नोएडा: कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को है, लेकिन आज आपको बताते हैं ऐसे 60 साल से लेकर 81 साल तक के बुजुर्गों के बारे में जिन्होंने कोरोना से जंग जीती और स्वस्थ होकर घर लौटे. मतलब साफ है कि अगर आपके अंदर हिम्मत और जज्बा हो तो हर मुसीबत से पार पाया जा सकता है. यह बात गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस के साथ चल रही जंग में यहां के बुजुर्गों ने साबित कर दिखाया है.
कोरोना को मात देने वाले बुजुर्गों की उम्र
- 03 अप्रैल को जिम्स से 62 वर्षीय वृद्धा डिस्चार्ज किया गया
- 16 अप्रैल को दिल्ली से 67 वर्षीया वृद्धा को छुट्टी मिली
- 20 अप्रैल को चाइल्ड पीजीआई से 63 वर्षीय वृद्ध स्वस्थ हुए
- 22 अप्रैल को चाइल्ड पीजीआई से 80 वर्षीय बुजुर्ग ठीक होकर गए
- 26 अप्रैल को जिम्स से 81, 73 और 78 वर्षीय तीन वृद्धा ठीक होकर लौटीं
एक मरीज देख चुके हैं जीवन के 81 बसंत
कहते हैं कि बुढ़ापा अपने आप में एक बीमारी है, क्योंकि बुढ़ापे में प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है और कई बीमारियों को घर बनाने का अवसर मिल जाता है. कोरोना वायरस ने विश्व में बुजुर्गों और बच्चों को अपना ज्यादा शिकार बनाया है, लेकिन गौतमबुद्ध नगर राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में भर्ती कोरोना संक्रमित 8 मरीज जब कोरोना वाइरस को मात देकर बाहर निकले तो इन मरीजों में 82 साल की उर्मिला व 79 साल के गोपाल कपिल भी शामिल थे, जो पहले से ही बीपी, हाइपर टेंशन के मरीज थे. इसके वावजूद अपने जज्बे और हिम्मत से करोना को मात दी, बुजुर्गों का रिकवरी रेट देख डॉक्टर भी हतप्रभ हैं, जिम्स, शारदा और दिल्ली से बुजुर्ग मरीजों को छुट्टी मिली है. हालांकि 50 से 60 वर्षीय रोगियों के बीच में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी सात ही है.
क्या कह रहे जिम्स के निदेशक
जिम्स निदेशक डॉक्टर (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता ने बताया कि बुजुर्गों के लिए पोषक तत्व युक्त खानपान के साथ नियमित दवाओं से सेहत में हो रहे उतार-चढ़ाव का विशेष तौर पर ख्याल रखा गया. अधिकांश मरीजों को मलेरिया समेत अन्य दवा दी गईं, जिस थेरेपी का असर अधिक हुआ उसे जारी रखा गया. परिणाम मरीजों के स्वस्थ होने के रूप में सामने आया. स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 60 साल से ज्यादा उम्र के 7 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिनमें से तीन मरीज 75 वर्ष के पड़ाव को पार कर चुके हैं.