यता रावण के पिता से जुड़ी है.

यहां रावण के पिता ने की थी पूजा.

दूधेश्वरनाथ मंदिर की मान्यता

गाजियाबाद के जस्सीपुरा मोड पर स्थित प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां रावण के पिता ने कठोर तपस्या की थी. रावण के पिता ने यहां पूजा-अर्चना की थी. इसके अलावा एक और मान्यता ये भी है कि प्राचीन काल में यहां स्थित एक टीले पर एक गाय रोजाना आकर दूध देती थी. बाद में जब उस टीले की खुदाई की गई तो शिवलिंग प्रकट हुआ, तभी से यहां दूधेश्वरनाथ मंदिर की स्थापना हुई. महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. अनुमान है कि करीब तीन लाख श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करेंगे.

बता दें कि मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. ऐसे में आज के दिन भगवान शिव का ध्यान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. महंत नारायण गिरी ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर महासंयोग भी बन रहा है. 117 साल बाद ये महासंयोग बन रहा है.

पढ़ें- जानें भगवान शिव के 108 नाम

गाजियाबाद: महाशिवरात्रि के त्यौहार पर देश के अलग-अलग हिस्सों में शिवालयों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. एक ऐसा ही शिवालय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में है. जहां की मान्यता रावण के पिता से जुड़ी है.

यहां रावण के पिता ने की थी पूजा.

दूधेश्वरनाथ मंदिर की मान्यता

गाजियाबाद के जस्सीपुरा मोड पर स्थित प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां रावण के पिता ने कठोर तपस्या की थी. रावण के पिता ने यहां पूजा-अर्चना की थी. इसके अलावा एक और मान्यता ये भी है कि प्राचीन काल में यहां स्थित एक टीले पर एक गाय रोजाना आकर दूध देती थी. बाद में जब उस टीले की खुदाई की गई तो शिवलिंग प्रकट हुआ, तभी से यहां दूधेश्वरनाथ मंदिर की स्थापना हुई. महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. अनुमान है कि करीब तीन लाख श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करेंगे.

बता दें कि मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. ऐसे में आज के दिन भगवान शिव का ध्यान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. महंत नारायण गिरी ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर महासंयोग भी बन रहा है. 117 साल बाद ये महासंयोग बन रहा है.

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