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रोक के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी, डेंजरस श्रेणी में प्रदूषण का स्तर - गाजियाबाद खतरनाक श्रेणी में प्रदूषण

गाजियाबाद में रोक के बावजूद दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी हुई. इससे बीती रात से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा हुआ है. बीती रात एक समय AQI का स्तर 800 को पार कर गया था. अभी भी स्थिति बेहद खतरनाक श्रेणी में बनी हुई है.

गाजियाबाद प्रदूषण
गाजियाबाद प्रदूषण
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Published : Nov 5, 2021, 1:19 PM IST

गाजियाबादः जिले में आज सड़कों पर कई जगह पटाखों से होने वाली गंदगी और कूड़ा नजर आ रहा है. बीती रात गाजियाबाद में जमकर आतिशबाजी हुई. इसके चलते प्रदूषण का स्तर डेंजरस स्थिति में पहुंच गया है. लोग जब सुबह उठे हैं, तो उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. एक तरफ पटाखों की बिक्री पर रोक थी, मगर जमकर हुई आतिशबाजी से साफ है कि अवैध रूप से पटाखों की बिक्री हुई है. लोगों का कहना है कि प्रदूषण के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. बीती रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 800 को पार कर गया था.

गाजियाबाद खतरनाक श्रेणी में प्रदूषण

गाजियाबाद में हर तरह के पटाखों पर रोक थी, इसके बावजूद देर रात तक पटाखों की आवाज से लोग सो नहीं पाए. रात को धुआं काफी ज्यादा देखने को मिला. पहले से ही गाजियाबाद देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार है. इसके बावजूद कुछ लोगों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई. प्रशासन और सरकार की अपील के बावजूद पटाखे जलाए गए, जिन से धुआं काफी ज्यादा बढ़ गया. सुबह के एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें, तो वह 432 के करीब पहुंचा हुआ है.


सवाल यही खड़ा हो रहा है, कि इतने पटाखे कहां से आए? पिछले साल की तुलना में पटाखों की संख्या कम जरूर थी, मगर बिक्री पर रोक के बावजूद लोगों को पटाखे कहां से मिले, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. पटाखों से न सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि इससे ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है. जिससे बुजुर्ग और बच्चों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें-दिवाली के बाद इमरजेंसी स्तर पर पहुंचा दिल्ली में प्रदूषण, ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ फेल !

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गाजियाबादः जिले में आज सड़कों पर कई जगह पटाखों से होने वाली गंदगी और कूड़ा नजर आ रहा है. बीती रात गाजियाबाद में जमकर आतिशबाजी हुई. इसके चलते प्रदूषण का स्तर डेंजरस स्थिति में पहुंच गया है. लोग जब सुबह उठे हैं, तो उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. एक तरफ पटाखों की बिक्री पर रोक थी, मगर जमकर हुई आतिशबाजी से साफ है कि अवैध रूप से पटाखों की बिक्री हुई है. लोगों का कहना है कि प्रदूषण के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. बीती रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 800 को पार कर गया था.

गाजियाबाद खतरनाक श्रेणी में प्रदूषण

गाजियाबाद में हर तरह के पटाखों पर रोक थी, इसके बावजूद देर रात तक पटाखों की आवाज से लोग सो नहीं पाए. रात को धुआं काफी ज्यादा देखने को मिला. पहले से ही गाजियाबाद देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार है. इसके बावजूद कुछ लोगों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई. प्रशासन और सरकार की अपील के बावजूद पटाखे जलाए गए, जिन से धुआं काफी ज्यादा बढ़ गया. सुबह के एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें, तो वह 432 के करीब पहुंचा हुआ है.


सवाल यही खड़ा हो रहा है, कि इतने पटाखे कहां से आए? पिछले साल की तुलना में पटाखों की संख्या कम जरूर थी, मगर बिक्री पर रोक के बावजूद लोगों को पटाखे कहां से मिले, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. पटाखों से न सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि इससे ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है. जिससे बुजुर्ग और बच्चों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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