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बालिका संरक्षण गृह में आने के बाद कोई नाबालिग नहीं हुई गर्भवती- विमला बाथम

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले स्थित बालिका संरक्षण गृह में 50 से ज्यादा लड़कियां संक्रमित पाई गईं, जिसमें सात लड़कियां गर्भवती भी थीं. मामला सामने आने के बाद राजनीति में मचे घमासान को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. इसको लेकर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

ETV भारत ने की उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम से बातचीत.
ETV भारत ने की उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम से बातचीत.
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Published : Jun 22, 2020, 7:17 PM IST

नोएडा: प्रदेश के कानपुर जिले में राजकीय बालिका संरक्षण गृह मामले के सामने आने के बाद राजनीति तेज हो गई है. यहां 57 लड़कियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि के साथ ही 7 नाबालिग लड़कियां गर्भवती मिली थीं. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. इन सभी मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. बिमला बाथम ने राजकीय बालिका संरक्षण गृह को लेकर सभी अफवाहों को खारिज किया है.

ETV भारत ने की उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम से बातचीत.
'बाल गृह में आने के बाद नहीं हुई कोई गर्भवती'
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि 57 बालिकाओं का एक साथ कोरोना संक्रमित होना एक बड़ी बात है. बालिका गृह में नाबालिग के आने से पहले सभी की मेडिकल जांच की जाती है. ऐसे में जिस रूम में भी नाबालिग रहती हैं, उन्हें बाल कनेक्शन गृह में रखा जाता है. उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष ने बालिका गृह में 7 गर्भवती नाबालिगों के मिलने के बाद सभी खबरों का खंडन किया है. विमला बाथम ने कहा है कि ये महिलाएं पहले से ही गर्भवती हैं, बाल गृह में आने के बाद कोई नाबालिग गर्भवती नहीं हुई है.

'यूपी के सभी DM को जारी किया जाएगा पत्र'
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इस बाबत पत्र लिखा जाएगा. पत्र के माध्यम से जिलाधिकारियों को कहा जाएगा कि कानपुर के स्वरूप नगर स्थित बालिका संरक्षण गृह में जिस तरह की घटना घटी है, उसको देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए जाएं.


इसके साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि बालिका संरक्षण गृह की क्षमता से ज्यादा बालिकाएं वहां न हों. बालिका संरक्षण गृह में मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजेशन का कार्य भी किया जा रहा है, इसको भी सुनिश्चित किया जाएगा.

नोएडा: प्रदेश के कानपुर जिले में राजकीय बालिका संरक्षण गृह मामले के सामने आने के बाद राजनीति तेज हो गई है. यहां 57 लड़कियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि के साथ ही 7 नाबालिग लड़कियां गर्भवती मिली थीं. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. इन सभी मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. बिमला बाथम ने राजकीय बालिका संरक्षण गृह को लेकर सभी अफवाहों को खारिज किया है.

ETV भारत ने की उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम से बातचीत.
'बाल गृह में आने के बाद नहीं हुई कोई गर्भवती'
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि 57 बालिकाओं का एक साथ कोरोना संक्रमित होना एक बड़ी बात है. बालिका गृह में नाबालिग के आने से पहले सभी की मेडिकल जांच की जाती है. ऐसे में जिस रूम में भी नाबालिग रहती हैं, उन्हें बाल कनेक्शन गृह में रखा जाता है. उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष ने बालिका गृह में 7 गर्भवती नाबालिगों के मिलने के बाद सभी खबरों का खंडन किया है. विमला बाथम ने कहा है कि ये महिलाएं पहले से ही गर्भवती हैं, बाल गृह में आने के बाद कोई नाबालिग गर्भवती नहीं हुई है.

'यूपी के सभी DM को जारी किया जाएगा पत्र'
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इस बाबत पत्र लिखा जाएगा. पत्र के माध्यम से जिलाधिकारियों को कहा जाएगा कि कानपुर के स्वरूप नगर स्थित बालिका संरक्षण गृह में जिस तरह की घटना घटी है, उसको देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए जाएं.


इसके साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि बालिका संरक्षण गृह की क्षमता से ज्यादा बालिकाएं वहां न हों. बालिका संरक्षण गृह में मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजेशन का कार्य भी किया जा रहा है, इसको भी सुनिश्चित किया जाएगा.

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