नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के साथ शाहबेरी वायर्स की मीटिंग शुक्रवार को रखी गई थी. मीटिंग में शाहबेरी बायर्स की समस्या का हल नहीं निकाल पाये. मीटिंग के बाद शाहबेरी बायर्स ने ईटीवी भारत के सामने अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि मीटिंग में नतीजा यह निकला कि बायर्स गलत हैं.
जानें शाहबेरी संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने क्या कहा-
मीटिंग में बायर्स को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं दिया गया जिससे अगर बिल्डिंग टूटेगी तो बायर्स का क्या होगा. बायर्स को मकान मिलेगा या उसको पैसे मिलेंगे या फिर बायर को किसी अन्य प्रकार की सुविधा मिलेगी. इस प्रकार का कोई भी आश्वासन सतीश महाना ने नहीं दिया है. साथ ही सतीश महाना ने सेफ्टी ऑडिट की बात की तो हमारा कहना था कि जांच के लिए हम तैयार हैं. बायर्स समिति ने बताया कि सेफ्टी ऑडिट की बात मीटिंग में हमने की थी और उसके लिए तैयार भी हैं लेकिन सेफ्टी ऑडिट कि क्या तय सीमा होगी. सेफ्टी समिति में शाहबेरी बायर्स को रखा जाएगा या नहीं. इन सभी सवालों का कोई जवाब हमें नहीं दिया गया है.
क्या है मुख्य मुद्दा-
शाहबेरी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नवीन त्यागी का कहना है कि मुख्य मुद्दा शाहबेरी बिल्डिंग को खाली करवाना है फिर तरीका चाहे कोई भी हो. सतीश महाना बायर्स को फायदा ही नहीं देना चाहते हैं.उनकी बातों से लग रहा था कि वो किसी भी तरह से शाहबेरी बिल्डिंग खाली करवाना चाहते हैं.
जानें बायर्स ने क्या कहा-
बायर्स का कहना है कि मंत्री बायर्स में गलती निकाल रहे हैं और बिल्डर पर अथॉरिटी केस कर रही है. मंत्री ने मीटिंग में कहा कि जो बिल्डिंग कमजोर होगा उसे तोड़ा जाएगा. ऐसे में बायर्स को क्या मिलेगा? इस सवाल का भी मीटिंग से हमें कोई जवाब नहीं मिला है. बायर्स का कहना है कि इसका मतलब यह हुआ कि हम टूटे हुए घर की भी EMI भरते रहेंगे, क्योंकि बिल्डिंग के लिए जो लोन हम सब ने लिया है, उसका EMI हमें 20 साल तक भरना है.
मीटिंग में कई दिग्गज रहे मौजूद-
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में शाहबेरी बायर्स की मीटिंग में बायर्स के साथ जिले के प्रभारी मंत्री और आबकारी मंत्री जयवीर सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, गौतमबुद्ध नगर सांसद डॉ महेश शर्मा विधायक धीरेंद्र सिंह और विधायक तेजपाल नागर मौजूद रहे.