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नोएडा: अब रोडवेज बसों की होगी ट्रैकिंग, 'तीसरी आंख' से रखी जाएगी नजर

नोएडा डिपो के एआरएम अनुराग ने बताया कि रोडवेज की सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस (वीटीएस) लगे हैं, जिसकी मदद से रूट, स्पीड, हॉल्ट और ड्राइवर की हैबिट पर नजर रखी जा सकेगी.

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रोडवेज बसों की होगी ट्रैकिंग
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Published : Jan 7, 2020, 12:41 PM IST

नोएडा: रोडवेज विभाग अब बसों की लाइव ट्रैकिंग करेगा और लाइव लोकेशन भी ट्रेस की जाएगी. यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं. अक्सर बस चालकों की मनमानी और रूट डायवर्जन की शिकायतें मिलती रही हैं, ऐसे में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं.

नोएडा डिपो के एआरएम अनुराग ने बताया कि रोडवेज की सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस (वीटीएस) लगे हैं. जिसकी मदद से रूट, स्पीड, हॉल्ट और ड्राइवर की हैबिट (हार्श ब्रेकिंग) पर नजर रखी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस रोडवेज के लिए तीसरी आंख की तरह काम करती है. ऐसे में बसों की टाइमिंग सहित कई चीजों पर ऑफिस में बैठे नजर रखी जा सकेगी.

रोडवेज बसों की होगी ट्रैकिंग.

'यात्रियों की सुविधा उद्देश्य'
एआरएम ने जानकारी देते हुए कहा कि यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है. मॉनिटरिंग के जरिए बस समय से चल रही और सुरक्षित चल रही है, इस पर नजर बनाए रखना है क्योंकि मुख्य उद्देश्य रोडवेज बसों की स्पीड पर लगाम कसना और सुरक्षा देना है.

'224 बसों में लगी डिवाइस'
नोएडा डिपो में तकरीबन 224 बसें फ्लीट में है, जिनमें व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगे हुए हैं. मुख्यालय स्तर पर भी इसकी निगरानी की जाएगी. नोएडा डिपो में जलने वाली अधिकतर बसें लंबे रूट पर नहीं चलती, डिपो पूरी तरीके से सीएनजी बेस्ड हैं.

नोएडा: रोडवेज विभाग अब बसों की लाइव ट्रैकिंग करेगा और लाइव लोकेशन भी ट्रेस की जाएगी. यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं. अक्सर बस चालकों की मनमानी और रूट डायवर्जन की शिकायतें मिलती रही हैं, ऐसे में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं.

नोएडा डिपो के एआरएम अनुराग ने बताया कि रोडवेज की सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस (वीटीएस) लगे हैं. जिसकी मदद से रूट, स्पीड, हॉल्ट और ड्राइवर की हैबिट (हार्श ब्रेकिंग) पर नजर रखी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस रोडवेज के लिए तीसरी आंख की तरह काम करती है. ऐसे में बसों की टाइमिंग सहित कई चीजों पर ऑफिस में बैठे नजर रखी जा सकेगी.

रोडवेज बसों की होगी ट्रैकिंग.

'यात्रियों की सुविधा उद्देश्य'
एआरएम ने जानकारी देते हुए कहा कि यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है. मॉनिटरिंग के जरिए बस समय से चल रही और सुरक्षित चल रही है, इस पर नजर बनाए रखना है क्योंकि मुख्य उद्देश्य रोडवेज बसों की स्पीड पर लगाम कसना और सुरक्षा देना है.

'224 बसों में लगी डिवाइस'
नोएडा डिपो में तकरीबन 224 बसें फ्लीट में है, जिनमें व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगे हुए हैं. मुख्यालय स्तर पर भी इसकी निगरानी की जाएगी. नोएडा डिपो में जलने वाली अधिकतर बसें लंबे रूट पर नहीं चलती, डिपो पूरी तरीके से सीएनजी बेस्ड हैं.

Intro:यूपी रोडवेज विभाग बसों की लाइव ट्रैकिंग करेगा, यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से बस बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। रोडवेज विभाग अब बसों पर निगरानी बनाए रखेगा और उनकी लाइव लोकेशन भी ट्रेस की जाएगी, अक्सर बस चालकों की मनमानी और रूट डायवर्जन की शिकायतें मिलती रही है ऐसे में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं।


Body:"रोडवेज़ बसों पर नज़र रखेगी तीसरी आंख"
नोएडा डिपो के एआरएम अनुराग ने बताया कि रोडवेज की सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस (वीटीएस) लगे हैं। जिसकी मदद से रूट, स्पीड, हॉल्ट और ड्राइवर की हैबिट (हार्श ब्रेकिंग)पर नज़र रखी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस रोडवेज के लिए तीसरी आंख की तरह काम करती है। ऐसे में बसों की टाइमिंग, निर्धारित समय से बस चल रही है या नहीं, बस कहां कितनी देर रुके सहित कई चीज़ों पर नजर ऑफिस में बैठ कर रखी जा सकेगी।

"यात्रियों की सुविधा उद्देश्य"
यारों में जानकारी देते हुए कहा कि यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। मॉनिटरिंग के जरिए बस समय से चल रही और सुरक्षित चल रही है इसपर नज़र बनाये रखना है क्योंकि मुख्य उद्देश्य स्पीड पर लगाम कसना और सुरक्षा देना है।


Conclusion:"224 बसों में लगी डिवाइस"
नोएडा डिपो में तकरीबन 224 बसें फ्लीट में है, जिनमें व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगे हुए हैं। मुख्यालय स्तर पर भी इसकी निगरानी की जाएगी। नोएडा डिपो में जलने वाली अधिकतर बसें लंबे रूट पर नहीं चलती, डिपो पूरी तरीके से सीएनजी बेस्ड है।
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