नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा विवाद गंभीर स्थिति में है. लगातार रूस-यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में बमबारी कर रहा है. इस भयावह स्थिति में कई छात्र और प्रवासी भारतीय यूक्रेन में कैद हैं, उन्हें कैसे बाहर जाना है, क्या करना है, कुछ समझ नहीं आ रहा. घर वालों से काॅल पर बात करते हैं, अपनी सलामती की खबर सुनाते हैं और भारत में बैठे उनके परिजनों का दिल रखने की कोशिश करते हैं. बावजूद इसके भारत में यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं.
डर के कारण छात्र अपने बंकर और हॅास्टल बेसमेंट में छिपकर बैठे हैं. राहत की बात यह है कि भारत सरकार भी अपनी ओर से यूक्रेन में फंसे इन छात्रों को वहां से बाहर निकालने की कवायद कर रही है. इसी कड़ी में भारत सरकार वायु सेना की मदद से लगातार c-17 ग्लोबमास्टर में भारतीय छात्रों को इवेक्युएट कर हिंडन एयर बेस ला रही है. ईटीवी भारत ने यूक्रेन से भारत लौटे एक ऐसे ही छात्र आमिर से बात की है, लेकिन खास बात है कि आमिर यूक्रेन से अकेले नहीं, बल्कि अपनी बिल्ली को भी साथ लेकर आए हैं.
आमिर बताते हैं कि उन्हें अपनी पालतू बिल्ली से खूब लगाव है. वे जहां भी जाते हैं अपनी बिल्ली को साथ ले जाते हैं. 'मार्स' नाम की ये बिल्ली पिछले तीन सालों से आमिर के साथ ही है, वह उसके बगैर कहीं नहीं जाते. आमिर ने अपनी पालतू बिल्ली 'मार्स' का दो देशों का पासपोर्ट भी बनवाया हुआ है. यह बिल्ली आमिर के साथ यूक्रेन की कई जगहों पर घूम भी चुकी है. यहां तक की पालतू बिल्ली 'मार्स' आमिर के साथ इंटरनेशनल ट्रैवल भी कर चुकी है.
आमिर बताते हैं कि वे यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे हुए थे. वहां मंजर काफी डरावना था. हर जगह बमबारी और गनशॉट की आवाजें सुनाई दे रही थी. दो दिनों तक उन्हें बंकर में छिपना पड़ा था. ऐसे में वे जल्द से जल्द यूक्रेन से निकलने का प्रयास कर रहे थे. वे इस दौरान लगातार भारतीय एंबेसी से संपर्क कर रहे थे और एंबेसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार बॉर्डर पर पहुंचे थे. इस पूरे वक्त आमिर की पालतू 'मार्स' उनके साथ ही थी. आमिर अपनी बिल्ली के साथ रोमानिया से वायु सेना की मदद से भारत लौटे.
गौरतलब है कि गाजियाबाद स्थित हिंडन एयर बेस में अब तक 12 ग्लोबमास्टर आ चुके हैं, जिसमें करीब ढाई हजार छात्रों को प्रशासन की मदद से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है. मौके पर मौजूद अधिकारी ने बताया कि जिन छात्रों को उनके परिवार के लोग हिंडन एयर बेस के बाहर लेने के लिए आ जाते हैं, उनको सौंप दिया जाता है. बाकी सभी छात्रों को अलग-अलग साधनों के माध्यम से उनके राज्यों तक उनके घर पहुंचाया जा रहा है.
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