नोएडाः कोरोना वायरस बीमारी की आड़ में अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं. अक्सर मरीजों की हालत गंभीर होने के बावजूद उन्हें दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दी जाती है. वहीं समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीजों की मौत हो जा रही है.
ऐसा ही एक मामला नोएडा से सामने आया है. जहां 8 महीने की गर्भवती एक महिला को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा. प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों ने भी महिला को भर्ती करने से मना कर दिया. जिस अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा था, उसने भी दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दे डाली. जिसके बाद गर्भवती महिला ने ग्रेटर नोएडा के अस्पताल के गेट पर ही एंबुलेंस में दम तोड़ दिया.
मामले को तूल पकड़ता देख जिला प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अपर जिलाधिकारी की टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं. मरने वाली गर्भवती महिला गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी की रहने वाली थी.
प्राइवेट अस्पतालों पर महिला को एडमिट नहीं करने का आरोप
जेम्स हॉस्पिटल, मैक्स, एएसआई, जिला अस्पताल, शिवालिक, शारदा अस्पतालों पर आरोप है कि उन्होंने महिला को एडमिट करने से मना कर दिया था. जिसके बाद गर्भवती महिला ने जेम्स अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. के द्वारा पूरे प्रकरण की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक अहोरी को सौंपी गई है. जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस प्रकरण में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.