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गौतमबुद्ध नगरः सोसायटी में एक ही कंपनी से इंटरनेट लेने की बाध्यता खत्म

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Published : Aug 24, 2020, 8:58 AM IST

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी को लेकर एक आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा है कि एक सर्विस प्रोवाइडर की बाध्यता सोसायटी और आरडब्ल्यूए खत्म करें, वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी.

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इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनियों को डीएम की हिदायत.

नोएडाः गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बड़ा निर्णय लेते हुए सोसायटी में एक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से इंटरनेट सेवा लेने की बाध्यता को खत्म कर दिया है. डीएम ने आदेश दिया है कि किसी भी सोसायटी में कस्टमर को बिल्डर और आरडब्ल्यूए किसी विशेष सर्विस प्रोवाइडर इंटरनेट कनेक्शन लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है. ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.

इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनियों को डीएम की हिदायत.

जिलाधिकरी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अगर बिल्डर और आरडब्ल्यूए किसी विशेष सर्विस प्रोवाइडर से इंटरनेट कनेक्शन लेने के लिए बात करती है तो यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 का उल्लंघन माना जाएगा. धारा 51 के तहत एक से दो साल की सजा और अर्थदंड की कार्रवाई होगी. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ज्यादातर सोसायटी में बिल्डरों ने केवल एक इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से ही सेवा देने का अधिकार दिया है. बिल्डरों की मनमानी से सभी सोसायटी के निवासी परेशान हैं.

दरअसल, लॉकडाउन के कारण ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. बच्चों की भी ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं. ऐसे में सर्विस प्रोवाइडर मनमाफिक शुल्क वसूल रहे हैं. लोगों की परेशानी को देख कर नफोवा ने इसकी शिकायत जेवर विधायक, दादरी विधायक और जिलाधिकरी से की.

विधायक ने जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र भी लिखा. लोगों की परेशानी को देखकर डीएम ने यह आदेश जारी किया है और कहा है कि एक सर्विस प्रोवाइडर की बाध्यता सोसायटी और आरडब्ल्यूए खत्म करें, वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी.

नोएडाः गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बड़ा निर्णय लेते हुए सोसायटी में एक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से इंटरनेट सेवा लेने की बाध्यता को खत्म कर दिया है. डीएम ने आदेश दिया है कि किसी भी सोसायटी में कस्टमर को बिल्डर और आरडब्ल्यूए किसी विशेष सर्विस प्रोवाइडर इंटरनेट कनेक्शन लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है. ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.

इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनियों को डीएम की हिदायत.

जिलाधिकरी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अगर बिल्डर और आरडब्ल्यूए किसी विशेष सर्विस प्रोवाइडर से इंटरनेट कनेक्शन लेने के लिए बात करती है तो यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 का उल्लंघन माना जाएगा. धारा 51 के तहत एक से दो साल की सजा और अर्थदंड की कार्रवाई होगी. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ज्यादातर सोसायटी में बिल्डरों ने केवल एक इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से ही सेवा देने का अधिकार दिया है. बिल्डरों की मनमानी से सभी सोसायटी के निवासी परेशान हैं.

दरअसल, लॉकडाउन के कारण ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. बच्चों की भी ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं. ऐसे में सर्विस प्रोवाइडर मनमाफिक शुल्क वसूल रहे हैं. लोगों की परेशानी को देख कर नफोवा ने इसकी शिकायत जेवर विधायक, दादरी विधायक और जिलाधिकरी से की.

विधायक ने जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र भी लिखा. लोगों की परेशानी को देखकर डीएम ने यह आदेश जारी किया है और कहा है कि एक सर्विस प्रोवाइडर की बाध्यता सोसायटी और आरडब्ल्यूए खत्म करें, वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी.

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