फिरोजाबाद: डेंगू महामारी के दौर में फिरोजाबाद का मेडिकल कॉलेज प्रशासन सवालों के घेरे में है. मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों की संख्या में इजाफा होता देख डॉक्टर वार्ड में भर्ती मरीजों की जबरन छुट्टी कर रहे हैं, जबकि मरीज की हालत ठीक नहीं है. ऐसे एक या दो केस नहीं, बल्कि कई मामले सामने आए हैं. इधर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने यह सफाई दी है कि ठीक होने के बाद मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि जिनकी तबीयत में सुधार है उन्हीं लोगों की छुट्टी की जा रही है.
यही वजह है कि पिछले दिनों कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें यह साफ देखा जा सकता था कि इलाज न मिलने से परेशान होकर मरीज के तीमारदारों द्वारा मेडिकल कॉलेज के बाहर ही एक पार्क में उन्हें लिटाकर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखकर अपने बालक का तापमान कम कर रहे थे. हालांकि मेडिकल कॉलेज लगातार यह दावा कर रहा है कि उसके पास पर्याप्त इंतजाम है. 30 अगस्त को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे पर आए थे, तो उन्होंने भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हिदायत दी थी कि यहां पर मैन पावर बढ़ाई जाए.
इसके बाद मेडिकल कॉलेज में 25 नए डॉक्टरों की तैनाती हुई है. इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं. कॉलेज में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ने से कॉलेज प्रशासन भी परेशान है. आरोप है कि बीमार मरीजों की जबरन छुट्टी की जा रही है. इधर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा का कहना है कि जबरन छुट्टी की बात गलत है. डॉक्टर जिन्हें डिस्चार्ज की सलाह देते हैं, उनकी ही छुट्टी की जा रही है.
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