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शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपनाया सनातन धर्म

यूपी के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया. इसके साथ ही आज से वो हिंदू हो गये. गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने सनातन धर्म के विधि विधान के साथ वसीम रिजवी को पूजा-पाठ करायी.

वसीम रिजवी ने अपनाया सनातन धर्म
वसीम रिजवी ने अपनाया सनातन धर्म
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Published : Dec 6, 2021, 11:53 AM IST

गाजियाबाद: शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन (Former Shia Waqf Board Chairman) वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है. सोमवार सुबह गाजियाबाद के डासना मंदिर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया.

वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने हिंदू बनने के बाद कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं. उनसे जब पूछा गया कि वह धर्म परिवर्तन क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन की यहां पर कोई बात नहीं है. जब मुझको इस्लाम से निकाल ही दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है, कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं.

वसीम रिजवी ने अपनाया सनातन धर्म

उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं. इंसानियत पाई जाती है. हम यह समझते हैं, किसी और दूसरे धर्म में नहीं है.

पढ़ें: बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी आज, अलर्ट जारी, खुफिया एजेंसी सक्रिय

बता दें, बीते दिनों वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने अपनी वसीयत भी सार्वजनिक की थी. इसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए और उनके शरीर को जलाया जाए. वसीम रिजवी ने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें.

पढ़ें: इस्लाम छोड़ हिंदू बनेंगे शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी !

वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा. इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए.

गाजियाबाद: शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन (Former Shia Waqf Board Chairman) वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है. सोमवार सुबह गाजियाबाद के डासना मंदिर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया.

वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने हिंदू बनने के बाद कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं. उनसे जब पूछा गया कि वह धर्म परिवर्तन क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन की यहां पर कोई बात नहीं है. जब मुझको इस्लाम से निकाल ही दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है, कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं.

वसीम रिजवी ने अपनाया सनातन धर्म

उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं. इंसानियत पाई जाती है. हम यह समझते हैं, किसी और दूसरे धर्म में नहीं है.

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बता दें, बीते दिनों वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने अपनी वसीयत भी सार्वजनिक की थी. इसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए और उनके शरीर को जलाया जाए. वसीम रिजवी ने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें.

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वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा. इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए.

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