गाजियाबाद: ऑटो में होने वाली अपराधिक वारदातों को रोकने के लिए दो दिन पहले ऑपरेशन नकेल की शुरुआत की गई थी, जिसका ऑटो यूनियन ने स्वागत किया है. ऑटो वालों ने लाइन में लगकर अपने ऑटो पर यूनिक नंबर लगवाए हैं. हम आपको बताते हैं कि यह यूनिक नंबर कैसे काम करता है.
चार डिजिट का होता है यूनिक नंबर
गाजियाबाद में सभी ऑटो पर अब यूनिक नंबर लगवाना जरूरी होगा. चार डिजिट का यह यूनिक नंबर हर ऑटो पर मोटे अक्षरों में लिखा होगा. जो दूर से ही नजर आएगा. इससे ऑटो वालों की पहचान सुनिश्चित होगी. इस यूनिक नंबर से यह भी पता चल पाएगा कि ऑटो वाला वाकई कागज लेकर चल रहा है या नहीं. अगर ऑटो वाले के आरसी या अन्य दस्तावेज कंप्लीट नहीं होंगे, तो उसे यूनिक नंबर नहीं मिल पाएगा.
असली ऑटो वालों की होगी पहचान
यूनिक नंबर वाला ऑटो बकायदा परमिट के साथ रजिस्टर्ड ऑटो होगा. जिस पर यूनिक नंबर नहीं होगा, उस ऑटो को पुलिस नहीं चलने देगी. इससे असली ऑटो वालों और ऑटो लूटने वालों के बीच पहचान आसानी से हो पाएगी.
ऑटो यूनियन कर रही स्वागत
यूनिक आईडी लगाने का अभी पहला चरण शुरू हुआ है. इसमें लाल कुआं से ऑटो पर यूनिक आईडी दी जा रही है. ऑटो वालों का कहना है कि इससे उन्हें परेशानी नहीं होगी. पुलिस को भी पता होगा, कि जिस ऑटो पर यूनिक नंबर है. उसको पुलिस रोक कर कागज चेक नहीं करेगी. क्योंकि यूनिक नंबर लेते समय सभी दस्तावेज दिखाना जरूरी है.
लोगों में बढ़ रहा विश्वास
कल से लेकर अब तक सैकड़ों ऑटो पर यूनिट नंबर लगाया जा चुका है. यूनिक नंबर देखकर आम लोग भी अब ऑटो में विश्वास के साथ सफर करेंगे. लगातार हो रही ऑटो में अपराधिक वारदातों से लोगों में अब डर बन गया था.