गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान तकरीबन 74 दिन से बैठे हुए हैं. ऐसे में शनिवार को किसान नेताओं ने पूरे भारत में चक्का जाम की घोषणा की हुई थी. वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में चक्का जाम न करके किसानों से जिला कार्यालयों में ज्ञापन देने की घोषणा की थी. इसी को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन के नेता और क्षेत्रीय किसान मोदीनगर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचे.
ईटीवी भारत को किसान नेता सत्येंद्र तोमर ने बताया कि पिछले 74 दिन से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. यह कृषि कानून किसानों के लिए फांसी का फंदा है. किसानों पर जिस किसी भी सरकार ने हाथ डाला है. उसको नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे ही अब उनको उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को भी पीछे हटना पड़ेगा.
शांतिपूर्ण ढंग से सौंपा ज्ञापन
किसान नेता का कहना है कि सरकार अगर पीछे नहीं हटेगी तो किसान भी पीछे नहीं हटेंगे. किसानों को इकट्ठा करने के लिए महापंचायतों का दौर जारी है. यह सिर्फ किसी एक जाति का नहीं बल्कि किसानों का आंदोलन है.
बॉर्डर पर आते-जाते रहेंगे किसान
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला उपाध्यक्ष चौधरी पवन कुमार ने बताया कि उनके नेता राकेश टिकैत ने जैसा कि आह्वान किया है कि एक गांव से एक ट्रैक्टर 15 आदमी और 10 दिन बॉर्डर पर आने चाहिए. इसके लिए उनकी पूरी तैयारी हैं. वैसे ही बॉर्डर पर लगातार ट्रैक्टर जाते रहेंगे और आज उन्होंने शांति पूर्ण रूप से अपनी मांगों को लेकर मोदी ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.