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मोबाइल पर धड़केगा दिल का डाटा, कोरोना जांच भी करेगी पॉकेट साइज डिवाइस - ईसीजी की रिपोर्ट

नोएडा के एक युवक ने 3 साल की रिसर्च के बाद एक पॉकेट साइज डिवाइस का इनोवेशन किया है. जिससे घर बैठे हार्ट संबंधित, कोरोना संबंधित बीमारियों की जांच अब आसानी से की जा सकती है.

पॉकेट साइज डिवाइस का आविष्कार
पॉकेट साइज डिवाइस का आविष्कार
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Published : Apr 1, 2021, 10:45 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: एक पॉकेट साइज डिवाइस की मदद से घर बैठे हार्ट संबंधित, कोरोना संबंधित जांच आसानी से की जा सकती है. नोएडा के एक युवक ने 3 साल की रिसर्च के बाद सपनों को साकार किया है. डिवाइस की मदद से ECG, बॉडी टेम्प्रेचर, ब्लड प्रेशर, मेन्टल स्ट्रेस, ऑक्सिजन लेवल, कॉन्टैक्ट लेस इंफ्रारेड, SP O2 (फेफड़ों की जांच) जैसी जांच अब घर बैठे हो सकती है. कारवां 2 लोगों से शुरू हुआ और आज तकरीबन 40 लोगों को भारत और 5 लोगों को विदेशों में रोजगार दे रहे हैं. देशभर में तकरीबन 3 लाख से ज़्यादा लोग डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं.

पॉकेट साइज डिवाइस का आविष्कार


ऐसे काम करती है डिवाइस

डिवाइस बेहद सरल तरीके से ऑपरेट की जा सकती है. डिवाइस को इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल में साकेत लाइव एप को इंस्टॉल करना होगा. जिसकी मदद से डिवाइस, एप से सीधे तौर पर कनेक्ट हो जाती है. डिवाइस में तीन इलेक्ट्रोड होते हैं, साथ ही एक सेंसर है जिसकी मदद से यह बॉडी की जांच चंद मिनटों में पूरी कर आपको रिपोर्ट देती है. चंद मिनटों में इसी जी की पूरी रिपोर्ट आपके फोन के व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध हो जाती है. इसके अलावा एप में तकरीबन 200 डॉक्टर जुड़े हैं. रिपोर्ट आने के बाद या तो एप में मौजूद डॉटपर से परामर्श कर सकते हैं या तो नज़दीकी किसी भी डॉक्टर को दिखा सकते हैं.


कोविड के लिए कारगर

कोविड काल के दौरान लोग डॉक्टर्स और टेस्ट कराने से बच रहे हैं, क्योंकि संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है. लेकिन डिवाइस की मदद से ऑक्सिजन लेवेल और स्पॉट चेक Sp O2 (फेफड़ों की जांच) घर बैठे की जा सकती है.

ये भी पढ़ें:-रिकवर हेल्थकेयर और आईआईटी मद्रास को मिला इग्निशन ग्रांट्स अवार्ड



डिवाइस बनाने की क्यों पड़ी आवश्यकता

डिवाइस का इनोवेशन करने वाले राहुल रस्तोगी ने बताया कि पिता को हार्ट की समस्या थी, लेकिन रोज़ाना डॉक्टर के चक्कर लगाना संभव नहीं था. ऐसे में उन्होंने थाना के घर में ही डिवाइस बनाई जाए जिसकी मदद से घर बैठे ही ईसीजी की रिपोर्ट मिल सके. जिसके लिए उन्होंने अपनी 11 साल की नौकरी को बाय-बाय किया और 3 साल तक अपने प्रोजेक्ट पर रिसर्च की जिसके बाद उन्हें सफलता मिली है. उनका कारवां अपनी पत्नी के साथ शुरू हुआ था और रावटी में तकरीबन 45 लोग जुड़ चुके हैं जिन्हें रोजगार दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें:-कोरोना से जंग : इस तकनीक से 20 मिनट में एंटी-वायरस एंटीबॉडी का लग जाएगा पता

भविष्य की तैयारी

देश के नामी अस्पतालों में इस डिवाइस का ट्रायल हुआ है. संकेत लाइफ एप की मदद से घर बैठे जांच कर सकते हैं. 40% काम मशीन असेम्बल करती हैं और 60% काम मैनुअल किया जाता है. संकेत लाइफ एप एंड्रॉयड और एप्पल दोनों फोन को सपोर्ट करती है. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कोलेस्ट्रॉल, शुगर सहित अन्य जांच भी डिवाइस की मदद से की जा सकेगी.

नई दिल्ली/नोएडा: एक पॉकेट साइज डिवाइस की मदद से घर बैठे हार्ट संबंधित, कोरोना संबंधित जांच आसानी से की जा सकती है. नोएडा के एक युवक ने 3 साल की रिसर्च के बाद सपनों को साकार किया है. डिवाइस की मदद से ECG, बॉडी टेम्प्रेचर, ब्लड प्रेशर, मेन्टल स्ट्रेस, ऑक्सिजन लेवल, कॉन्टैक्ट लेस इंफ्रारेड, SP O2 (फेफड़ों की जांच) जैसी जांच अब घर बैठे हो सकती है. कारवां 2 लोगों से शुरू हुआ और आज तकरीबन 40 लोगों को भारत और 5 लोगों को विदेशों में रोजगार दे रहे हैं. देशभर में तकरीबन 3 लाख से ज़्यादा लोग डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं.

पॉकेट साइज डिवाइस का आविष्कार


ऐसे काम करती है डिवाइस

डिवाइस बेहद सरल तरीके से ऑपरेट की जा सकती है. डिवाइस को इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल में साकेत लाइव एप को इंस्टॉल करना होगा. जिसकी मदद से डिवाइस, एप से सीधे तौर पर कनेक्ट हो जाती है. डिवाइस में तीन इलेक्ट्रोड होते हैं, साथ ही एक सेंसर है जिसकी मदद से यह बॉडी की जांच चंद मिनटों में पूरी कर आपको रिपोर्ट देती है. चंद मिनटों में इसी जी की पूरी रिपोर्ट आपके फोन के व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध हो जाती है. इसके अलावा एप में तकरीबन 200 डॉक्टर जुड़े हैं. रिपोर्ट आने के बाद या तो एप में मौजूद डॉटपर से परामर्श कर सकते हैं या तो नज़दीकी किसी भी डॉक्टर को दिखा सकते हैं.


कोविड के लिए कारगर

कोविड काल के दौरान लोग डॉक्टर्स और टेस्ट कराने से बच रहे हैं, क्योंकि संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है. लेकिन डिवाइस की मदद से ऑक्सिजन लेवेल और स्पॉट चेक Sp O2 (फेफड़ों की जांच) घर बैठे की जा सकती है.

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डिवाइस बनाने की क्यों पड़ी आवश्यकता

डिवाइस का इनोवेशन करने वाले राहुल रस्तोगी ने बताया कि पिता को हार्ट की समस्या थी, लेकिन रोज़ाना डॉक्टर के चक्कर लगाना संभव नहीं था. ऐसे में उन्होंने थाना के घर में ही डिवाइस बनाई जाए जिसकी मदद से घर बैठे ही ईसीजी की रिपोर्ट मिल सके. जिसके लिए उन्होंने अपनी 11 साल की नौकरी को बाय-बाय किया और 3 साल तक अपने प्रोजेक्ट पर रिसर्च की जिसके बाद उन्हें सफलता मिली है. उनका कारवां अपनी पत्नी के साथ शुरू हुआ था और रावटी में तकरीबन 45 लोग जुड़ चुके हैं जिन्हें रोजगार दे रहे हैं.

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भविष्य की तैयारी

देश के नामी अस्पतालों में इस डिवाइस का ट्रायल हुआ है. संकेत लाइफ एप की मदद से घर बैठे जांच कर सकते हैं. 40% काम मशीन असेम्बल करती हैं और 60% काम मैनुअल किया जाता है. संकेत लाइफ एप एंड्रॉयड और एप्पल दोनों फोन को सपोर्ट करती है. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कोलेस्ट्रॉल, शुगर सहित अन्य जांच भी डिवाइस की मदद से की जा सकेगी.

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