गाजियाबाद: जिले के मुरादनगर में हुए श्मशान घाट हादसे के जख्म अभी भरे भी नहीं है कि एक और श्मशान घाट घोटाले की सुगबुगाहट ने नगर निगम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस घोटाले के बाद गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा है.
यह भी पढ़ें: श्मशान घाट हादसा: मृतकों के परिजनों की मांग, जल्द से जल्द दी जाए सरकारी नौकरी
पत्र में मामले की जांच कराकर जल्द कार्रवाई करने के लिए प्रेषित किया गया है. बता दें कि सोशल मीडिया के माध्यम से मेयर को घोटाले की सूचना मिली थी. दरअसल दुहाई गांव में स्थित इस श्मशान घाट में निर्माण कार्य के लिए टेंडर भरा जाना था. इस टेंडर को जमा करने की आखिरी तारीख 18 फरवरी थी, लेकिन निर्माण का टेंडर होने से करीब 10 दिन पहले ही श्मशान घाट में मिट्टी भराव का कार्य शुरू कर दिया गया.
मिट्टी भराव से उठे भ्रष्टाचार को लेकर सवाल
जब यह जानकारी बाहर आई तो सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार फिर से भ्रष्टाचार होने वाला था? आखिर इस मिट्टी के भराव के पीछे कौन है? क्या पहले से ही यह तय हो चुका था कि टेंडर किसको मिलना है? कहीं मुरादनगर श्मशान घाट घोटाले की तरह यहां भी कोई गड़बड़ झाला तो नहीं है? नगर आयुक्त को लिखे गए इस लेटर की कॉपी ईटीवी भारत के पास है. देखना ये होगा कि मामले में कब तक जांच पूरी होती है क्या? इस बार घोटाले से पहले भ्रष्टाचारियों के चेहरे बेनकाब हो पाएंगे?
यह भी पढ़ें: मुरादनगर: पीड़ितों से मिलने पहुंचे सपा प्रतिनिधि मंडल, चेयरमैन को जेल भेजने की मांग
ग्राउंड पर ईटीवी भारत की पड़ताल
सवाल कई हैं, जिसका जवाब तलाशने के लिए हम दुहाई के इसी श्मशान घाट पर पहुंचे. यहां पर हमें आसपास के लोगों ने यही बताया कि करीब 10 दिन पहले रात को चोरी छुपे श्मशान घाट में मिट्टी के भराव का कार्य किया गया था. यानी सोशल मीडिया पर आई बातों की तस्दीक आसपास के लोग भी कर रहे हैं.