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गाजियाबाद : मांगे पूरी न होने पर अधिवक्ता ने दी आत्मदाह की चेतावनी - commit suicide

अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं.

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अधिवक्ता ने दी आत्मदाह की चेतावनी
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Published : Feb 27, 2020, 2:35 PM IST

गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील के वकील ने कहा कि वह 28 तारीख को आत्मदाह कर लेंगे. दरअसल, वकील ने मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट न बनने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है. सभी वकील तहसील में ही धरने पर बैठ गए.

सैकड़ों वकीलों ने की मांग

मोदीनगर तहसील के अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. वकील अपनी मांग को लेकर बीते 23 दिनों से मोदीनगर तहसील में धरने पर बैठे हुए हैं.

अधिवक्ता ने दी आत्मदाह की चेतावनी

वकीलों ने ठप किया काम

वकीलों ने पिछले 23 दिनों से काम-काज ठप कर रखा है. इससे पहले तहसील दिवस में भी वकीलों ने मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. वकील कह रहे हैं कि ग्रामीण कोर्ट बनवा कर रहेंगे.

'इंसाफ का रास्ता हो साफ'

वकीलों का कहना है कि मोदी नगर के लोगों को छोटे-छोटे मामलों में इंसाफ पाने के लिए गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट बन जाएगा तो यहीं पर ज्यादातर मुकदमें निपटा लिए जाएंगे और इंसाफ में देरी भी नहीं होगी. सुनवाई टलने के चलते लोगों को इंसाफ मिलने में देरी होती है.

गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील के वकील ने कहा कि वह 28 तारीख को आत्मदाह कर लेंगे. दरअसल, वकील ने मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट न बनने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है. सभी वकील तहसील में ही धरने पर बैठ गए.

सैकड़ों वकीलों ने की मांग

मोदीनगर तहसील के अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. वकील अपनी मांग को लेकर बीते 23 दिनों से मोदीनगर तहसील में धरने पर बैठे हुए हैं.

अधिवक्ता ने दी आत्मदाह की चेतावनी

वकीलों ने ठप किया काम

वकीलों ने पिछले 23 दिनों से काम-काज ठप कर रखा है. इससे पहले तहसील दिवस में भी वकीलों ने मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. वकील कह रहे हैं कि ग्रामीण कोर्ट बनवा कर रहेंगे.

'इंसाफ का रास्ता हो साफ'

वकीलों का कहना है कि मोदी नगर के लोगों को छोटे-छोटे मामलों में इंसाफ पाने के लिए गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट बन जाएगा तो यहीं पर ज्यादातर मुकदमें निपटा लिए जाएंगे और इंसाफ में देरी भी नहीं होगी. सुनवाई टलने के चलते लोगों को इंसाफ मिलने में देरी होती है.

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