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गाजियाबाद: डासना जेल से अब तक छूटे 332 कैदी, आज हुई 162 कैदियों की रिहाई - coronavirus news

कोरोना वायरस के कारण गाजियाबाद की डासना जेल से आज 162 कैदियों को रिहा किया गया है. ये सभी कैदी सात साल से कम सजा वाले मामलों में विचाराधीन थे. वहीं बता दें कि डासना जेल से अब तक कुल 332 कैदियों की रिहाई की जा चुकी है.

डासना जेल से 162 कैदियों की रिहाई
डासना जेल से 162 कैदियों की रिहाई
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Published : Apr 2, 2020, 7:23 PM IST

गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद की डासना जेल से आज 162 कैदियों की रिहाई की गई है. ये सभी कैदी सात साल से कम सजा वाले मामलों में विचाराधीन थे. रिहाई से पहले सभी कैदियों की मेडिकल जांच की गई. कैदियों को सैनिटाइज किए बस में भेजा गया. बता दें कि अब तक डासना जेल से 332 कैदियों की रिहाई की जा चुकी है.

डासना जेल से 162 कैदियों की रिहाई

कैदियों को आठ सप्ताह के लिए जमानत पर रिहा किया गया है. इससे पहले डासना जेल से 89 कैदियों की रिहाई की गई थी तो वहीं दूसरे चरण में 81 कैदियों को छोड़ा गया था. इनमें से कुछ कैदियों के मामलों का निस्ताकरण आठ सप्ताह के बाद होगा.

कैपिसिटी से ज्यादा कैदी हैं बंद
गाजियाबाद की डासना जेल में कैदियों को रखने की जितनी क्षमता है, उससे कहीं ज्यादा कैदी बंद हैं. एक अनुमान के मुताबिक क्षमता से तीन गुना कैदी जेल में बंद हैं. इसलिए प्रशासन के आदेश पर जेलों में कैदियों की संख्या कम करने की कवायद चल रही है.

गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद की डासना जेल से आज 162 कैदियों की रिहाई की गई है. ये सभी कैदी सात साल से कम सजा वाले मामलों में विचाराधीन थे. रिहाई से पहले सभी कैदियों की मेडिकल जांच की गई. कैदियों को सैनिटाइज किए बस में भेजा गया. बता दें कि अब तक डासना जेल से 332 कैदियों की रिहाई की जा चुकी है.

डासना जेल से 162 कैदियों की रिहाई

कैदियों को आठ सप्ताह के लिए जमानत पर रिहा किया गया है. इससे पहले डासना जेल से 89 कैदियों की रिहाई की गई थी तो वहीं दूसरे चरण में 81 कैदियों को छोड़ा गया था. इनमें से कुछ कैदियों के मामलों का निस्ताकरण आठ सप्ताह के बाद होगा.

कैपिसिटी से ज्यादा कैदी हैं बंद
गाजियाबाद की डासना जेल में कैदियों को रखने की जितनी क्षमता है, उससे कहीं ज्यादा कैदी बंद हैं. एक अनुमान के मुताबिक क्षमता से तीन गुना कैदी जेल में बंद हैं. इसलिए प्रशासन के आदेश पर जेलों में कैदियों की संख्या कम करने की कवायद चल रही है.

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