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यादव सिंह मामले में CBI ने दाखिल की 3 चार्जशीट, टेंडर में गड़बड़झाले का आरोप - यादव सिंह मामले में CBI ने दाखिल की 3 चार्जशीट

टेंडर घोटाले के आरोपी यादव सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई ने तीन अलग-अलग चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है. तीनों चार्जशीट में यादव सिंह प्रमुख आरोपी है.

यादव सिंह मामले में CBI ने दाखिल की 3 चार्जशीट
यादव सिंह मामले में CBI ने दाखिल की 3 चार्जशीट
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Published : Jun 10, 2020, 11:58 PM IST

गाजियाबाद: नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने 3 अलग-अलग मामलों में चार्जशीट दाखिल की है.

यादव सिंह प्रमुख आरोपी

इस चार्जशीट में नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर यादव सिंह, प्रोजेक्ट इंजीनियर रामेंद्र सिंह और विमल कुमार मांगलिक के अलावा जावेद अहमद को आरोपी बनाया गया है. बता दें कि इन पर नोएडा में अंडर ग्राउंड केबलिंग के नाम पर घोटाला करने का आरोप है. 2008 से लेकर 2011 के बीच क्रमशः 50.20 लाख, 54.28 लाख और 72.05 लाख का घोटाला हुआ था. ये चार्जशीट सीबीआई की विशेष अदालत में दाखिल की गई है. इन तीनों चार्जशीट में यादव सिंह प्रमुख आरोपी हैं. सीबीआई ने यादव सिंह और दूसरे आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है.

पहली चार्जशीट में 13 आरोपी
पहली चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें यादव सिंह, जावेद अहमद और उसकी गुल इंजीनियरिंग कंपनी समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर नोएडा अथॉरिटी को 50 लाख 20 हजार रुपये का चूना लगाने का आरोप है. सभी पर 2007-08 में आपराधिक साजिश के तहत 33 केवी के फीडर और 11 केवी का इलेक्ट्रिक केबल बिछाने के लिए गलत तरीके से निजी कंपनियों को तीन ठेके देने का आरोप है.

दूसरी चार्जशीट में 12 आरोपी
दूसरी चार्जशीट में यादव सिंह समेत 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर नोएडा अथॉरिटी को 54 लाख 28 हजार रुपये का चूना लगाने का आरोप है. इन पर 2008-09 में आपराधिक साजिश के तहत 11 केवी और 33 केवी लाइन को शिफ्ट करने के लिए गलत तरीके से निजी कंपनियों को दो ठेके देने का आरोप है.

तीसरी चार्जशीट में 11 आरोपी
तीसरी चार्जशीट में यादव सिंह समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर नोएडा अथॉरिटी को 72 लाख पांच हजार रुपये का चूना लगाने का आरोप है. इन पर 2010-11 में आपराधिक साजिश के तहत 11 केवी के सात भूमिगत फीडर और 33 केवी की ओवरहेड लाइन को भूमिगत करने के लिए गलत तरीके से निजी कंपनियों को दो ठेके देने का आरोप है.

2007 से 2012 तक टेंडर जारी करने में गड़बड़ी का आरोप

चार्जशीट के मुताबिक यादव सिंह के इशारे पर 2007 से लेकर 2012 तक जावेद अहम की गुल इंजीनियरिंग कंपनी को इलेक्ट्रिक वर्क को करोड़ों रुपये के टेंडर गलत तरीके से आवंटित किए गए. सीबीआई ने 17 जनवरी 2018 को यादव सिंह और दूसरे आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. ये केस इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर दर्ज किए गए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली थी
बीते 8 जून को सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपी नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट 12 जून को सुनवाई कर रहा है, तो यादव सिंह को अपनी आपत्ति हाईकोर्ट में रखनी चाहिए.

गाजियाबाद: नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने 3 अलग-अलग मामलों में चार्जशीट दाखिल की है.

यादव सिंह प्रमुख आरोपी

इस चार्जशीट में नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर यादव सिंह, प्रोजेक्ट इंजीनियर रामेंद्र सिंह और विमल कुमार मांगलिक के अलावा जावेद अहमद को आरोपी बनाया गया है. बता दें कि इन पर नोएडा में अंडर ग्राउंड केबलिंग के नाम पर घोटाला करने का आरोप है. 2008 से लेकर 2011 के बीच क्रमशः 50.20 लाख, 54.28 लाख और 72.05 लाख का घोटाला हुआ था. ये चार्जशीट सीबीआई की विशेष अदालत में दाखिल की गई है. इन तीनों चार्जशीट में यादव सिंह प्रमुख आरोपी हैं. सीबीआई ने यादव सिंह और दूसरे आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है.

पहली चार्जशीट में 13 आरोपी
पहली चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें यादव सिंह, जावेद अहमद और उसकी गुल इंजीनियरिंग कंपनी समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर नोएडा अथॉरिटी को 50 लाख 20 हजार रुपये का चूना लगाने का आरोप है. सभी पर 2007-08 में आपराधिक साजिश के तहत 33 केवी के फीडर और 11 केवी का इलेक्ट्रिक केबल बिछाने के लिए गलत तरीके से निजी कंपनियों को तीन ठेके देने का आरोप है.

दूसरी चार्जशीट में 12 आरोपी
दूसरी चार्जशीट में यादव सिंह समेत 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर नोएडा अथॉरिटी को 54 लाख 28 हजार रुपये का चूना लगाने का आरोप है. इन पर 2008-09 में आपराधिक साजिश के तहत 11 केवी और 33 केवी लाइन को शिफ्ट करने के लिए गलत तरीके से निजी कंपनियों को दो ठेके देने का आरोप है.

तीसरी चार्जशीट में 11 आरोपी
तीसरी चार्जशीट में यादव सिंह समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर नोएडा अथॉरिटी को 72 लाख पांच हजार रुपये का चूना लगाने का आरोप है. इन पर 2010-11 में आपराधिक साजिश के तहत 11 केवी के सात भूमिगत फीडर और 33 केवी की ओवरहेड लाइन को भूमिगत करने के लिए गलत तरीके से निजी कंपनियों को दो ठेके देने का आरोप है.

2007 से 2012 तक टेंडर जारी करने में गड़बड़ी का आरोप

चार्जशीट के मुताबिक यादव सिंह के इशारे पर 2007 से लेकर 2012 तक जावेद अहम की गुल इंजीनियरिंग कंपनी को इलेक्ट्रिक वर्क को करोड़ों रुपये के टेंडर गलत तरीके से आवंटित किए गए. सीबीआई ने 17 जनवरी 2018 को यादव सिंह और दूसरे आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. ये केस इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर दर्ज किए गए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली थी
बीते 8 जून को सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपी नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट 12 जून को सुनवाई कर रहा है, तो यादव सिंह को अपनी आपत्ति हाईकोर्ट में रखनी चाहिए.

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