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पत्नी का शव न मिलने पर पति परेशान, 8 दिनों से काट रहा दिल्ली-गाजियाबाद का चक्कर

गाजियाबाद में पिछले 8 दिनों से एक पति अपनी पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दिल्ली और गाजियाबाद के अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे शव नहीं मिल पाया. पीड़ित पति हरजीत ने कहा कि शव से संबंधित औपचारिकताएं, दिल्ली और यूपी पुलिस को मिलकर पूरी करनी थी, लेकिन दोनों राज्यों की लापरवाही की वजह से 8 दिनों बाद भी पत्नी के शव के दर्शन तक नहीं हो पाए हैं.

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Published : Oct 31, 2020, 8:04 PM IST

पत्नी के शव के लिए पति परेशान है.
पत्नी के शव के लिए पति परेशान है.

गाजियाबाद: पिछले 8 दिनों से एक पति अपनी पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दिल्ली और गाजियाबाद के अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे शव नहीं मिल पाया है. मामला गाजियाबाद के लोनी इलाके से जुड़ा है. पेशे से टैक्सी ड्राइवर हरजीत की पत्नी ने 23 तारीख को पंखे से लटककर सुसाइड का प्रयास किया था. महिला को लोनी के अशोक विहार से दिल्ली के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. तब से शव दिल्ली के अस्पताल में ही रखा हुआ है.

जानकारी देते पीड़ित हरजीत.

2 राज्यों की कागजी कार्रवाई में उलझा शव

शव से संबंधित कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने की वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि एक पति अपनी पत्नी के शव का अंतिम संस्कार के लिए तरस रहा है. हरजीत की बेबसी सुनकर कुछ समाज सेवी संस्था भी आगे आए और लोनी क्षेत्राधिकारी दफ्तर पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की. पीड़ित हरजीत ने कहा कि शव से संबंधित औपचारिकताएं, दिल्ली और यूपी पुलिस को मिलकर पूरी करनी थी, लेकिन दोनों राज्यों की लापरवाही की वजह से 8 दिनों बाद भी पत्नी के शव के दर्शन तक नहीं कर पाए हैं.

क्या कहता है नियम

नियम के मुताबिक मृतक महिला जहां (लोनी) की रहने वाली है, वहीं से अधिकारी को जाकर कागजी कार्रवाई पूरी करने में मदद करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो जहां (दिल्ली) पर महिला का शव रखा हुआ है, वहां से मदद की जानी चाहिए. लेकिन दोनों ही तरफ से मदद नहीं मिली. हालांकि मामला सामने आने के बाद लोनी के एसडीएम ने एक मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया है, जिन्हें दिल्ली भेजा जाएगा और उनकी उपस्थिति में पंचनामा भरा जाएगा.

गाजियाबाद: पिछले 8 दिनों से एक पति अपनी पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दिल्ली और गाजियाबाद के अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे शव नहीं मिल पाया है. मामला गाजियाबाद के लोनी इलाके से जुड़ा है. पेशे से टैक्सी ड्राइवर हरजीत की पत्नी ने 23 तारीख को पंखे से लटककर सुसाइड का प्रयास किया था. महिला को लोनी के अशोक विहार से दिल्ली के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. तब से शव दिल्ली के अस्पताल में ही रखा हुआ है.

जानकारी देते पीड़ित हरजीत.

2 राज्यों की कागजी कार्रवाई में उलझा शव

शव से संबंधित कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने की वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि एक पति अपनी पत्नी के शव का अंतिम संस्कार के लिए तरस रहा है. हरजीत की बेबसी सुनकर कुछ समाज सेवी संस्था भी आगे आए और लोनी क्षेत्राधिकारी दफ्तर पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की. पीड़ित हरजीत ने कहा कि शव से संबंधित औपचारिकताएं, दिल्ली और यूपी पुलिस को मिलकर पूरी करनी थी, लेकिन दोनों राज्यों की लापरवाही की वजह से 8 दिनों बाद भी पत्नी के शव के दर्शन तक नहीं कर पाए हैं.

क्या कहता है नियम

नियम के मुताबिक मृतक महिला जहां (लोनी) की रहने वाली है, वहीं से अधिकारी को जाकर कागजी कार्रवाई पूरी करने में मदद करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो जहां (दिल्ली) पर महिला का शव रखा हुआ है, वहां से मदद की जानी चाहिए. लेकिन दोनों ही तरफ से मदद नहीं मिली. हालांकि मामला सामने आने के बाद लोनी के एसडीएम ने एक मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया है, जिन्हें दिल्ली भेजा जाएगा और उनकी उपस्थिति में पंचनामा भरा जाएगा.

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