नोएडा: जिले के सेक्टर-छह स्थित प्राधिकरण पर आए दिन किसानों के प्रदर्शन को देखा जा सकता है. किसानों के प्रदर्शन को शांतिपूर्वक कराने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए जाते हैं. प्रदर्शन के दौरान यहां 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जिसमें तीन थानों की पुलिस लगाई गई थी. थाना प्रभारी सहित सभी पर यह बड़ा सवाल खड़ा होता है कि शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कराने में लगे पुलिसकर्मी के क्षेत्र में अगर कोई बड़ी वारदात होती है तो उसका जिम्मेदार किसे माना जाएगा.
धरने में लगाये गए पुलिसकर्मी
किसानों का धरना शांतिपूर्ण तरीके से चले इसके लिए करीब 200 पुलिसकर्मी लगाए गए थे, जिसमें डीसीपी, एसीपी, तीन थाना प्रभारी, 18 उप निरीक्षक, 16 हेड कॉन्सेंटबल, 38 सिपाही इसके अतिरिक्त पीएसी और नोएडा प्राधिकरण की पुलिस भी धरने पर मौजूद रही.
कौन रोकेगा घटनाएं
इस धरना प्रदर्शन में 18 उप निरीक्षक में कई ऐसे उप निरीक्षक थे, जो चौकी प्रभारी भी हैं, थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी के साथ ही उनकी पुलिस भी उनके साथ तैनात है, उनके क्षेत्र में होने वाली किसी भी बड़ी वारदात को बदमाश आसानी से अंजाम देकर फरार हो सकते हैं, क्योंकि उन्हें मौके पर रोकने वाला कोई नहीं है और इस संबंध में अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं.
क्षेत्र और थाना छोड़ने से आने वाली समस्या
थाना प्रभारी या उपनिरीक्षक के अपने क्षेत्र को छोड़ने से क्षेत्र में होने वाली किसी भी घटना को रोक पाने में वह सक्षम नहीं होगा, क्योंकि जब तक वह जाएगा. तब तक अपराधी फरार हो चुका होगा. वहीं किसी भी पीड़ित को अपनी समस्या कहनी होगी तो यहां वहां भटकने के सिवा उसे कुछ नहीं मिलेगा.