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मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में बचाई 6 जिंदगियां, अब ब्लड डोनेट कर कायम कर रहे मिसाल

मुरादनगर निवासी योगेंद्र और रवि दोनों दोस्त मिलकर श्मशान घाट हादसे के घायलों को ब्लड दे रहे हैं. इसके साथ ही वह दोस्तों की मदद से इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए घायलों की मदद कर रहे हैं.

ब्लड डोनेट कर कायम कर रहे मिसाल
ब्लड डोनेट कर कायम कर रहे मिसाल
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Published : Jan 12, 2021, 2:11 PM IST

गाजियाबाद: तीन जनवरी को मुरादनगर श्मशान घाट में हुए हादसे के वक्त कुछ स्थानीय निवासी फरिश्ता बनकर घटनास्थल पर पहुंचे. जिन्होंने समय रहते घायलों को तत्काल इलाज दिलाते हुए मौत का आंकड़ा बढ़ने से रोक लिया. ऐसे ही दो दोस्त हैं योगेंद्र और रवि, जिन्होंने घटनास्थल पर 6 जिंदगियां बचाई.

इसके साथ ही अब ये दोनों दोस्त अस्पताल जाकर घायलों को ब्लड डोनेट कर रहे हैं और अपने दोस्तों को भी इस मुहिम में शामिल कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मसीहा बनकर सामने आए युवकों से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत को योगेंद्र सिंह ने बताया कि वो श्मशान घाट में हादसा होते ही मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने देखा कि काफी संख्या में लोग दबे हुए हैं. एक ऐसे शख्स भी थे, जिनका आधा हिस्सा लेंटर में दबा हुआ था. उन्होंने फौरन उनको बाहर निकाला.

जानकारी देते संवाददाता.

बचाई कई जिंदगियां

मौके पर घायलों को निकालकर उन्होंने 6 जिंदगियां तो बचाई हैं, साथ ही तकरीबन 18 मृत लोगों को भी बाहर निकाला. योगेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने घायलों को ब्लड देने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप में अपना नंबर डाला. जिस पर एक घायल के परिजनों ने उनसे संपर्क किया. फिर वो अपने दोस्त रवि को लेकर अस्पताल पहुंचे. जहां दोनों दोस्तों ने ब्लड डोनेट किया.

7 यूनिट ब्लड कर चुके हैं डोनेट

योगेंद्र सिंह ने बताया कि वो अब तक अपने दोस्तों की मदद से घायलों को 7 यूनिट ब्लड दे चुके हैं. रवि चौधरी ने बताया कि वो घायलों को अस्पताल जाकर ब्लड तो दे रहे हैं, साथ ही पीड़ित परिवारों की सहायता भी कर रहे हैं.

गाजियाबाद: तीन जनवरी को मुरादनगर श्मशान घाट में हुए हादसे के वक्त कुछ स्थानीय निवासी फरिश्ता बनकर घटनास्थल पर पहुंचे. जिन्होंने समय रहते घायलों को तत्काल इलाज दिलाते हुए मौत का आंकड़ा बढ़ने से रोक लिया. ऐसे ही दो दोस्त हैं योगेंद्र और रवि, जिन्होंने घटनास्थल पर 6 जिंदगियां बचाई.

इसके साथ ही अब ये दोनों दोस्त अस्पताल जाकर घायलों को ब्लड डोनेट कर रहे हैं और अपने दोस्तों को भी इस मुहिम में शामिल कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मसीहा बनकर सामने आए युवकों से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत को योगेंद्र सिंह ने बताया कि वो श्मशान घाट में हादसा होते ही मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने देखा कि काफी संख्या में लोग दबे हुए हैं. एक ऐसे शख्स भी थे, जिनका आधा हिस्सा लेंटर में दबा हुआ था. उन्होंने फौरन उनको बाहर निकाला.

जानकारी देते संवाददाता.

बचाई कई जिंदगियां

मौके पर घायलों को निकालकर उन्होंने 6 जिंदगियां तो बचाई हैं, साथ ही तकरीबन 18 मृत लोगों को भी बाहर निकाला. योगेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने घायलों को ब्लड देने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप में अपना नंबर डाला. जिस पर एक घायल के परिजनों ने उनसे संपर्क किया. फिर वो अपने दोस्त रवि को लेकर अस्पताल पहुंचे. जहां दोनों दोस्तों ने ब्लड डोनेट किया.

7 यूनिट ब्लड कर चुके हैं डोनेट

योगेंद्र सिंह ने बताया कि वो अब तक अपने दोस्तों की मदद से घायलों को 7 यूनिट ब्लड दे चुके हैं. रवि चौधरी ने बताया कि वो घायलों को अस्पताल जाकर ब्लड तो दे रहे हैं, साथ ही पीड़ित परिवारों की सहायता भी कर रहे हैं.

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