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बाल मजदूरी के दलदल से 314 बच्चों को निकाला बाहर, SSP ने किया सम्मानित

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Published : Sep 30, 2021, 9:23 AM IST

यूपी की फिरोजाबाद पुलिस ने इंसानियत की मिशाल पेश करते हुए ऐसा काम किया जिसकी वजह से महकमें का पूरे प्रदेश में नाम हुआ है. पुलिस की एएचटीयू टीम ने 314 बालकों को घुटनभरी जिंदगी से मुक्त कराकर उनका पुनर्वास किया है.

बाल मजदूरी के दलदल से 314 बच्चों को निकाला बाहर
बाल मजदूरी के दलदल से 314 बच्चों को निकाला बाहर

फिरोजाबाद : जिले में पुलिस की एएचटीयू टीम ने 314 बालकों को घुटनभरी जिंदगी से मुक्त कराकर उनका पुनर्वास किया है. बाल मजदूरी से मुक्त कराने के इस कार्य में फिरोजाबाद पूरे प्रदेश में अव्वल आया है. एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला ने इसके लिए पुलिस टीम को सम्मानित भी किया है.

कम उम्र में जिन बच्चों के हाथों में किताबें और कलम होनी चाहिए. ऐसे बच्चों को सड़क पर कूड़ा उठाते हुए और बाल मजदूरी करते देखा जा सकता है. ऐसी तस्वीरें इंसानियत को शर्मसार करती हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण यह बच्चे पढ़ाई-लिखाई के बजाए यह सब काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं, लेकिन अच्छी बात यह है फिरोजाबाद पुलिस ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

फिरोजाबाद पुलिस की एएचटीयू टीम ने पिछले कुछ दिनों में ऐसे ही 314 बच्चों को इस दलदल से मुक्त कराकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा है. उनके अभिभावकों के लिए न केवल रोजगार की व्यवस्था की गई, बल्कि बाल श्रमिकों के लिए संचालित स्कूलों में ऐसे बालकों का एडमिशन भी कराया गया है. इस मामले में फिरोजाबाद जिला पूरे प्रदेश में अव्वल आया है. यह सब लेबर डिपार्टमेंट द्वारा चलाए गए नो चाइल्ड लेबर अभियान के तहत संभव हुआ है, जिसमें श्रम विभाग और पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान के तहत इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया है.

फिरोजाबाद के एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला ने इन सभी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया और उनकी हौसला अफजाई की. इस कार्य के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के तहत इसी टीम की महिला आरक्षी रिंकी सिंह को लखनऊ में सम्मानित किया था.

फिरोजाबाद : जिले में पुलिस की एएचटीयू टीम ने 314 बालकों को घुटनभरी जिंदगी से मुक्त कराकर उनका पुनर्वास किया है. बाल मजदूरी से मुक्त कराने के इस कार्य में फिरोजाबाद पूरे प्रदेश में अव्वल आया है. एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला ने इसके लिए पुलिस टीम को सम्मानित भी किया है.

कम उम्र में जिन बच्चों के हाथों में किताबें और कलम होनी चाहिए. ऐसे बच्चों को सड़क पर कूड़ा उठाते हुए और बाल मजदूरी करते देखा जा सकता है. ऐसी तस्वीरें इंसानियत को शर्मसार करती हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण यह बच्चे पढ़ाई-लिखाई के बजाए यह सब काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं, लेकिन अच्छी बात यह है फिरोजाबाद पुलिस ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

फिरोजाबाद पुलिस की एएचटीयू टीम ने पिछले कुछ दिनों में ऐसे ही 314 बच्चों को इस दलदल से मुक्त कराकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा है. उनके अभिभावकों के लिए न केवल रोजगार की व्यवस्था की गई, बल्कि बाल श्रमिकों के लिए संचालित स्कूलों में ऐसे बालकों का एडमिशन भी कराया गया है. इस मामले में फिरोजाबाद जिला पूरे प्रदेश में अव्वल आया है. यह सब लेबर डिपार्टमेंट द्वारा चलाए गए नो चाइल्ड लेबर अभियान के तहत संभव हुआ है, जिसमें श्रम विभाग और पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान के तहत इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया है.

फिरोजाबाद के एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला ने इन सभी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया और उनकी हौसला अफजाई की. इस कार्य के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के तहत इसी टीम की महिला आरक्षी रिंकी सिंह को लखनऊ में सम्मानित किया था.

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